सिंह देव के इस्तीफ़े पर रमन सिंह का बयान ; मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच भारी मतभेद हैं

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने टीएस सिंह देव के इस्तीफे के बाद भूपेश बघेल को घेरते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि टीएस सिंहदेव जी के इस्तीफे से यह बात साफ हो गई है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच भारी मतभेद हैं। भूपेश सरकार में मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं है, अभी तो एक ने इस्तीफा दिया है, सब मंत्रियों-विधायकों के मन में भी भारी आक्रोश है, देखना बड़ा विस्फोट होगा। टी एस सिंह देव छत्तीसगढ़ सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री हैं। सिंहदेव ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने सरकार को यहां तक लाने में और उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

उन्होंने कहा कि TS सिंह देव सरकार के दूसरे नंबर का मंत्री है। यदि ऐसेमंत्री को कहना पड़ेगा कि मेरे धैर्य की सीमा टूट चुकी है, मैं इस पद को धारण नहीं कर सकता। इसका मतलब सरकार में मंत्रियों की क्या स्थिति है ?

सबसे पहले कारण जो अपने पत्र में बताया है प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हमने गरीबों को वादा किया था कि 8, लाख आवास देंगे। राज्य सरकार ने इसकी मंज़ूरी नहीं दी, गरीबों को आवास बनने नहीं दिया। उसको मैं 8,00,000 नहीं मानता बल्कि यह 16 लाख आवास है। 10,000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट छत्तीसगढ़ में आता वो 10,000 करोड़ का नुक़सान छत्तीसगढ़ को हुआ है। आठ लाख गरीबों के लिए आवास मंत्री उनके घरों में ख़ुशहाली आती TS सिंहदेव निराश है कि वो गरीबों को आवास नहीं दे पाए। चार साल लगभग होते होते आवास नहीं दे पाए इस लिए राज्य सरकार को दोषी बताया है।

दूसरा विषय ये रहा कि मंत्री अपने विभाग के अधीन चल रहे कार्यों का प्रशासनिक स्वीकृति देने का काम करता है। उस कार्यों का अनुमोदन करने का अधिकार उस विभाग के मंत्री को है। लेकिन आश्चर्य होता है कि पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में कार्यों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की कमिटी बनायी गई है। इसमें TS सिंह देव से 5 सौ करोड़ के कार्यों को स्वीकृति देने का अधिकार छीन लिया गया है। ये सारे अधिकार प्रदेश के चीफ़ सेक्रेटरी और सेक्रेटरियों को है।

तीसरा विषय जो महत्वपूर्ण है जो उन्होंने आरोप लगाया है, पेसा क़ानून को लेकर कैबिनेट में उसकी पेशी बदल दी गई। जो प्रारूप विभाग के द्वारा भेजा गया था जिसके केंद्र में जल जंगल ज़मीन को महत्वपूर्ण बिंदु रखे गए थे। बिना विश्वास में लिए इसे बदल दिया गया। जो भी जान घोषणा पत्र में जनता से वादा किया गया था अब उससे धोखा किया गया है। एक साज़िश के तहत रोज़गार सहायकों से हड़ताल करवाकर मनरेगा के कार्यों को प्रभावित किया गया। राज्य सरकार के द्वारा हड़ताल को ख़त्म करने के लिए कमेटी बनायी गई लेकिन हड़ताल ख़त्म नहीं हुआ। भार साधक मंत्री जिन का अधिकार है लेकिन वो अधिकार छीन लिया गया बड़े से बड़े कार्य हो रहे थे मंत्री से नहीं पूछा गया। यही स्थिति छत्तीसगढ़ के सभी मंत्रियों का है। TS सिंह देव हिम्मत करके इस्तीफ़ा दे दिया है। बाक़ी लोग मन ही मन में आक्रोशित हैं नाराज़ है।

एक दिन ऐसा विस्फोट होगा कि हमने देखा है कि जो महाराष्ट्र में स्थिति हो रही है। सरकार धरी की धरी रह गई और सारे लोग बग़ावत में आ गए। ऐसे ही स्थिति धीरे धीरे बनेगी।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button