खाद्य तेलों की कीमतों में अब दिखने लगी है राहत, अडानी विल्मर ने किया कीमतों में कटौती का ऐलान

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मुंबई : खाद्य तेलों की कीमतों में अब राहत दिखने लगी है। एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियां सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का फायदा अब उपभोक्ताओं तक पहुंचाने लगी हैं। एफएमसीजी सेक्टर की कंपनी अडानी विल्मर ने शनिवार को अपने खाद्य तेल की कीमतों में कटौती का ऐलान किया है, कीमतों में ये कटौती सरकार के द्वारा कमोडिटी पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के बाद की गई है। अडानी विल्मर ने जानकारी दी कि उसने अलग-अलग उत्पादों की कीमतों में 10 रुपए तक की कमी की है। कंपनी ने जानकारी दी है कि नए कीमतों के साथ स्टॉक जल्द ही बाजार में उतार दिया जाएगा।

कंपनी ने आज एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि उसने फॉर्च्यून सनफ्लावर ऑयल के एक लीटर पैक की कीमत को 220 रुपए प्रति लीटर से घटा कर 210 रुपए प्रति लीटर कर दिया है। वहीं फॉर्च्यून सोयाबीन और फॉर्च्यून कच्ची घानी सरसों तेल की एक लीटर पैक की कीमत को 205 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 195 रुपए कर दिया है। कंपनी ने कहा कि तेल की कीमतों में यह कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने की वजह से की गई है क्योंकि इससे तेल की लागत घटी है।

फैसले की जानकारी देने के साथ अडानी विल्मर के एमडी और सीईओ अंगशु मलिक ने कहा कि हम लागत में गिरावट का लाभ अपने ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही एमडी ने उम्मीद जताई कि कीमतों में गिरावट से मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी। खाद्य तेलों की एक श्रृंखला के अलावा, अडानी विल्मर के उत्पादों में चावल, आटा, चीनी, बेसन, रेडी-टू-कुक खिचड़ी, सोया चंक्स और अन्य शामिल हैं।

साल 2021-22 में खाद्य तेलों की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला था। विदेशी बाजारों में कीमतों में तेजी की वजह से भारत में भी कीमतें बढ़ी और कीमतें फिलहाल अपने ऊंचे स्तरों के करीब ही हैं। भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरत का करीब आधा हिस्सा विदेशों से खरीदता है। इसी वजह से विदेशी बाजारों में तेजी से भारत में भी असर पड़ा। सरकार के द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से कंपनियों की लागत कम हुई है और वो इसका फायदा ग्राहकों को दे रही हैं।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button