रॉबर्ट वाड्रा को राउंड 28 अगस्त तक कोर्ट में पेश होने का नोटिस, ED ने बताया ‘स्पष्ट मनी लॉन्ड्रिंग केस’

नई दिल्ली

दिल्ली की एक अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने वाड्रा का ये नोटिस शिकोहापुर जमीन मामले को लेकर दिया है. ईडी ने इस मामले कोर्ट को बताया था कि रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइड कंपनी ने उच्च अधिकारियों के दबाव में व्यावसायिक आवास विकास के लिए लाइसेंस हासिल किया. 

ईडी ने कोर्ट के सामने तर्क दिया कि लाइसेंस की फाइलों को जल्दबाजी में संसाधित किया गया और वित्तीय क्षमता की जांच नहीं की गई. लाइसेंस अनुचित प्रभाव और पूर्व-आवश्यकताओं को दरकिनार करके प्राप्त किया गया. ED ने वाणिज्यिक लाइसेंस जारी करने के लिए ज़िम्मेदार सरकारी अधिकारियों के बयान भी पेश किए.कंपनी ने चार स्तर पर पैसे लिए. 

रॉबर्ट वाड्रा पर ED के गंभीर आरोप

राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच एजेंसी ED ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस मामले में जांच एजेंसी के पास रॉबर्ट वाड्रा को लेकर अहम सबूत हैं और यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक मजबूत उदाहरण है, जहां अपराध की आय से अचल संपत्तियां खरीदी गईं.

सबूत स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि अपराध की आय को प्राप्त किया गया, परत-दर-परत छुपाया गया और उसका फायदा उठाया गया. कोर्ट में वकील ने दलील देते हुए कहा कि यह अदालत इस मामले की सुनवाई करने के लिए सक्षम है क्योंकि अपराध की कुछ गतिविधियां दिल्ली में भी हुई थीं.

यह मामला वर्ष 2008 में के गुरुग्राम स्थित शिकोहपुर गांव में जमीन खरीद से जुड़ा है, जिसे राॅबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा था।

ईडी ने 17 जुलाई 2025 को दाखिल अपनी शिकायत में वाड्रा, उनकी कंपनी स्काइलाइट हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सत्यानंद याजी, केवल सिंह वीरक समेत 11 व्यक्तियों और संस्थाओं को आरोपित बनाया है।

प्रारंभिक प्राथमिकी गुरुग्राम पुलिस ने दर्ज की थी, जिसमें जमीन की धोखाधड़ी से खरीद और अवैध लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है। ईडी ने 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियों को 16 जुलाई को अस्थायी रूप से जब्त किया था।

2008 की जमीन डील पर मनी लॉन्ड्रिंग केस

ED ने 17 जुलाई 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में कुल 11 लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, उनके सहयोगी सत्यानंद याजी, केवल सिंह विरक और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं.

मामला गुरुग्राम के सेक्टर 83, गांव शिकोहपुर की 3.53 एकड़ ज़मीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है, जो साल 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने खरीदी थी. आरोप है कि इस डील में झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ और पर्सनल इनफ्लुएंस से कमर्शियल लाइसेंस भी लिया गया.

28 अगस्त को अगली सुनवाई तय

इस मामले में पहले ही FIR नंबर 288, दिनांक 01.09.2018 को गुरुग्राम पुलिस ने दर्ज की थी. अब ED ने जांच के बाद 16 जुलाई 2025 को 43 प्रॉपर्टीज (37.64 करोड़ रुपये की) अटैच की हैं और फिर चार्जशीट फाइल की गई है. फिलहाल, राउज एवेन्यू कोर्ट अब 28 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करेगा.

ED ने कोर्ट में कहा कि जांच में पता चला है कि वाड्रा की कंपनी को 42.62 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है, जो दिल्ली में स्तरीकृत थे, जिसके कारण इस न्यायालय का अधिकार क्षेत्र समाप्त हो गया. आपको बता दें कि इस इस मामले की सुनवाई 31 जुलाई को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में संक्षिप्त रूप से हुई. मामले की सुनवाई के दौरान, ईडी ने एक बड़ा दावा किया है कि स्काईलाइट ने शीर्ष स्तर के दबाव का उपयोग करके वाणिज्यिक आवासीय विकास के लिए लाइसेंस प्राप्त किया. 

 

India Edge News Desk

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