भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को मजबूत करने की दिशा में उठाया जा रहा है, रूस-चीन से निर्भरता कम करेगा भारत

नई दिल्ली
भारत सरकार व्यापार असंतुलन को कम करने और चीन व रूस जैसे देशों पर निर्भरता घटाने के लिए अमेरिका से उर्वरक आयात बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को मजबूत करने की दिशा में उठाया जा रहा है, ताकि भारतीय निर्यात को अमेरिकी बाजारों में बेहतर पहुंच मिल सके। सरकार भारत के पक्ष में व्यापार संतुलन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंताओं को दूर करना चाहती है।

क्या है पूरा मामला
भारत दुनिया के सबसे बड़े उर्वरक आयातकों में से एक है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में 8.3 बिलियन डॉलर मूल्य के उर्वरक आयात किए। हालांकि, अमेरिका से उर्वरक आयात का हिस्सा बेहद कम है, जो मात्र 300,000 डॉलर का रहा। सरकार का लक्ष्य अमेरिका के साथ व्यापार घाटे को कम करना है, जो 2024-25 में 41.18 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इस दौरान भारत का अमेरिका को निर्यात 11.6% बढ़कर 86.51 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 7.44% बढ़कर 45.33 बिलियन डॉलर रहा। ट्रंप सरकार इस बात को लेकर चिंता जताती रही है कि उसका भारत के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है।

चीन और रूस पर निर्भरता कम करने की रणनीति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में भारत के प्रमुख उर्वरक आपूर्तिकर्ता देशों में रूस, सऊदी अरब, ओमान, चीन और मोरक्को शामिल हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से उर्वरक आयात में भारी वृद्धि हुई, जिससे भारत का रूस के साथ व्यापार घाटा बढ़ गया। सरकार अब इस निर्भरता को कम करने के लिए अमेरिका से आयात बढ़ाने पर जोर दे रही है। यह कदम न केवल व्यापार संतुलन को बेहतर करेगा, बल्कि भारत के विशाल कृषि क्षेत्र को भी समर्थन देगा, जो देश की लगभग आधी वर्कफोर्स को रोजगार देता है।

व्यापार समझौते की संभावनाएं
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते का मुख्य फोकस टैरिफ कम करके व्यापार अंतर को पाटना है। इसके बदले में भारत को अपने श्रम-प्रधान निर्यात, जैसे चमड़ा और वस्त्र उत्पादों, के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार अमेरिकी वाहनों, व्हिस्की और कृषि उत्पादों जैसे सामानों के आयात को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।

एलएनजी आयात में पहले से प्रगति
उर्वरक आयात से पहले, भारत ने अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में, भारतीय तेल निगम ने अमेरिकी कंपनी ट्रैफिगुरा के साथ पांच साल का एलएनजी आयात समझौता किया है, जिसके तहत इस वर्ष तीन से चार शिपमेंट और अगले वर्ष से छह शिपमेंट प्रतिवर्ष आयात किए जाएंगे। इसके अलावा, गेल इंडिया ने अमेरिका में एक एलएनजी परियोजना में 26% हिस्सेदारी और 15 साल के गैस सोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली आमंत्रित की है।

आर्थिक और सामरिक महत्व
यह कदम न केवल आर्थिक, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करके भारत न केवल अपनी व्यापार स्थिति को बेहतर करेगा, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में भी अपनी स्थिति को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति भारत को ग्लोबल सप्लाई चैन में अधिक आत्मनिर्भर और विविध बनाने में मदद करेगी।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button