प्रशासन का भू-रिकार्ड गड़बड़, भोपाल में ही 30 हजार लोग हैं पटवारी, तहसीलदार के चक्कर लगाने को मजबूर

भोपाल
भोपाल जिले के राजस्व कार्यालयों में भू-रिकार्ड में कुछ गड़बड़ है। अभी केवाइसी शुरू हुई तो लोगों को दस्तावेजों में गड़बड़ी की बात पता चली। ऐसे 30 हजार से अधिक भू-स्वामी अब परेशान हैं। उनके पास मालिकाना दस्तावेज हैं, लेकिन सरकारी रिकार्ड में जो दस्तावेज हैं, उनकी कहानी कुछ और निकल रही है।

पोर्टल पर कर सकते हैं आवेदन
यदि आपकी जमीन के रिकार्ड में कोई गड़बड़ी है तो आप ऑनलाइन पोर्टल पर ही आवेदन कर सुधार की प्रक्रिया शुरू करवा सकते हैं। राजस्व विभाग ने इसके लिए आरसीएमएस पोर्टल तय किया हुआ है। यहां जमीन से जुड़े तमाम मामलों को दर्ज कराने से लेकर उनकी सुनवाई और उनसे जुड़ी राहत प्राप्त की जा सकती है।
 
इस तरह समझें स्थिति
मामला एक – हिनोतिया आलम में एक निजी स्कूल से लगी जमीन 2010 तक निजी नाम से चढ़ी हुई थी। यहां करीब 50 हजार वर्गफीट जमीन दस लोगों को विक्रय भी हुई। 2011 में भूमि रिकार्ड सुधार में इस जमीन को सरकारी दर्ज कर दिया गया। अब ये लोग जमीन को अपने नाम दर्ज कराने पटवारी से लेकर अधिकारियों तक के चक्कर लगा रहे हैं।
मामला दो – राजहर्ष कालोनी के सनखेड़ी रोड किनारे के क्षेत्र में करीब तीस साल बाद यहां लोगों को नोटिस दिए जा रहे हैं। बताया जा रहा कि 2011 में ये जमीन अन्य किसी के नाम दर्ज हो गई, जबकि लोगों के पास अपने घरों की रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज है। तहसीलदार कोर्ट में इन्हें इसी माह उपस्थित होकर जवाब देना है।

फैक्ट फाइल –
2.99 लाख भूमि स्वामी की जमीनें उनके आधार से लिंक करने का लक्ष्य तय किया था।
2.70 लाख से अधिक भूमि स्वामी अब भी जमीन से अपनी पहचान नहीं जुड़वा पाएं।
.60 लाख प्रकरण नक्शा तरमीम और रिकार्ड दुरुस्त करने के प्रकरण हैं।
1.48 लाख प्रकरण अभी लंबित है।

 

India Edge News Desk

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