उम्मीद पोर्टल की धीमी गति से वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण प्रभावित, समय सीमा बढ़ाने की मांग

 खंडवा

देशभर में इस समय वक्त संपत्तियों को लेकर मुस्लिम समाज परेशान दिख रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट से जारी निर्देशों के बाद केंद्र सरकार के द्वारा सभी वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने के लिए एक केंद्रीय कृत वेब पोर्टल बनाया गया है, जिसका नाम उम्मीद पोर्टल है। हालांकि यही उम्मीद पोर्टल मुस्लिम समाज जन को न उम्मीद करता दिख रहा है और बीते कुछ दिनों से लगातार इस पोर्टल का सर्वर स्लो चलने के चलते वक्फ संपत्तियां इस पर दर्ज नहीं हो पा रही हैं । वहीं] मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 15 हजार से अधिक वक्फ संपत्तियां मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड में दर्ज हैं, जबकि इनमें से लगभग 6 हजार वक्फ संपत्ति ही इस समय तक केंद्रीयकृत वेब पोर्टल उम्मीद पर दर्ज हो पाई हैं और इसकी अंतिम समय सीमा 5 दिसंबर तय की गई हैं, ऐसे में बची हुई संपत्तियां दर्ज हो पाना नामुमकिन है।

वहीं इसको लेकर मध्य प्रदेश के खंडवा सहित प्रदेश और देश भर में वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने की समय सीमा बढ़ाये जाने को लेकर आवाज उठाई जा रही है। इसी बीच खंडवा के मुस्लिम समाज ने भी गुरुवार शाम जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंप कर तारीख आगे बढ़ाई जाने की मांग की है। यही नहीं खंडवा शहर काजी और मुस्लिम जनप्रतिनिधि एवं समाज के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को दर्ज किए जाने की समस्या के चलते राष्ट्रपति और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरण रिजजू से गुहार लगाई है कि वे इस समस्या को देखते हुए अंतिम समय सीमा को लगभग 6 माह तक आगे बढ़ाएं, जिससे कि सभी वक्फ संपत्तियां दर्ज की जा सकें।

इस दौरान ज्ञापन देने पहुंचे शहर काजी सैयद निसार अली ने बताया कि वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने वाला उम्मीद पोर्टल या तो चल ही नहीं रहा है या फिर इतना स्लो चल रहा है कि एक-एक संपत्ति को दर्ज करने में पूरा-पूरा दिन ही निकल जा रहा है। हालात यह हैं कि अब तक मात्र 30 प्रतिशत वक्फ संपत्तियां ही इस पोर्टल पर दर्ज हो पाई हैं, ऐसे में अल्पसंख्यक और खासकर मुस्लिम समाज के अधिकारों और उनकी वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने हेतु अंतिम समय सीमा बढ़ाई जाना चाहिए, और इसको लेकर ही उन्होंने राष्ट्रपति के साथ ही देश के पीएम नरेंद्र मोदी से भी इस समय सीमा को बढ़ाये जाने की गुहार लगाई है। 

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