GST सुधार की पूरी कहानी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खोले राज़

नई दिल्ली 
जीएसटी में व्यापक सुधार रातों-रात नहीं हुआ बल्कि इसकी शुरुआत माल एवं सेवा कर परिषद की पिछले साल दिसंबर में जैसलमेर में हुई बैठक से पहले ही हो गयी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फोन कर जीएसटी को व्यवसायों के लिए सुविधाजनक बनाने और दरों को युक्तिसंगत बनाने को कहा था, जिसके बाद इस पर काम तेजी से आगे बढ़ा। यह बात स्वयं सीतारमण ने बतायी।

इसके परिणामस्वरूप सरल जीएसटी प्रणाली का रास्ता साफ हुआ जिसमें कर की दरें कम हैं। इससे एक तरफ जहां कंपनियों के लिए अनुपालन का बोझ कम हुआ है वहीं रोजमर्रा के इस्तेमाल के समेत लगभग 400 वस्तुओं पर कर दरें कम हुई हैं।

सीतारमण ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘वास्तव में जीएसटी में व्यापक सुधारों का काम पहले ही शुरू हो चुका था। राजस्थान के जैसलमेर में हुई पिछली जीएसटी परिषद की बैठक से पहले ही, प्रधानमंत्री ने मुझे फोन करके कहा था,‘एक बार आप जीएसटी को देख लो, व्यवसायों के लिए सुविधाजनक बनाओ और दरों पर इतने सारे भ्रम की स्थिति क्यों है? मुझे लगता है कि नौ महीने पहले हुई जैसलमेर बैठक से पहले की बात है।''

उन्होंने कहा, ‘‘फिर, बजट के दौरान, जब हम आयकर उपायों पर चर्चा कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे (प्रधानमंत्री) याद दिलाया कि ‘आप जीएसटी के ऊपर काम कर रही हैं न।' यह एक चीज थी।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘दूसरा, मंत्री समूह (जीओएम) डेढ़ साल से काम कर रहे थे और मैं उनमें से प्रत्येक की सराहना करती हूं कि उन्होंने रिपोर्ट तैयार करने के लिए बहुत मेहनत की और उनके सुझाव सामने आए।''

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद मैंने यह निर्णय लिया कि अब समय आ गया है कि हम जीएसटी के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा करें, न केवल दरों की, न केवल स्लैब की संख्या की, बल्कि इस दृष्टिकोण से भी देखें कि एक व्यवसाय, लघु या मझोले व्यवसाय के लिए यह कितना और बेहतर होगा'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमने इन सब बातों पर गौर किया। वस्तुओं के वर्गीकरण को देखा जिससे काफी भ्रम पैदा हो रहा था… फिर, स्वभाविक रूप से दर पर भी गौर किया। एक फरवरी, 2025 से लेकर लगभग 15 मई तक हम इसकी अध्ययन समीक्षा आदि का काम करते रहे।''

सीतारमण ने कहा, ‘‘मई के मध्य में… मैं प्रधानमंत्री के पास गयी, उन्हें जानकारी दी और बताया कि हम कदम उठाने के करीब हैं। यह एक प्रस्ताव का रूप ले सकता है और उनसे समय देने का अनुरोध किया…। उसके बाद उन्होंने कहा कि आप देखिये इसे कैसे जीएसटी परिषद में ले जा सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिर मैं टीम के साथ बैठी और तय किया कि यह केंद्र का प्रस्ताव होगा, जो जीओएम को भेजा जाएगा, क्योंकि जीओएम में राज्यों के मंत्री हैं। मैं वहां नहीं हूं। वास्तव में हम चाहते थे कि यह स्पष्ट हो जाए कि हम जीओएम द्वारा किए गए सभी कार्यों का सम्मान करते हैं। लेकिन यहां एक प्रस्ताव विशेष रूप से केंद्र की ओर से आ रहा है, जो परिषद में एक-तिहाई भागीदार है।''

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘नियमानुसार, हमने मंत्री समूहों को प्रस्ताव दिया और मंत्री समूहों ने उस पर विचार करना शुरू कर दिया। इस बीच, और उससे भी पहले, जैसलमेर में, वित्त राज्यमंत्री को क्षतिपूर्ति उपकर पर गठित मंत्री समूह का चेयरमैन बनाया गया था और वह उस पर विचार कर रहे थे। लेकिन वहां भी, क्षतिपूर्ति उपकर के बाद, अगर वह उसे समाप्त करने का फैसला लेते हैं, तो उन मदों का क्या होगा जो क्षतिपूर्ति उपकर के अंतर्गत आती हैं? अब वे कहां जाएंगी? यह दरों को युक्तिसंगत बनाने का मामला है। इसलिए मंत्रिसमूह ने यह निर्णय लिया कि उपकर और उसे समाप्त करने के संबंध में, उन्हें हर नियम एवं शर्तों पर काम करना होगा। लेकिन इसके अलावा, दरें तय करने के लिए गठित मंत्रियों का समूह दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा था। इसलिए, मंत्रिसमूह के सदस्यों की सहमति से, यह तय किया गया कि उपकर पर काम कर रहे सदस्य भी दरों को युक्तिसंगत बनाने वाली समूह समिति में भाग लेंगे…।''

फिर दरों को युक्तिसंगत बनाने वाली समिति जिसकी शुरुआत वास्तव में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज सोमप्पा बोम्मई से हुई थी और जिसका नेतृत्व बाद में बिहार के उपमुख्यमंत्री ने किया, ने मंत्रिसमूह द्वारा किए गए कार्यों के अलावा, केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर भी विचार किया। सीतारमण के अनुसार, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बेहतर होगा कि यह पूरा मामला परिषद में ही रखा जाए, बजाय इसके कि वे इस प्रस्ताव पर आगे विचार करें। फिर यह सब परिषद के पास आया और परिषद ने इसे स्वीकार कर लिया। जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह बुधवार को माल एवं सेवा कर के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया।

अब कर की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी जबकि विलासिता एवं सिगरेट जैसी अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। दरों को युक्तिसंगत बनाये जाने के तहत टेलीविजन एवं एयर कंडीशनर जैसे उपभोक्ता उत्पादों के अलावा खानपान और रोजमर्रा के कई सामान समेत करीब 400 वस्तुओं पर दरें कम की गयी हैं।  

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *