गोवा के पर्यटन उद्योग के लिए साल 2025 की शुरुआत बेहद शानदार, 10.5 फीसदी पर्यटकों की संख्या में इजाफा

गोवा
गोवा के पर्यटन उद्योग के लिए साल 2025 की शुरुआत बेहद शानदार रही है। राज्य के पर्यटन विभाग ने इस साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 10.5% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। इस साल पहली तिमाही में 28,51,554 पर्यटक गोवा घूमने आए, जबकि 2024 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 25,80,155 था। यह लगातार बढ़ती संख्या दर्शाती है कि गोवा अब सिर्फ एक पारंपरिक बीच डेस्टिनेशन नहीं रह गया है बल्कि एक वैश्विक, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और साल भर चलने वाला पर्यटन केंद्र बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इस सफलता के पीछे गोवा सरकार के पर्यटन विभाग की तीन-स्तरीय रणनीति का अहम योगदान रहा है। इस रणनीति में प्रमुख और उभरते बाजारों में प्रचार को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाना और पर्यटन उत्पादों में विविधता लाना शामिल है।

हवाई संपर्क का विस्तार, नए बाजारों तक पहुंच
गोवा सरकार ने रणनीतिक विमानन साझेदारियों पर विशेष ध्यान दिया है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस जो पहले से ही दुबई से सीधी उड़ानें संचालित कर रही थी अब गोवा को सीधे कुवैत और अबू धाबी से भी जोड़ रही है। यह विस्तार खाड़ी देशों के विमानन भागीदारों के साथ लगातार बातचीत और मध्य-पूर्व के ट्रांजिट बाजारों को लक्षित करने के प्रयासों का ही नतीजा है। राज्य सरकार इस दिशा में केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।

वैश्विक स्तर पर प्रचार और व्यापारिक साझेदारी
गोवा पर्यटन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इसने डब्ल्यूटीएम लंदन, आईटीबी एशिया (सिंगापुर), ताशकंद अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मेला और हाल ही में दुबई में आयोजित अरेबियन ट्रैवल मार्केट (ATM) 2025 जैसे प्रमुख वैश्विक आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

डब्ल्यूटीएम लंदन में गोवा ने भारत सरकार की 'चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा इनिशिएटिव' में हिस्सा लिया जिसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को अपने विदेशी मित्रों को भारत आने के लिए प्रेरित करना है। यह पहल गोवा की उस रणनीति के अनुरूप है जिसके तहत वैश्विक स्तर पर उच्च-मूल्य और सांस्कृतिक रूप से जुड़े यात्रियों को आकर्षित किया जा रहा है।

अरेबियन ट्रैवल मार्केट दुबई में भारत के महावाणिज्यदूत और क्षेत्रीय पर्यटन हितधारकों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकों ने यूएई और भारत के बीच एक दीर्घकालिक पर्यटन पुल की नींव रखी है। इन बैठकों में गोवा को न केवल अवकाश यात्रा बल्कि सांस्कृतिक, वेलनेस और पारिवारिक पर्यटन के लिए भी एक प्रीमियम प्रवेश द्वार के रूप में प्रस्तुत किया गया।
 
समुद्र तटों से आगे साल भर के अनुभव
गोवा अब खुद को एक ऐसे केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है जो पर्यटकों को विविध प्रकार के अनुभव प्रदान करता है। इसमें 'एकादश तीर्थ' आध्यात्मिक सर्किट, वेलनेस और आयुर्वेद रिट्रीट, ग्रामीण पर्यटन और मानसून पैकेज जैसी पहलें शामिल हैं। ये विशेष रूप से पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्रियों, डिजिटल घुमंतुओं और ऑफ-सीजन में घरेलू पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। खासकर मध्य-पूर्वी बाजारों में मानसून यात्रा को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

दीप पर्व, रापणकाराचो सी फूड फेस्टिवल, चिखल कालो, साओ जोआओ, फेस्टाविस्टा और 'स्पिरिट ऑफ गोवा' व 'हेरिटेज फेस्टिवल' जैसे सांस्कृतिक आयोजनों ने स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा दिया है और समुद्र तटों से परे अनुभवात्मक पर्यटन को मजबूती दी है।

मौसम की अनिश्चितताओं के बीच उद्योग संवाद
आमतौर पर अप्रैल में ईस्टर के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आती है लेकिन मई में स्कूलों की छुट्टियों और घरेलू अवकाश यात्रा के कारण सुधार देखा जाता है। हालांकि वर्तमान क्षेत्रीय अनिश्चितताओं के कारण भविष्य की मांग पर कुछ असर पड़ सकता है। इसके जवाब में पर्यटन विभाग ने होटल, परिवहन, यात्रा सेवा और वैकल्पिक आवास क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं ताकि मई-जुलाई की बुकिंग के रुझानों की समीक्षा की जा सके और किसी भी संभावित मंदी से निपटने के उपाय तलाशे जा सकें। इन चर्चाओं का उद्देश्य लचीलापन बढ़ाना, संयुक्त प्रचार को बढ़ावा देना और आगामी सीजन के लिए उद्योग का तालमेल सुनिश्चित करना है।
 

India Edge News Desk

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