प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार मांगा जवाब

जयपुर

प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी के मुद्दे को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार जवाब मांग लिया है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं और उनमें कितनी संख्या में शिक्षक पदस्थापित हैं।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों के कार्यरत होने को लेकर उनके पास क्या मैकेनिज्म है। मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश महेन्द्र गौड़ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। जनहित याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि प्रदेश में संचालित अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी है।

एनएमसी की रिपोर्ट-हर विषय पर एक शिक्षक हो
नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज में एक विषय के लिए कम से कम एक शिक्षक तो होना ही चाहिए। शिक्षकों की कमी से एमबीबीएस पाठ्यक्रम का अध्ययन प्रभावित हो रहा है। बिना मार्गदर्शन कोर्स पूरा होने के बाद ये चिकित्सक किस तरह मानव शरीर का इलाज करेंगे, यह समझ से परे है।

वेबसाइट पर हो शिक्षकों को डेटा
याचिका में यह भी कहा गया कि प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए होने वाले निरीक्षण के समय दूसरे मेडिकल कॉलेज से शिक्षकों को संबंधित कॉलेज में पदस्थापित कर लिया जाता है और निरीक्षण पूरा होने के बाद शिक्षक को वापस भेज दिया जाता है। याचिका में कहा गया कि नेशनल मेडिकल कमीशन की वेबसाइट पर चिकित्सा शिक्षकों का डेटा प्रदर्शित होना चाहिए। इससे यह स्पष्ट हो सके कि किस मेडिकल कॉलेज में कितने पद स्वीकृत हैं और इनमें से कितने पद खाली चल रहे हैं।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *