मानसून सत्र में मचेगा सियासी घमासान: जानिए किन मुद्दों पर आमने-सामने होंगे पक्ष-विपक्ष

नई दिल्ली 
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है और 21 अगस्त तक दोनों सदनों की कुल 21 बैठकें होंगी। सरकार की तरफ से इस सत्र में कई विधेयक पेश किए जाएंगे। इसमें से कुछ मुद्दे ऐसे है जिस पर हंगामा हो सकता है। इसमें पहलगाम से लेकर बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण तक कई मुद्दे शामिल है। 
 
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। पहले यह सत्र 12 अगस्त तक चलने वाला था, अब इसे बढ़ा दिया है। इस सत्र में कई मुद्दों पर हंगामा हो सकता है। इसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष से लेकर बिहार में मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण और डोनाल्ड ट्रंप के भारत से जुड़े मुद्दों पर लगातार दिए जा रहे बयानों से लेकर पहलगाम में सुरक्षा तक के मुद्दे पर सियासी तीर चल सकते हैं। इस हफ्ते खबरों के खिलाड़ी में इसी पर चर्चा हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री, सुनील शुक्ल, अवधेश कुमार, विजय त्रिवेदी और बिलाल सब्जवारी मौजूद रहे।
विजय त्रिवेदी: बिल पास कराना इस सत्र का मुद्दा नहीं है। अहम ये है कि जो मामले इस दौरान उठाए जाएंगे। चाहे ट्रंप का ही मुद्दा ही क्यों न हो। ट्रंप जो कहते रहे हैं उस पर चर्चा जरूर होगी। हमारी डिप्लोमेसी में जो बदलाव आया है उसे देखने की जरूरत है। संसद का सत्र होगा तो पहलगाम पर चर्चा पर होगी, ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा होगी। ये भी पूछा जाएगा कि पहलगाम के आतंकी कहां हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर का बटन अचानक क्यों दबाया गया इस पर सवाल पूछे जाएंगे। 
 
अवधेश कुमार:  नेता प्रतिपक्ष ने 2024 के चुनाव बाद से जिस तरह का रुख दिखाया है मैं उसमें कोई बदलाव नहीं देखता हूं। देश में बाहर की राजनीति में और अंदर की राजनीति में सीमाएं टूट चुकी हैं।  अगर ट्रंप की बात आएगी तो जी-7 के बाद की बात भी आएगी। चुनाव आयोग की बात आएगी उसका भी जवाब कई बार दिया जा चुका है। क्या यह तथ्य नहीं कि वहां से लोग पकड़े गए हैं। बिहार चुनाव से पहले यह सत्र हो रहा है तो उसका असर इसमें जरूर दिखेगा। चीजों पर तथ्यात्मक बहस हो मैं यह जरूर चाहूंगा। 

सुनील शुक्ल:  जो संघर्ष विराम हुआ उसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यों की? उसके बाद क्यों संघर्ष विराम की घोषणा हुई? बिहार में जो मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण हो रहा वो मुद्दा भी उठेगा। बिहार बंद के दौरान भी ये दिखाई दिया। इस सत्र में विपक्ष के पास बहुत से मुद्दे हैं। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष इन मुद्दों को अच्छे से उठा पाएगा।  बिलाल सब्जवारी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला सत्र होने जा रहा है। सेना की सफलता से लेकर अल्पकालिक कूटनीतिक विफलता तक पर बात होगी। कुल मिलाकर संसद सत्र के दौरान राजनीति दोनों तरफ से होगी। टकराव दोनों तरफ से होगा। नैरेटिव भी दोनों तरफ से गढ़े जाएंगे, लेकिन अंत में बिल भी पास हो जाएंगे। 

विनोद अग्निहोत्री:  सोमवार से शुरू हो रहा सत्र बहुत तूफानी और हंगामेदार होगा। किसी भी बिल को पास कराने में सरकार को दिक्कत नहीं होगी। वहीं, विपक्ष के पास भी बहुत से मुद्दे हैं। विपक्ष अगर हंगामा करने की जगह नियम के तहत अपनी बात रखेगा तो ज्यादा बेहतर होगा। विपक्ष के सामने चुनौती अपने को एकजुट रखने की भी है। विपक्ष के सामने चुनौती होगी कि वो कैसे सरकार विरोधी दलों को मुद्दों पर एकजुट रखे।

India Edge News Desk

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