TikTok पर फिर मेहरबान हुए Trump? अब 90 दिन और चलेगा अमेरिका में

वाशिंगटन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक की बिक्री की समयसीमा तीसरी बार बढ़ा दी है। अब ट्रंप ने टिकटॉक को बेचने के लिए 90 दिनों की राहत दी है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप टिकटॉक के चीनी मालिक को एप बेचने की समयसीमा बढ़ाने के लिए इस सप्ताह एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। 

इससे पहले, ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में टिकटॉक को 75 और दिन चलाने की अनुमति दी थी। इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद टिकटॉक को अमेरिकी कंपनी को बेचने का सौदा टल गया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप नहीं चाहते हैं कि टिकटॉक बंद हो जाए। यह विस्तार 90 दिनों तक चलेगा, जिसे प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि यह सौदा बंद हो जाए ताकि अमेरिकी लोग इस आश्वासन के साथ TikTok का उपयोग करना जारी रख सकें कि उनका डेटा सुरक्षित है।'

कनाडा से वाशिंगटन लौटते वक्त पत्रकारों से की बा
ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर कनाडा से वाशिंगटन लौटते वक्त मंगलवार सुबह एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह संभवत: समयसीमा को फिर से बढ़ा देंगे। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अंत में टिकटॉक को बेचने की मंजूरी दे देंगे।

तीसरी बार ट्रंप ने बढ़ाई समयसीमा 
यह तीसरी बार होगा जब ट्रंप ने समय सीमा बढ़ाई है। पहली बार ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद 20 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद टिकटॉक पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया गया था। दूसरी बार अप्रैल में समयसीमा बढ़ाई गई, जब टिकटॉक को अमेरिकी कंपनी में बदलने की कोशिश हो रही थी, लेकिन ट्रंप की टैरिफ घोषणा के बाद चीन के पीछे हटने से यह सौदा टूट गया था। 

अमेरिका में TikTok पर क्यों मंडरा रहा संकट
TikTok की मूल कंपनी बाइटडांस (ByteDance) चीन की है और अमेरिका को आशंका है कि यह एप यूजर्स का डेटा चीन सरकार के साथ साझा कर सकता है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए अमेरिका ने एक कानून पारित किया था, जिसके तहत बाइटडांस को TikTok का मालिकाना अधिकार किसी अमेरिकी कंपनी को सौंपना होगा या फिर देश में इसका संचालन बंद करना पड़ेगा।

एफबीआई और फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन दोनों ने चेतावनी दी थी कि बाइटडांस उपयोगकर्ता डेटा, जैसे ब्राउजिंग हिस्ट्री, लोकेशन और बायोमेट्रिक जैसी जानकारियों को चीन की सत्तावादी सरकार के साथ साझा कर सकता है। टिकटॉक ने कहा कि उसने ऐसा कभी नहीं किया है और न ही ऐस करने का कोई उद्देश्य रखता है। टिकटॉक ने बाताया कि अमेरिकी सरकार ने ऐसा होने का सबूत नहीं दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना कार्यकाल शुरू करते ही TikTok को बैन से कुछ दिनों की राहत दी थी।  

TikTok के लिए कौन-कौन हैं दावेदार
TikTok के अमेरिकी ऑपरेशन को खरीदने के लिए कई बड़ी कंपनियां मैदान में हैं। इसमें सबसे पहले टेक कंपनी ओरेकल (Oracle) है जिसके पास पहले से ही TikTok Global में 12.5% की हिस्सेदारी है और यह इसका क्लाउड टेक्नोलॉजी पार्टनर भी है।

इससे अलावा इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकस्टोन (Blackstone) भी TikTok को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही है। वहीं, एआई स्टार्टअप पर्प्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI) ने भी TikTok के अमेरिकी कारोबार को अपने साथ मर्ज करने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी का कहना है कि वह TikTok के एल्गोरिदम को नए सिरे से तैयार करेगी ताकि यह अमेरिकी डेटा सुरक्षा मानकों के अनुरूप हो।

बिलियनेयर फ्रैंक मैककॉर्ड का कंसोर्टियम समूह ने TikTok के लिए 20 बिलियन डॉलर की पेशकश की है और इसमें Reddit के सह-संस्थापक एलेक्सिस ओहानियन भी सलाहकार के रूप में जुड़े हैं। इसके अलावा, एम्प्लॉयर डॉट कॉम के फाउंडर जेसी टिन्सली ने 30 बिलियन डॉलर और वायोमिंग के बिजनेसमैन रीड रैस्नर ने 47.5 बिलियन डॉलर की पेशकश की है।

क्या होगा TikTok का भविष्य?
TikTok पर बैन लगने या उसके बिकने के बीच अमेरिकी प्रशासन की नीति में बदलाव भी हो सकता है। दिलचस्प बात यह है कि खुद ट्रंप के TikTok पर लाखों फॉलोअर्स हैं और वे इसे युवा वोटर्स तक पहुंचने के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म मानते हैं। 

India Edge News Desk

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