हमने बांग्लादेश को ढाका में पहले भी हराया है : धनंजय डीसिल्वा

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

चटगांव : चटगांव टेस्ट में तीन पारियां भी पूरी नहीं हो पाईं। विपरीत परिस्थितियों से गुजरे बांग्लादेश और श्रीलंका, दोनों के बल्लेबाज़ी क्रम ने जहूर अहमद चौधरी स्टेडियम की सपाट पिच पर रनों की प्यास मिटाने का अच्छा काम किया। भारत में मार्च में खेलते हुए श्रीलंका ने चार पारियों में 208 से अधिक नहीं बनाए थे और वहीं बांग्लादेशी टीम पिछले छह महीनों में चार बार 150 से कम पर ऑल आउट हो चुकी थी। इसमें दक्षिण अफ़्रीका में पिछले महीने बनाए 53 और 80 भी शामिल हैं। बल्लेबाज़ों ने इस टेस्ट में 44.88 की औसत से तीन शतक और छह अर्धशतक जड़े।

कई बार विकेट गुच्छों में गिरे लेकिन आने वाले बल्लेबाज़ों ने पारी को संभाल लिया। श्रीलंका के साथ ऐसा पहले, दूसरे और पांचवे दिन में हुआ और मेजबान टीम ने भी ऐसा चौथे दिन के दूसरे सत्र में कर दिखाया। नईम हसन ने पारी में छह विकेट लिए और कसुन रजिता और तैजुल इस्लाम ने चार-चार विकेट लिए लेकिन गेंदबाजों के लिए ना तो परिस्थितियां अनुकूल थीं और ना ही चटगांव का मौसम। पिछले साल काइल मेयर्स के अविजित 210 ने वेस्टइंडीज़ को चटगांव में ही अविश्वसनीय जीत दिलाई थी। पिच ने वैसा व्यवहार नहीं किया जैसा बांग्लादेश के गेंदबाजों ने उम्मीद की थी। इसी मैदान पर श्रीलंका ने 2014 और 2018 के अपने पिछले दोनों मुक़ाबलों में खूब सारे रन बनाए थे और 2018 में इस पिच को आईसीसी का डिमेरिट अंक भी मिला था। 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में चटगांव पिच की प्रशंसा हुई थी। बांग्लादेश ने पिछली बार यहां नवंबर में टेस्ट खेला था और वह टेस्ट भी तीन महीने के सूखे के बाद आया था।

बांग्लादेश को इस बात की चिंता हो सकती है कि श्रीलंका के यहां पिछले खेले टेस्ट के बाद जो हुआ था वह इतिहास नहीं दोहराया जाए। धनंजय डीसिल्वा ने इस इतिहास की बात करते हुए कहा, ‘हमने बांग्लादेश को ढाका में पहले भी हराया है। हम चटगांव में पहले दिन से जानते थे कि यह मैच ड्रॉ ही होगा। बांग्लादेश के लिए शायद जीतने का कुछ मौक़ा हो सकता था लेकिन हम इस ड्रॉ से काफी संतुष्ट हैं।’ बांग्लादेशी कप्तान मोमिनुल हक ने कहा कि हर बल्लेबाज़ को ढाका में खेलने के लिए कुछ समायोजन करने की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘हम साल भर में ढाका और चटगांव में बल्लेबाजी करते हैं तो हमें दोनों मैदानों में पेस और स्पिन खेलने की आदत है। ढाका में स्पिन में ज़्यादा रफ़्तार होगी। यह अभ्यास से संभाली जा सकती है और मूलतया मानसिकता का सवाल होगा।’

अपनी टीम के दर्शाए खेल के बारे में कहा, ‘सबने रन बनाने की कीबिलियत दिखाई और विकेट भी लिए। हमने एक टीम के तौर पर खेला और ऐसा जब होता है हम सही नतीजे लाते हैं। तेज गेंदबाजों ने हाल ही में अच्छा किया है और मुझे लगा पहली पारी में वह बेहतर खेल सकते थे। हमारे स्पिनरों ने बढि़या गेंदबाज़ी की और शाकिब भाई [शाकिब अल हसन] की भूमिका काफी बड़ी थी। उन्होंने श्रीलंका की गतिशीलता को रोकने का बेहतरीन काम किया।’

श्रीलंका को भी अपने गेंदबाजों पर नाज होगा। खासकर जब विश्वा फर्नांडो चोटिल होकर बाहर हो चुके थे तो बाकी गेंदबाजों ने बांग्लादेश को बांधकर रखा। हालांकि डीसिल्वा के मन में कोई आशंका नहीं है कि ढाका में तेज गेंदबाजों की भूमिका सीमित होगी।उन्होंने कहा, ‘एक तेज गेंदबाज और तीन स्पिनर खेलेंगे। विकेट स्पिन के लिए मददगार होगी और अगर हम पहले बल्लेबाज़ी करेंगे तो 275-300 बनाकर उन्हें 150 के क़रीब में आउट करने की कोशिश करेंगे। ऐसे हमें जीतने का मौक़ा मिल जाएगा।’ फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि क्यूरेटर गामिनी सिल्वा किस प्रकार की सतह तैयार करेंगे। इतना तय है कि आदतानुसार चटगांव ने मेजबान टीम को बहुत दिनों बाद अच्छी बल्लेबाज़ी फ़ॉर्म पकड़ने का पूरा अवसर दिया। बस इस बार मेहमान टीम भी इस मौक़े को पाकर उतनी ही कृतज्ञ रही होगी।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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