नवंबर का महीना भी अक्टूबर जैसा ही गर्म रहेगा! मौसम विभाग की तरफ से आया बड़ा अपडेट

नई दिल्ली
 गुलाबी ठंड आमतौर पर अक्टूबर में शुरू होती है, लेकिन इस साल इस महीने में एक खास रिकॉर्ड बना। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने शुक्रवार (1 नवंबर, 2024) को घोषणा की कि इस साल अक्टूबर देश के इतिहास का सबसे गर्म महीना था। मध्य भारत (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों) में अक्टूबर का सबसे गर्म औसत तापमान रिकॉर्ड किया गया , और उत्तर पश्चिम भारत ने 1901 के बाद से अपना दूसरा सबसे गर्म महीना अनुभव किया है।

मौसम विभाग के अनुसार यह महीना 1901 के बाद से भारत का सबसे गर्म अक्टूबर था। इस महीने औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अक्टूबर में औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से सबसे अधिक है, जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस था।

सबसे गर्म महीना रहा अक्टूबर

देशभर में सामान्य तापमान 20.01 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले न्यूनतम तापमान भी 21.85 डिग्री सेल्सियस मापा गया। दिल्ली की बात करें तो अक्टूबर की गर्मी ने पिछले 73 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली के सफदरजंग मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस साल अक्टूबर 1951 के बाद सबसे गर्म महीना था। इस साल अक्टूबर में राजधानी का अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस था। 1951 की शुरुआत में, उच्चतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

दिन के साथ रात भी रही गर्म

बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)  ने कहा है कि नवंबर के पहले दो हफ्ते में देश के बहुत से हिस्सों में सामान्य से ज्यादा तापमान का दौर जारी रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही दूसरे सप्ताह में मामूली गिरावट और महीने के बाकी दिनों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने की संभावना है।

आखिर ठंड न आने का क्या है कारण

IMD का कहना है कि ठंड न आने का कारण ला नीना का न बनना है। हलांकि यह मध्य और पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान के समय-समय पर ठंडा होने से जुड़ी एक जलवायु घटना है, जो अभी तक कुछ खास विकसित नहीं हुई है। उम्मीद है कि नवंबर के लास्ट और दिसंबर की शुरुआत में ला नीना बन सकती है। अगर होगा तो आगे (दिसंबर-फरवरी) कड़ाके की सर्दी पड़ने की उम्मीद है।

वायु गुणवत्ता की चुनौती: दिल्ली की मौजूदा मौसम की स्थिति के साथ-साथ, शहर में वायु प्रदूषण भी एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह 7:30 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 294 दर्ज किया गया, जो अलार्मिंग स्तर पर है. दिल्ली एनसीआर के अन्य शहरों में AQI भी कम नहीं है. फरीदाबाद में 165, गुरुग्राम में 219, गाजियाबाद में 308, ग्रेटर नोएडा में 202 और नोएडा में 250 अंक दर्ज किए गए हैं.

दिल्ली के 18 इलाकों में AQI स्तर 300 से ऊपर और 400 के बीच बना हुआ है. उदाहरण के लिए, आनंद विहार में AQI 380, IGI एयरपोर्ट पर 341, जबकि रोहिणी में 304 अंक दर्ज किया गया है. दूसरी ओर, दिल्ली के 19 इलाकों में AQI स्तर 200 से ऊपर 300 के बीच है. नतीजतन, यह प्रदूषण का स्तर न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि लोगों की सामान्य दिनचर्या पर भी प्रभाव डाल रहा है.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button