बिहार के दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से एक बेलसंड विधानसभा सीट भी है, RJD और JDU में होगी कड़ी टक्कर

पटना 
बिहार के दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से एक बेलसंड विधानसभा सीट भी है…सीतामढ़ी जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र बेलसंड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है। इस सीट पर 1957 और 1962 में हुए चुनाव में पीएसपी के रामानंद सिंह को जीत मिली थी। 1967 में कांग्रेस कैंडिडेट सी.पी सिंह विधायक चुने गए थे। 1969 में यह सीट फिर पीएसपी के खाते में गई और रामानंद सिंह एक बार फिर से विधायक बने। 1972 में कांग्रेस कैंडिडेट राम सूरत सिंह को जीत हासिल हुई थी। 1977 और 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह विधायक चुने गए थे। 1985 के चुनाव में भी एलकेडी कैंडिडेट रघुवंश प्रसाद सिंह को ही जीत मिली थी। इसके बाद 1990 में कांग्रेस की टिकट पर दिग्विजय प्रताप सिंह बेलसंड के विधायक बने थे। 1995 में जनता दल के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को फिर से जीत हासिल हुई थी।

1996 में इस सीट पर समता पार्टी के वृषण पटेल विधायक चुने गए थे। वहीं 2000 में हुए चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार राम स्वार्थ राय विधायक बने थे। 2005 के फरवरी महीने में हुए चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर सुनीता सिंह को जीत हासिल हुई थी। 2005 के अक्टूबर महीने में राष्ट्रीय जनता दल के संजय कुमार गुप्ता ने बाजी पलट दी थी। 2010 और 2015 में दोनों बार इस सीट पर जेडीयू कैंडिडेट सुनीता सिंह चौहान विधायक चुनी गईं थीं, लेकिन 2020 के चुनाव में आरजेडी लीडर संजय कुमार गुप्ता ने जेडीयू को शिकस्त दे दिया था। इस बार भी यहां आरजेडी और जेडीयू उम्मीदवारों में कड़ी टक्कर होगी।

वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट संजय कुमार गुप्ता ने जीत हासिल की थी। संजय कुमार गुप्ता 50 हजार एक वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे। वहीं जेडीयू उम्मीदवार सुनीता सिंह चौहान 36 हजार 70 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं थीं तो आरएलएसपी कैंडिडेट ठाकुर धर्मेंद्र सिंह 19 हजार 34 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में बेलसंड सीट पर जेडीयू उम्मीदवार सुनीता सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी। सुनीता सिंह चौहान ने लोजपा कैंडिडेट मोहम्मद नासिर अहमद को 5 हजार पांच सौ 75 वोटों से हराया था। सुनीता सिंह चौहान को कुल 33 हजार सात सौ 85 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे मोहम्मद नासिर अहमद को कुल 28 हजार दो सौ दस वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय कैंडिडेट बैद्यनाथ प्रसाद को कुल 11 हजार तीन सौ 66 वोट मिले थे।

वहीं 2010 में बेलसंड सीट पर जेडीयू कैंडिडेट सुनीता सिंह ने आरजेडी को शिकस्त दे दिया था। सुनीता सिंह ने आरजेडी कैंडिडेट संजय कुमार गुप्ता को 19 हजार पांच सौ 80 वोटों से हराया था। सुनीता सिंह को कुल 38 हजार एक सौ 39 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर रहे संजय कुमार गुप्ता को कुल 18 हजार पांच सौ 59 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस कैंडिडेट ताहिर अनीस खान को कुल 13 हजार नौ सौ 96 वोट मिले थे।

बेलसंड विधानसभा सीट के चुनावी नतीजों को तय करने में यादव,राजपूत,वैश्य और मुस्लिमों की अहम भूमिका है। 2020 में जेडीयू कैंडिडेट को हराने में आरएलएसपी कैंडिडेट की बड़ी भूमिका थी, लेकिन इस बार उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने से बेलसंड सीट पर जेडीयू उम्मीदवार को थोड़ा फायदा जरूर मिलेगा।

India Edge News Desk

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