भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स पर लगाम, हर कुत्ते का बनेगा बायोडाटा और लगेगी माइक्रोचिप

भोपाल
 राजधानी भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स द्वारा काटने की घटनाओं ने नगर निगम की चिंताएं बढ़ा दी हैं. पिछले साल 2 बच्चों की जान डॉगी ले चुके हैं. इसके अलावा हजारों लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं. इसलिए अब भोपाल नगर निगम ने स्ट्रीट डॉग्स पर लगाम कसने के लिए नया प्रयोग शुरू करने की तैयारी की है. इसके तहत नगर निगम भोपाल नसबंदी किए जाने के बाद डॉग्स की गर्दन में माइक्रोचिप लगाएगा. इससे स्ट्रीट डॉग के स्टरलाइजेशन में लापरवाही बरतने वाली संस्थाओं पर नकेल कसी जा सकेगी.

एक क्लिक पर मिलेगी डॉगी की पूरी जानकारी

चावल के दाने जितनी बड़ी इस चिप में डॉग की यूनिक आइडी सहित उसका पूरा बायोडेटा होता है. भोपाल नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण ने बताया "स्ट्रीट डॉग्स के गले में माइक्रोचिप लगने के बाद एक क्लिक से यह पता चलता है कि डॉग का स्टरलाइजेशन किस संस्था ने कब किया. इसका वैक्सीनेशन कब किया गया. डॉग की यूनिक आईडी वाली माइक्रोचिप डॉग के गर्दन में पीछे लगती है. स्ट्रीट डॉगी की नसबंदी में लापरवाही रोकने के लिए माइक्रोचिप लगाई जाएगी. जिसके लिए दिल्ली नगर निगम की तर्ज पर काम किया जाएगा."

हर डॉगी की कुंडली होगी नगर निगम के पास

नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण के अनुसार "माइक्रोचिप में डॉग का पूरा बायोडाटा होता है. डॉग को कहां से पकड़ा, किस स्टरलाइजेशन सेंटर में ले जाया गया. सर्जरी कब हुई और माइक्रोचिप लगाने वाले डॉक्टर का क्या नाम है. डॉग मेल है या फीमेल. ये सारी जानकारियां माइक्रोचिप में होंगी. इससे नसबंदी में होने वाला भ्रष्टाचार रुकेगा. साथ ही संस्थाओं पर निगरानी भी रखी जा सकेगी."

पिछले साल हुई 22 हजार डॉग्स की नसबंदी

नगर निगम भोपाल के अनुसार "भोपाल प्रदेश का पहला जिला है, जिसने डॉग बाइट की घटनाओं को रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार की है. कार्ययोजना के तहत जनवरी 2024 से जून 2025 तक हर माह डॉग बाइट की घटनाओं की रिपोर्ट पेश की गई." रिपोर्ट के मुताबिक "राजधानी में हर साल 22 हजार डॉग्स नसबंदी की गई है." नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट के अनुसार "2024 में भोपाल में डॉग बाइट के 19,285 मामले दर्ज किए गए, इसका औसत सिर्फ 0.8 प्रतिशत रहा."

डॉग बाइट्स के मामले में भोपाल छठे नंबर पर

गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में डॉग बाइट को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन ने रिपोर्ट जारी की है. इसके अनुसार भोपाल डॉग बाइट्स के मामले में 6वें नंबर पर है. वहीं अन्य 5 जिलों में भोपाल से ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आए है. नेशनल हेल्थ मिशन ने राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश के 6 शहरों में सर्वे किया था. इस सर्वे में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और रतलाम शहर शामिल थे. डॉग बाइट के मामले में रतलाम सबसे ऊपर है. इसके बाद उज्जैन और फिर इंदौर का नंबर आता है. रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर चौथे पायदान पर है.

पिछले साल दो मासूम की जान ले चुके डॉग्स

गौरतलब है कि भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स ने पिछले साल जनवरी में 15 दिन के अंदर दो मासूम बच्चों को वीभत्स तरीके से नोचा-खसोटा था. दोनों की मौत हो गई थी. दोनों घटनाएं कटारा हिल्स इलाके में हुई थी. डॉगी के काटने के बाद बच्चों का इलाज हमीदिया अस्पताल में चला लेकिन गंभीर रूप से जख्मी होने के कारण दोनों की जान नहीं बच सकी थी. 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button