भारतीय निवेशकों का दबदबा: रियल एस्टेट में ₹35,000 करोड़ का रिकॉर्ड निवेश, विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ा

मुंबई

घरेलू पूंजी के सहारे भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) के दौरान इस सेक्टर में 4.3 बिलियन डॉलर (₹35,000 करोड़) का बड़ा निवेश हुआ है. यह आंकड़ा पिछले पांच सालों के औसत निवेश को पार कर गया है. 

यह निवेश पिछले पांच वर्षों के जनवरी से सितंबर की अवधि के औसत 4 बिलियन डॉलर के प्रवाह से अधिक रहा है, जैसा कि कोलियर्स इंडिया (Colliers India) की एक रिपोर्ट में बताया गया है. यह प्रवृत्ति भारतीय अर्थव्यवस्था की मूलभूत मज़बूती और रियल एस्टेट बाज़ार में निवेशकों के लगातार विश्वास को दर्शाती है. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, "भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश Q3 2025 (जुलाई-सितंबर तिमाही) में $1.3 बिलियन तक पहुंच गया, जो कि साल-दर-साल 11 प्रतिशत की वृद्धि है'. 

घरेलू निवेशकों का बढ़ता दबदबा

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू संस्थागत पूंजी में साल-दर-साल (YoY) 52 प्रतिशत की भारी उछाल दर्ज की गई है, जो $2.2 बिलियन तक पहुंच गई है. यह भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेशकों की बढ़ती गहराई और रुचि को दर्शाता है. घरेलू निवेशकों की सबसे अधिक रुचि ऑफिस और आवासीय (Residential) सेगमेंट में दिखी. तिमाही के दौरान घरेलू निवेश में तीन-चौथाई से अधिक हिस्सा अकेले ऑफिस संपत्तियों का रहा, जो तैयार और निर्माणाधीन दोनों तरह की वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए लगातार भूख को दर्शाता है.

कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, "मुख्य एसेट क्लास में निरंतर मांग और घरेलू पूंजी की बढ़ती गहराई के साथ, निवेश की गति स्थिर रहने की संभावना है, भले ही वैश्विक चुनौतियों के कारण विदेशी निवेशक निकट भविष्य में सतर्क बने रहें."

ऑफिस सेगमेंट और प्रमुख शहर

ऑफिस सेगमेंट में निवेश का प्रवाह मजबूत बना हुआ है, जो वर्ष 2024 के स्तर के लगभग बराबर है, 2025 के पहले नौ महीनों में ऑफिस सेगमेंट में संस्थागत निवेश $1.5 बिलियन तक पहुंच गया, जो इस अवधि के कुल निवेश का 35 प्रतिशत है. पिछली छमाही की तुलना में Q3 2025 में ऑफिस सेगमेंट में संस्थागत निवेश में जबरदस्त उछाल आया, जो साल-दर-साल 27 प्रतिशत बढ़कर $0.8 बिलियन हो गया. 

कोलियर्स इंडिया में राष्ट्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख विमल नाडार ने बताया, "ऑफिस संपत्तियों ने कुल तिमाही प्रवाह का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाया, जिसका नेतृत्व तैयार वाणिज्यिक संपत्तियों के उल्लेखनीय अधिग्रहणों ने किया, खासकर चेन्नई और पुणे में."

प्रमुख शहर और भविष्य की रणनीति

मुंबई इस साल निवेश आकर्षित करने में सबसे आगे रहा, करीब $0.8 बिलियन के प्रवाह के साथ, मुंबई ने 2025 में कुल संस्थागत निवेश का 19 प्रतिशत आकर्षित किया, जिसका मुख्य कारण ऑफिस और आवासीय संपत्तियों में बड़ी डील्स थीं. इसके बाद बेंगलुरु का स्थान रहा, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घरेलू संस्थान निरंतर पूंजी का स्थिर स्रोत बने रहने की उम्मीद है.

India Edge News Desk

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