झारखंड में जनगणना की तैयारी तेज, सरना धर्म कोड बना मुख्य मुद्दा

रांची

झारखंड सरकार ने 16वीं जनगणना की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है। राज्य सरकार 31 जुलाई 2025 तक जनगणना अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है। इस अधिसूचना में ‘सरना धर्म कोड’ को शामिल करने की अनुशंसा की जा सकती है।

ज्ञात हो कि झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस लंबे समय से जनगणना में ‘सरना धर्म कोड’ को मान्यता देने की मांग करते रहे हैं। राज्य विधानसभा में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। सरना कोड की मांग आदिवासी समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

बता दें कि जनगणना 2027 की तैयारी के लिए भारत सरकार ने झारखंड सहित सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है। राज्यों को कहा गया है कि दिसंबर 2025 तक हर हाल में नये जिले के गठन, प्रखंड, निकाय इत्यादि का गठन करना है तो कर लिया जाये इस अवधि के बाद इन कार्यों पर रोक रहेगा। इसके अलावा राज्य सरकार को कहा है कि 31 जुलाई तक हर हाल में जनगणना कार्य से संबंधित संकल्प जारी कर दिया जाये। एक मार्च 2027 से जनगणना कार्य शुरू होगा, देशभर में इस कार्य के लिए 34 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लगायें जायेंगे। इन्हें जनगणना कार्य के पूर्व ट्रेनिंग भी दिया जायेगा। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनगणना दो तरह से आयोजित होगी। पहले पूरे देशभर के घरों की गिनती होगी, इसके बाद प्रत्येक निवासियों की गिनती की जायेगी। इसमें जातीय जनगणना भी की जायेगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर भू-राजस्व विभाग झारखंड जनगणना कार्य कराने के लिए तैयारी कर रहा है।

अगस्त 2025 में जनगणना से जुड़े कर्मियों का प्री-टेस्ट होगा। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 में मास्टर ट्रेनर और फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जनवरी 2026 में जनगणना से जुड़े सवालों की अधिसूचना (गजट) प्रकाशित होगी। फरवरी 2026 में जनगणना कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। अप्रैल से सितंबर 2026 में घरों के चयन और फील्ड वर्क का काम चलेगा। दिसंबर 2026 में जनगणना पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और 1 मार्च 2027 से देशभर में जनगणना शुरू होगी।

 

India Edge News Desk

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