चंद्रयान-3 ने भेजी तस्वीरें, लैंडिंग देखने को पूरा देश उत्सुक, दुआएं भी शुरू
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने एक्स हैंडल पर जानकारी दी कि विक्रम लैंडर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 6:04 बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है।
दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) का चंद्रयान-3 इतिहास रचने से चंद कदम दूर है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूर्योदय का इंतजार. 23 अगस्त को सूरज की पहली किरण के साथ ही विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
Chandrayaan-3 Mission:
View from the Lander Imager (LI) Camera-1
on August 17, 2023
just after the separation of the Lander Module from the Propulsion Module #Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/abPIyEn1Ad— ISRO (@isro) August 18, 2023
चंद्रयान द्वारा भेजी गई तस्वीरेंइस बीच, इसरो ने चंद्रयान-3 द्वारा भेजी गई ताजा तस्वीरें जारी की हैं। इसरो ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा
लैंडर हैजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) ने यह तस्वीरें भेजी हैं। इस खास कैमरे को SAC https://sac.gov.in द्वारा तैयार किया गया है। यह कैमरा विक्रम लैंडर के नीचे उतरने के दौरान सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का पता लगाएगा
चंद्रयान-3 की लैंडिंग का होगा लाइव प्रसारणआप भी देख सकते हैं
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग. इसरो ने कहा कि हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाले इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 5:27 बजे शुरू किया जाएगा. इसरो की वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज के साथ-साथ दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर भी प्रसारण किया जाएगा।
रूस चंद्रमा की दौड़ से बाहर
अब भारत पर नजर इससे पहले रविवार को रूस का लूना-25 दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही रूस चंद्रमा की दौड़ से बाहर हो गया है। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा। लूना-25 को भारत से दो दिन पहले 21 अगस्त को चंद्रमा पर उतरना था।
विक्रम लैंडर फिलहाल चंद्रमा की आखिरी कक्षा में घूम रहा है
यह चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. सुरक्षित लैंडिंग के बाद इसमें से रोवर प्रज्ञान निकलेगा, जो चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए अध्ययन करेगा और वैज्ञानिकों को डेटा भेजेगा। चंद्रयान-3 ने रात करीब 2:00 बजे अंतिम डीबूस्टिंग (धीमी प्रक्रिया) पूरी की। शनिवार, रविवार, 14 जुलाई को लॉन्च के बाद उम्मीद के मुताबिक सभी मील के पत्थर पार कर गए। अब लैंडर मॉड्यूल में लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। सबसे करीबी कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रमा से इसकी दूरी अब केवल 25 किमी है।
चंद्रमा पर उतरने के बाद क्या करेगा चंद्रयान-3?
- चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना
- रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना
- चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना