प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देशभर के 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का करेंगे उद्घाटन

भोपाल
भोपाल मंडल के अंतर्गत आने वाले नर्मदापुरम एवं शाजापुर रेलवे स्टेशनों को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत नए स्वरूप में विकसित किया गया है। यह दोनों स्टेशन अब आधुनिक यात्री सुविधाओं, स्थानीय सांस्कृतिक पहचान और भव्य संरचनाओं के साथ अपनी नई पहचान के लिए तैयार हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मई 2025 को इन स्टेशनों का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा।

भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा माना जाता है, और रेलवे स्टेशन किसी भी शहर की पहचान का केंद्र होते हैं। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने 1300 से अधिक स्टेशनों के पुनर्विकास का महत्त्वाकांक्षी कार्य प्रारंभ किया है। यह विकास केवल संरचनात्मक परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक ऐसी पहल है जो स्टेशन को यात्रियों के लिए सुगम, सुसज्जित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन – माँ नर्मदा की सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित
₹26 करोड़ से अधिक की लागत से पुनर्विकसित नर्मदापुरम स्टेशन को स्थानीय संस्कृति और ‘नर्मदा थीम’ पर आधारित डिज़ाइन में ढाला गया है। स्टेशन पर भव्य प्रवेश द्वार, नवनिर्मित प्रतीक्षालय, मॉर्डन टिकट काउंटर, दिव्यांगजन अनुकूल रैंप व शौचालय, 12 मीटर चौड़ा नया फुट ओवर ब्रिज तथा दोनों ओर उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म पर विस्तृत शेड्स की व्यवस्था की गई है।
साथ ही, यात्रियों के लिए 3100 वर्गमीटर क्षेत्र में सौंदर्यीकृत सर्कुलेटिंग एरिया तथा 1000 वर्गमीटर में आधुनिक LED लाइटिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह स्टेशन अब न केवल यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक केंद्र बनेगा, बल्कि माँ नर्मदा की पुण्यभूमि पर आधुनिकता और आस्था का संगम भी प्रस्तुत करेगा।

शाजापुर रेलवे स्टेशन – आधुनिकता और परंपरा का संगम
शाजापुर रेलवे स्टेशन को ₹13 करोड़ की लागत से आधुनिक रूप में विकसित किया गया है। यहां प्लेटफॉर्मों का उच्चीकरण, विस्तृत छायादार क्षेत्र, नया फुट ओवर ब्रिज, सौंदर्यीकृत सर्कुलेटिंग एरिया, आकर्षक प्रवेश द्वार और सुव्यवस्थित प्रतीक्षालय यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
स्टेशन के फासाद को सांस्कृतिक रूप प्रदान किया गया है, जिसमें शाजापुर की स्थानीय परंपराओं की झलक स्पष्ट है। साथ ही, पुरुष व महिला शौचालयों के अतिरिक्त दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधाएं, द्वितीय श्रेणी वेटिंग हॉल, VIP प्रतीक्षालय और पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।
140 वर्ग मीटर में फैला ‘आर्ट एंड कल्चर ज़ोन’ विशेष रूप से यात्रियों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो शाजापुर की सांस्कृतिक विविधता को सजीव रूप में दर्शाता है। यह स्टेशन अब जिले की सामाजिक और आर्थिक पहचान को एक नया आयाम देने के लिए तैयार है।
भोपाल मंडल रेल प्रशासन द्वारा इन दोनों स्टेशनों के पुनर्विकास को स्थानीय आवश्यकताओं और राष्ट्रीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अंजाम दिया गया है। यह पहल भारतीय रेलवे की ‘अमृत काल’ में यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।

India Edge News Desk

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