एप गुरू इमरान खान ने 3.32 करोड रुपये मूल्य के 50 मोबाइल एप्स विद्यार्थियों को किए निःशुल्क समर्पित

मनोज कुमार
अलवर जिले के खारेडा गांव में किसान परिवार में जन्मे मोहम्मद इमरान खान संस्कृत शिक्षा विभाग में गणित के शिक्षक है तथा एक आत्म-शिक्षित कम्प्यूटर प्रोग्रामर है। श्री खान अपने छात्रा जीवन के दौरान वैज्ञानिक बनना चाहते थे लेकिन परिस्थितिवश सरकारी शिक्षक बने। इन्होंने स्व-शिक्षण और इंटरनेट की सहायता से प्रोग्रामिंग और ऐप डेवलमेंट करना सीखा। शुरूआत में बहुत सी वेबसाइट बनाने के बाद 2012 में अलवर के तत्कालीन जिला कलक्टर श्री आशुतोष पेडणेकर की प्रेरणा से ऐप निर्माण शुरू किया। फिलहाल गूगल प्ले स्टोर पर उनके बनाए गए 100 से अधिक शैक्षिक एप्स उपलब्ध हैं जिनके कुल यूजर्स की संख्या लगभग 2.5 करोड से अधिक है। श्री खान द्वारा निर्मित एप्स न केवल भारत में बल्कि विश्व के लगभग 50 देशों में प्रयोग लिए जाते हैं।
साढे तीन करोड रुपये कीमत के एप विद्यार्थियों को निःशुल्क समर्पित
वर्ष 2015 में श्री खान ने अपने बनाए 50 मोबाइल एप्स मानव संसाधन मंत्रालय को देश भर के विद्यार्थियों को मुफ्त प्रयोग लेने हेतु समर्पित कर दिए जिनका मूल्य सरकार द्वारा 3.32 करोड रुपये आंका गया था। उनके इस अनुपम कार्य का जिक्र नवम्बर 2015 में वेम्बली स्टेडियम लंदन में भारत के प्रधानमंत्राी श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने भाषण के दौरान किया गया। प्रधानमंत्राी मोदी ने कहा, ‘‘मेरा भारत अलवर के इमरान खान में है।’’
श्री खान द्वारा बनाए गए प्रमुख ऐप
इमरान खान द्वारा निर्मित देववाणी ऐप का उद्देश्य संस्कृत शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीक के प्रयोग को बढावा देना है। उन्होंने राजस्थान में कॉलेज शिक्षा के लिए प्रोजेक्ट दिशारी ऐप का निर्माण किया है जिसके माध्यम से युवा मोबाइल फोन के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर लाभांवित हो रहे हैं। श्री खान ने जिला प्रशासन अलवर के लिए युवा शक्ति एप का निर्माण किया है। युवाओं को सकारात्मक कार्यों से जोडने और अधिकतम युवाओं तक रोजगार और कौशल विकास से संबंधित सूचनाएं सूचना तकनीक के माध्यम से पहुंचाने के उद्देश्य से यह एप लॉन्च किया गया है। वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण शिक्षण में हो रही क्षति की भरपाई के लिए विद्यार्थी इन एप्स के माध्यम से लाभ प्राप्त कर अपनी पढाई को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त पुरस्कार
श्री खान को जमनालाल बजाज पुरस्कार 2019, राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार 2016 एवं राज्य स्तरीय भामाशाह पुरस्कार तथा भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया जा चुका है। श्री खान को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक संस्थान एनआईईएलआईटी में तकनीकी सलाहकार के रूप में चुना गया है जिसमें उन्होंने संस्थान के लिए जीएसटी ट्रैनिंग एप का निर्माण किया है। साथ ही उन्हें 5 बार लाल बहादुर शास्त्राी राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में आईएएस अधिकारियों को संबोधित करने हेतु आमंत्रित किया जा चुका है।