छठ-दिवाली से पहले रेलवे का तोहफा, टिकट बुकिंग के नए नियम हुए लागू

नई दिल्ली

त्योहारी सीजन में अपने घर परिवार से दूर रहने वाले लाखों लाख लोग घर लौटते हैं. इस दौरान ट्रेनों में टिकट की मारामारी रहती है. हर कोई ट्रेन की बुकिंग कराना चाहते हैं. इस बार छठ 2025 (25 से 28 अक्टूबर) और दिवाली 2025 (21 अक्टूबर) को देखते हुए यात्रियों के लिए यह समय सबसे महत्वपूर्ण है. यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने IRCTC पर ऑनलाइन टिकट बुकिंग आसान कर दी है.

ये है नया नियम

बता दें कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के पटना, गया, भागलपुर, बक्सर, वाराणसी, मऊ, लखनऊ और मोतिहारी जैसे मुख्य शहरों के लिए विशेष ट्रेनें चल रही हैं. इसके अलावा 1 अक्टूबर से IRCTC ने नया नियम लागू किया है. नए नियम के तहत बुकिंग विंडो के पहले 15 मिनट में सिर्फ वही यात्री टिकट बुक कर पाएंगे जिनका आधार IRCTC अकाउंट से लिंक होगा. यात्री आज 3 अक्टूबर 2025, से 2 दिसंबर 2025 तक की यात्रा के लिए टिकट की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. यानी अब आप त्योहार में जाने और वापसी की टिकट दोनों पहले से सुरक्षित कर सकते हैं.

1 अक्टूबर से लागू नया नियम

1 अक्टूबर 2025 से IRCTC ने ऑनलाइन जनरल रिजर्वेशन टिकटों के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य किया है. इस नियम के अनुसार:

    बुकिंग विंडो खुलने के पहले 15 मिनट में केवल वही यात्री टिकट बुक कर पाएंगे जिनका आधार IRCTC अकाउंट से लिंक रहेगा.

    एसी क्लास के लिए सुबह 10:00 से 10:15 बजे, नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11:00 से 11:15 बजे यह नियम लागू रहेगा.

    अगर आधार लिंक नहीं है, तो 15 मिनट के बाद सामान्य बुकिंग हो सकेगी.
    यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने आधार को पहले से लिंक कर लें, ताकि त्योहार में यात्रा आसान हो सके.

IRCTC वेबसाइट या मोबाइल ऐप से यात्री

    यात्रा की तारीख निर्धारित तक टिकट बुक कर सकते हैं.
    वापसी की टिकट भी यात्री पहले से बुक कर सकते हैं.
    बिहार और पूर्वी यूपी के मुख्य शहरों के लिए यात्री स्पेशल ट्रेन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
    इस नए नियम और सुविधा से छठ और दिवाली के सीजन में घर वापसी की यात्रा अब और भी आसान हो जाएगी.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button