पहली बार बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरु संत सेवालाल महाराज की जयंती मना रहा है संस्कृति मंत्रालय
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली : भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय पहली बार बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरु संत सेवालाल महाराज की 284वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे साल उत्सव का आयोजन कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत यह जयंती वर्ष कार्यक्रम 26 फरवरी, 2023 से शुरू हो रहा है। इसके तहत 26-27 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 284वें जयंती समारोह के एक हिस्से के रूप में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गृह मंत्री श्री अमित शाह होंगे और इस दौरान केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित रहेंगी। वहीं, महाराष्ट्र सरकार के खाद्य और औषधि प्रशासन मंत्री श्री संजय राठौड़ इस कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि होंगे। इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता व दिल्ली के पूर्व विधायक श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, कालाबुर्गी (कर्नाटक) के लोकसभा सदस्य डॉ. उमेश जाधव और अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शंकर पवार 27 फरवरी, 2023 को सुबह 11:00 बजे मंच साझा करेंगे।
पिछले 3 वर्षों से नई दिल्ली स्थित संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली में इसका उत्सव मनाता रहा है। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. उमेश जाधव हैं, जो बंजारा समुदाय से भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र सांसद (कालाबुर्गी संसदीय क्षेत्र) हैं। हर बार वह दिल्ली में जयंती मनाते रहे हैं जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के हजारों बंजारा समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं।
हर साल की तरह इस साल भी इस जयंती को मनाने के लिए देश भर से बंजारे दिल्ली में इकट्ठे हो रहे हैं। इसके लिए कर्नाटक से एक विशेष ट्रेन भी चलाई गई, जिसमें कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बंजारा समुदाय के 2500 से अधिक लोग दिल्ली पहुंचे हैं। इस दो दिवसीय कार्यक्रम (26-27 फरवरी 2023) का आयोजन नई दिल्ली के जनपथ रोड पर स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम के साथ पूरे दिन सांस्कृतिक, बंजारा कला और नृत्य के कार्यक्रम होंगे और गृह मंत्री श्री अमित शाह इस कार्यक्रम में 27 फरवरी 2023 को सुबह 11:00 बजे शामिल होंगे।
संत सेवालाल महाराज का जन्म 15 फरवरी, 1739 को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सुरगोंडनकोप्पा में हुआ था। उन्हें बंजारा समुदाय का समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु माना जाता है। माना जाता है कि पूरे देश में बंजारा समुदाय की आबादी 10 से 12 करोड़ है। उन्होंने विशेष रूप से वनवासियों और घुमंतू जनजातियों की सेवा करने के लिए अपने लादेनिया मंडली के साथ देश भर में यात्रा की थी। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में उनके असाधारण ज्ञान, उत्कृष्ट कौशल और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण वे आदिवासी समुदायों में प्रचलित मिथकों व अंधविश्वासों को दूर करने और उनके जीवन में सुधार लाने में सक्षम थे। पूरे देश में विभिन्न नामों से पहचाने जाने वाले बंजारा समुदाय के लोग अपनी खानाबदोश जीवनशैली को स्थायी रूप से छोड़कर टांडा नामक अपनी बस्तियों में बस गए हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संत सेवालाल महाराज हर बंजारा परिवार के पूजनीय प्रतीक हैं। फरवरी में इन सभी राज्यों में संत सेवालाल महाराज जी की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। संत सेवालाल जी का समाधि स्थल महाराष्ट्र के वाशिम जिला स्थित मनोरा तालुका के पोहरादेवी में स्थित है, जिसे बंजारा काशी के नाम से भी जाना जाता है।