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गगनयान मिशन की परीक्षण उड़ान सफल, क्रू एस्केप मॉड्यूल उतरा

चंद्रयान-3 के लिए भी इसी तरह का असफल-सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाया गया था और अगस्त में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने वाला भारत को पहला देश बनाकर इसरो को इतिहास रचने में मदद की थी

इंडिया न्यूज़ : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी-डी1) का पहला परीक्षण करने जा रहा है। गगनयान मिशन के लिए टेस्ट उड़ान टीवी-डी1 को सुबह आठ बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए, इसका लॉन्च टाइम 30 मिनट आगे बढ़ा दिया गया। हालांकि, खराब मौसम की वजह से इसरो ने मिशन को 10 बजे लॉन्च किया। अंतरिक्ष में भेजने के बाद इसे सफलतापूर्वक बंगाल की खाड़ी में उतार लिया गया। जानें मिशन से जुड़े सभी अपडेट्स…

हर संभावना के लिए तैयारी करने का प्रयास करते हुए, जो अब इसके लोकाचार का एक हिस्सा है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए एक असफल परीक्षण करेगा।
चंद्रयान-3 के लिए भी इसी तरह का असफल-सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाया गया था और अगस्त में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने वाला भारत को पहला देश बनाकर इसरो को इतिहास रचने में मदद की थी। हालाँकि, इस बार दांव बहुत अधिक है क्योंकि इसमें मनुष्यों का जीवन शामिल होगा।

गगनयान के क्रू मॉड्यूल एस्केप सिस्टम का श्रीहरिकोटा से लाइव परीक्षण किया जाएगा। यह उन 20 बड़े परीक्षणों में से पहला है जिनकी इसरो ने निकट भविष्य के लिए योजना बनाई है। यह सब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास में है कि इसरो 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री को लॉन्च करेगा।

बंगाल की खाड़ी में ऐसे गिरा टेस्ट मॉड्यूल :

गगनयान (टीवी-डी-1) टेस्ट मिशन: क्रू एस्केप मॉड्यूल के बंगाल की खाड़ी में सफलतापूर्वक गिरने का परीक्षण पूरा कर लिया गया। इसरो ने इससे जुड़ा वीडियो भी जारी किया है।

क्या है क्रू-एस्केप मिशन, जिसे सफलतापूर्वक दिया गया अंजाम :

इसरो ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन1 में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी। उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगी, कुछ समय उड़ेगी और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर समुद्र में उतरेगी। इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा।

परीक्षण के उद्देश्य पूरे :

  • परीक्षण वाहन की उप प्रणालियों का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
  • अलग-अलग प्रणालियों के एक दूसरे से अलग होने व क्रू एस्केप सिस्टम का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
  • अधिक ऊंचाई पर
  • क्रू मॉड्यूल की विशेषताओं और इसकी गति धीमी करने वाली प्रणालियों का प्रदर्शन और पुनर्प्राप्ति।

सफल लॉन्चिंग पर इसरो प्रमुख ने कही ये बात :

इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने गगनयान की सफलता को लेकर कहा, “मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।” उन्होंने टीवी-डी-1 टेस्ट मिशन: क्रू एस्केप मॉड्यूल की सफल लैंडिंग के बाद वैज्ञानिकों को बधाई दी।

मिशन के अगले फेज में अब क्या ?

परीक्षण के तहत तरल ईंधन पर चलने वाले सिंगल स्टेज रॉकेट के साथ गगनयान के क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष में भेजा गय है। उड़ान के करीब एक मिनट बाद 12 से 17 किमी की ऊंचाई पर अभियान को रद्द करने की कमांड दी जाएगी। इस कमांड के साथ ही क्रू एस्केप सिस्टम सक्रिय हो जाएगा और 90 सेकंड में यह क्रू मॉड्यूल से अलग हो जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल वापस पृथ्वी पर लौटेगा।

  • पैराशूट की मदद से क्रू मॉड्यूल तय कॉर्डिनेट्स के हिसाब से श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में उतरेगा। जहां भारतीय नौसेना की एक गोताखोर टीम और जहाज पहले से तैनात होंगे और क्रू मॉड्यूल को पानी से बाहर निकालेंगे।
  • लॉन्च से लेकर क्रू मॉड्यूल के बंगाल की खाड़ी में उतरने तक करीब 9 मिनट का समय लगेगा। उड़ान के दौरान टेस्ट व्हीकल का शीर्ष सापेक्ष वेग करीब 363 मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच जाएगा।
  • अमेरिका और रूस जैसे देशों के अनुभव से इसरो ने सीखा है कि मानव मिशन में क्रू की सुरक्षा सर्वोपरी होनी चाहिए।

 

 

India Edge News Desk

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