इंदौर बीजेपी की नई नगर कार्यकारिणी: 31 नए सदस्य, स्वाति उस्ताद बनी नगर मंत्री

इंदौर 
अपनी नियुक्ति के करीब 9 माह बाद इंदौर बीजेपी नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने मंगलवार को टीम की घोषणा कर दी है। सुमित की टीम में 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री के साथ कुल 33 लोगों की टीम तैयार की गई है।

घोषित सूची के अनुसार, 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 8 मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा संगठन में 1 कोषाध्यक्ष, 1 सह-कोषाध्यक्ष, 2 सह-कार्यालय मंत्री, 1 मीडिया प्रभारी और 2 सह-मीडिया प्रभारी भी शामिल किए गए हैं।

संगठन को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए 1 आईटी प्रभारी, 2 सह-प्रभारी, 2 सोशल मीडिया प्रभारी और 2 सह-प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। भाजपा संगठन ने इस नई टीम को आगामी नगर निगम और विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए अहम जिम्मेदारी दी है।

भाजपा कार्यकर्ताओं में नई कार्यकारिणी की घोषणा के बाद उत्साह देखा जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह टीम संगठन को और मजबूत करने के साथ जनता तक भाजपा की नीतियों और उपलब्धियों को पहुंचाने का काम करेगी।

सबसे चौकाने वाला नाम गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति कासिद का है। उन्हें नगर मंत्री बनाया गया है। इसके पहले भी स्वाति कासिद को वार्ड 56 से पार्षद का टिकट दिया गया था। लेकिन संगठन में शिकायत और पति युवराज उस्ताद की रिपोर्ट बड़े नेताओं तक पहुंचने के बाद उनका टिकट वापस ले लिया गया था। पति युवराज पर अवैध वसूली सहित कई आरोप हैं।

वहीं वरुण पाल पिछली बार ग्रामीण की टीम में मीडिया प्रभारी थे, उन्हें इस बार शहर की टीम में मीडिया प्रभारी बनाया गया है।

गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी को संगठन में मिली जगह सूची में गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति कासिद को मंत्री बनाया गया है। बता दें कि नगर निगम चुनाव के समय स्वाति कासिद को भाजपा ने वार्ड 56 से पार्षद पद के लिए टिकट दिया था, जिसे 16 घंटे में वापस ले लिया था। उनकी जगह गजानंद गावड़े को टिकट मिला था।

तब भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा आपराधिक पृष्ठभूमि के पारिवारिक सदस्यों को भी टिकट नहीं देती। स्वाति कासिद के बारे में हमें पता चला कि उनके पति और परिवार की पृष्ठभूमि आपराधिक है। वो बहन (स्वाति) कैसी है ये कहने की जरूरत नहीं, लेकिन यदि उनके पति से लेकर परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि का हमें यदि फीडबैक मिलता है तो भाजपा इसे लेकर जीरो टॉलरेंस पर है। इसलिए पार्टी वार्ड 56 से दूसरे प्रत्याशी को टिकट दिया जाएगा।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने तब कहा था कि इस संबंध में पार्टी संगठन महामंत्री और मुख्यमंत्री को इस बारे में फीडबैक मिला था। इसलिए भाजपा ने उनका टिकट निरस्त किया है।

दरअसल युवराज काशिद उर्फ युवराज उस्ताद और उसकी गैंग पर अवैध वसूली और विवादित प्रॉपर्टी के केस निपटाने के आरोप हैं। युवराज उस्ताद पर कुख्यात बदमाश जीतू ठाकुर की जेल के भीतर हत्या सहित हत्या के प्रयास के दो केस दर्ज हैं। इसके अलावा संगठित गिरोह के बदमाशों की सूची में भी उसे एसटीएफ ने शामिल किया था। प्रशासन ने युवराज पर दो बार रासुका भी लगाया था। युवराज को 2020 में क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।

वसूली के भी लग चुके हैं आरोप

युवराज पर अपनी गैंग और बदमाशों के साथ मिलकर अवैध वसूली और विवादित संपत्तियों का निपटारा करवाने के भी आरोप हैं। युवराज के गिरोह पर मारपीट, अवैध वसूली, हत्या, हत्या का प्रयास जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। अधिकांश मामले परदेशीपुरा, बाणगंगा, हीरानगर, किशनगंज और महू में के हैं।

डॉ. दीप्ति हाड़ा बनीं उपाध्यक्ष दीप्ति, सुरेश भदौरिया के विवादित कॉलेज में असिस्टेंट डीन रह चुकी हैं। भदौरिया ने उन्हें कार्यकारिणी में शामिल कराने के लिए पूरा जोर लगाया था। बताया जाता है कि कई स्तरों पर सिफारिशें और राजनीतिक दबाव के बाद अंततः दीप्ति हाड़ा को उपाध्यक्ष पद मिल गया। जबकि एक साल पूर्व ही दीप्ति हाड़ा भाजपा में आई थीं।

एक नगर महामंत्री हुए रिपीट बीजेपी संगठन में नगर अध्यक्ष के बाद सबसे अहम मानें जाने वाले पद नगर महामंत्री के पद पर दो नए लोग काबिज हुए है, वहीं एक को रिपीट किया गया है। नगर महामंत्री सुधीर कोल्हे को रिपीट किया गया है। वहीं कैलाश पिपले और महेश कुकरेजा को पहली बार महामंत्री बनाया गया है।

सूची में प्रदेश अध्यक्ष का नाम गलत बीजेपी द्वारा जारी की गई इंदौर नगर कार्यकारिणी की सूची में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का नाम ही गलत लिखा हुआ है। बीजेपी द्वारा जारी सूची में प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल का नाम हेमंत खंडेलवा लिखा हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम के साथ ही भाजपा नगर कार्यकारिणी में हिंदी की गई गलतियां भी देखने को मिल रही हैं।

कोषाध्यक्ष, नगर कार्यालय मंत्री बदले बीजेपी गाइडलाइन में नगर कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष, नगर कार्यालय मंत्री और मीडिया संयोजक को रिपीट करने को कहा गया था। यह भी गाइडलाइन में कहा है कि इन तीनों ही पदों पर परिवर्तन तब ही किया जाए जब बहुत ही आवश्यकता लगे, लेकिन इंदौर नगर टीम में तीनों पदों पर नई नियुक्ति की गई है।

कोषाध्यक्ष पहले गुलाब सिंह ठाकुर थे लेकिन अब सचिन बंसल को बनाया गया है। कार्यालय मंत्री पहले ऋषि खनुजा थे जिसकी जगह अब विशाल यादव को बनाया गया है।

9 लोग गोलू शुक्ला की विधानसभा से विधानसभा-3 के भाजपा नगर में 9 पदाधिकारी मनोनीत हुए हैं। दीपेंद्र सिंह सोलंकी, कैलाश पिपले, मति स्वाति काशिद, सचिन बंसल, विशाल यादव, आकाश गर्ग (रानू), नितिन शर्मा, रितेश शर्मा और दीपेश पचौरी शामिल हैं।

यह विवादित चेहरे

    स्वाति क़ासिद- गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी है, 2022 में पार्षद का टिकट मिलने के बाद संगठन ने काट दिया था।
    डॉ डिप्टी हाड़ा- इंडेक्स डेंटल कॉलेज की असिस्टेंट डीन डॉ. दिप्ती हाड़ा को लेकर बीजेपी में ही एक राय नहीं है। अधिकांश का कहना है की इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के मालिक भदौरिया इन्हें अपने पैसे की ताक़त पर बीजेपी में लाए है ताकि वह कॉलेज ठीक से चला संके।

ये रिपीट हुए

    सुधीर कोल्हे और पप्पू शर्मा को रिपीट किया गया है।

कितने नए चेहरे

    टीम में 31 नए चेहरे शामिल किए गए हैं।

लालवानी कोटे से महिला मंत्री बीजेपी नगर कार्यकारिणी में एक मंत्री पद कंचन गिदवानी को दिया गया है। कंचन संसद शंकर ललवानी कोटे से आती है। कंचन वर्तमान में पार्षद भी है। सूत्रों का कहना है की ललवानी कंचन के बेटे विशाल गिदवानी को उपाध्यक्ष बनवाना चाहते थे लेकिन उन्होंने बाद में कंचन को मंत्री पद दिलवा दिया।

मेंदोला, गौड़ और हार्डिया पड़े भारी लंबे समय से कार्यकारिणी की सूची का इंतजार था। इसमें महामंत्री के तीन ही पद हैं, लेकिन सभी विधायक और वरिष्ठ नेता चाहते थे कि उनके समर्थकों को महामंत्री बनाया जाए, लेकिन इसमें रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया भारी नजर आए। रमेश मेंदोला के समर्थक सुधीर कोल्हे, मालिनी गौड़ के समर्थक महेश कुकरेजा और महेंद्र हार्डिया के समर्थक कैलाश पिपले को महामंत्री बनाया गया। पिपले को विधायक गोलू शुक्ला का भी समर्थन था।

उपाध्यक्ष पद पर कई नेताओं को किया संतुष्ट सुमित मिश्रा ने उपाध्यक्ष पद पर कई विधायकों और नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की है। हरप्रीतसिंह बख्शी, राकेश शर्मा, वासुदेव पाटीदार, भरत पारीख, भूपेन्द्र केसरी, गौतम शर्मा, दिपेन्द्रसिंह सोलंकी और डॉ. दिप्ती हाड़ा को उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया है। भरत पारीख को महामंत्री बनाने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें उपाध्यक्ष पद से संतुष्ट होना पड़ा। हरप्रीत सिंह बख्शी भी विधायक रमेश मेंदोला समर्थक हैं।

गौरव रणदीवे की टीम पौने दो साल में हुई थी तैयार यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी नगर अध्यक्ष नियुक्त के इतने लंबे समय बाद कार्यकारिणी घोषित हुई है। पिछली बार गौरव रणदीवे नगर अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे, तब भी शहर बीजेपी की कार्यकारिणी का गठन होने में पौने दो साल लगे थे। उस समय बड़े नेताओं के ट्राय एंगल ने पहले कार्यकारिणी को लटका दिया था, उसके बाद समर्पण निधि और बूथ विस्तारक कार्यक्रम ने कार्यकारिणी की राह रोक दी थी। जैसे-तैसे पौने दो साल बाद रणदीवे टीम बनाने में कामयाब हो पाए थे।

India Edge News Desk

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