जबलपुर : बजरंग दल ने महिला दर्शनार्थियों के लिए मंदिरों में पारंपरिक ड्रेस कोड लागू किया

जबलपुर 

महाकाल अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल ने जबलपुर के मंदिरों में महिला दर्शनार्थियों के लिए एक नया ड्रेस कोड जारी किया है. संगठन का कहना है कि मंदिरों में महिलाओं को पारंपरिक भारतीय परिधान पहनकर ही प्रवेश करना चाहिए. 

इसके तहत जींस, टॉप, बरमूडा, मिनी स्कर्ट जैसे परिधानों में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए शहर के 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के बाहर पोस्टर लगाए हैं.

मंदिर में प्रवेश करने समय सिर ढकना अनिवार्य 

इन पोस्टरों में साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि जो महिलाएं भारतीय संस्कृति के अनुरूप पारंपरिक वस्त्रों में नहीं आएंगी, उन्हें मंदिर परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. बजरंग दल की ओर से जारी पोस्टरों में यह भी लिखा गया है कि महिलाओं और बालिकाओं को मंदिर में प्रवेश के समय सिर ढकना अनिवार्य होगा. इन दिशा-निर्देशों को मंदिरों के मुख्य द्वार और दीवारों पर चिपकाया गया है, जिससे हर दर्शनार्थी इसे देख सके.

किन मंदिरों में लगाए पोस्टर?

अब तक ये पोस्टर शहर के 30 से अधिक मंदिरों में लगाए जा चुके हैं. इनमें बगुला मुखी मंदिर, खाटू श्याम जी मंदिर सहित कई सिद्ध मंदिर शामिल हैं. बजरंग दल के अनुसार यह कदम महिलाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने और मंदिर की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है. संगठन का कहना है कि मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं और संस्कृति के केंद्र होते हैं, जहां मर्यादा और अनुशासन का पालन जरूरी है.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का तर्क है कि भारतीय संस्कृति की रक्षा करना समाज के हर वर्ग का दायित्व है और महिलाएं इसमें अहम भूमिका निभा सकती हैं. उनका मानना है कि महिलाएं हमेशा से धर्म के कार्यों में अग्रणी रही हैं, इसलिए उन्हें मंदिरों में भी अपनी परंपरा के अनुरूप ही आना चाहिए.

हालांकि, इस फरमान को लेकर समाज में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं. कुछ लोग इसे संस्कृति की रक्षा मान रहे हैं तो कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बता रहे हैं.

India Edge News Desk

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