छत्तीसगढ़ के बाद अब MP में भी बजेगी डुगडुगी दिल्ली में जुटे कमलनाथ, क्या मध्य प्रदेश में भी बनने जा रहे हैं डिप्टी सीएम?
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बुधवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. टीएस सिंहदेव को अचानक दिल्ली में डिप्टी सीएम का पद दे दिया गया

मध्य प्रदेश: छत्तीसगढ़ की राजनीति में बुधवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. टीएस सिंहदेव को अचानक दिल्ली में डिप्टी सीएम का पद दे दिया गया. इसके बाद से मध्य प्रदेश में भी इसका असर दिखने की चर्चा शुरू हो गई है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि छत्तीसगढ़ के बाद जल्द ही इसका असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है.
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षता में बैठकों का दौर शुरू हो गया. इस बैठक में शामिल होने के लिए जहां छत्तीसगढ़ से सीएम भूपेश बघेल, मोहन मरकाम, टीएस सिंहदेव आदि पहुंचे, वहीं मध्य प्रदेश से पीसीसी चीफ कमलनाथ भी इस बैठक में शामिल हुए. बुधवार के बाद नाथ आज भी दिल्ली में हैं. वह यहां आलाकमान के साथ बैठक करेंगे.
एमपी कांग्रेस में होगा बदलावकमलनाथ के दौरे के दूसरे दिन राजनीतिक गलियारों में मध्य प्रदेश में बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं
पार्टी में अंदरूनी कलह और नाराज नेताओं को मनाने के लिए पार्टी में बड़ा बदलाव हो सकता है. दिल्ली दौरे पर कमलनाथ आज शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. इसके अलावा नाराज नेताओं को जिम्मेदारी सौंपकर खुश की रणनीति पर भी विचार कर सकते हैं. इसके साथ ही पार्टी के कई नेताओं के बीच चल रहे आपसी मनमुटाव को कम करने पर भी फैसला लिया जा सकता है. यह स्पष्ट है
दरअसल, ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव का पार्टी से मनमुटाव चल रहा था. 2018 में छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल की अवधारणा पर सीएम पद के दो दावेदार थे. ढाई साल पूरे होने पर पद नहीं मिलने से छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल-पुथल की खबरें आ रही थीं, लेकिन मामला शांत हो गया। इसके बाद बुधवार को दिल्ली में हुई हाईकमान की बैठक के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई, जिससे साफ हो गया कि अगर कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव जीतती है तो टीएस सिंहदेव अहम पद संभालेंगे.
क्या इसका असर एमपी में दिखेगा और सिंधिया डिप्टी सीएम होंगे?
छत्तीसगढ़ के बाद अब इसका असर मध्य प्रदेश में दिखने की चर्चा शुरू हो गई है।सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और 15 महीने के अंदर राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को डिप्टी बनाया जाएगा. जब सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे, तभी से उन्हें सीएम के रूप में देखने की कई मांगें हो रही थीं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी एक बार फिर सत्ता बरकरार रखने के लिए सिंधिया को डिप्टी सीएम का पद देगी?
क्या कहती हैं हालिया घटनाएं?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, हालिया घटनाओं पर नजर डालें तो बीजेपी में सिंधिया का कद बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद जहां सिंधिया आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मैदान पर सक्रिय हो गए हैं, वहीं कई कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी और पीएम मोदी के साथ आना-जाना बहुत कुछ बता रहा है।
क्या नरोत्तम मिश्रा बन सकते हैं डिप्टी सीएम?
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और देश-प्रदेश के हर मुद्दे पर सक्रिय रहने वाले हिंदुत्व नेता के रूप में पहचाने जाने वाले नरोत्तम मिश्रा प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। अगर डिप्टी सीएम के तौर पर सिंधिया का चेहरा सामने लाया गया तो मध्य प्रदेश बीजेपी का एक बड़ा धड़ा नाराज हो सकता है. बीजेपी के सामने ब्राह्मण वर्ग को साधना एक चुनौती बनी हुई है क्योंकि पिछले चुनाव में एससी-एसटी वर्ग का वोट बैंक कट गया था और पार्टी का पूरा फोकस इसी वर्ग पर है.
राजनीतिक सलाहकारों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में ब्राह्मण और एससी-एसटी दोनों बड़े वर्ग हैं. ऐसे में साधना पक्ष दोनों के लिए मुश्किल है. बीजेपी के लिए ब्राह्मण वर्ग को साधने के लिए नरोत्तम मिश्रा जैसे चेहरे को बड़े पद पर आगे लाना बेहद जरूरी है. अब चर्चा शुरू हो गई है कि क्या छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी डिप्टी सीएम का कॉन्सेप्ट लागू होगा और अगर हां तो यहां कौन सा चेहरा सामने आता है.