युवाओं के लिए सशक्तिकरण का राष्ट्रीय मिशन है कौशल विकास : मंत्री टेटवाल

भोपाल
कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने अपने वर्चुअल संदेश में कहा कि विभिन्न राज्यों और संस्थानों की सक्रिय भागीदारी हमारे मज़बूत स्किलिंग इकोसिस्टम की झलक है। उन्होंने एनसीवीईटी को बधाई देते हुए कहा कि अवार्डिंग बॉडीज और असेसमेंट एजेंसियों के लिए नए मानक तय किए गए हैं। योग्यताओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यताओं के ढाँचे (NSQF) से जोड़ा गया है साथ ही प्रशिक्षकों व अवसरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था को सशक्त बनाया गया है। मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि ये सुधार न केवल युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ा रहे हैं, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स और जीवन कौशल के माध्यम से आधुनिक उद्योगों और तकनीकी क्षेत्रों में नए अवसर भी खोल रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की पहल, जैसे संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क और राज्य कौशल विकास मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि कौशल विकास एक कार्यक्रम नहीं बल्कि युवाओं के सशक्तिकरण का मिशन है, जो विकासित भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनसीवीईटी), भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा मध्यप्रदेश शासन के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग और संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल के सहयोग से सोमवार को सेंट्रल जोन के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग एवं अवेयरनेस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वर्कशॉप का उद्देश्य कौशल विकास एवं प्रशिक्षण (VET) इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाना, गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करना और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के अनुरूप वोकेशनल एजुकेशन के एकीकरण को गति देना है।

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने वीडियो संदेश में कहा कि कौशल विकास केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि राष्ट्रीय अनिवार्यता है और भारत के भविष्य को गति देने वाली ताकत है। उन्होंने एनसीवीईटी द्वारा आयोजित जोनल वर्कशॉप की श्रृंखला को सराहते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म अवार्डिंग बॉडीज, उच्च शिक्षा संस्थानों, राज्य बोर्ड्स और स्किल मिशन्स को साझा अनुभव और दिशा प्रदान करते हैं। राज्यमंत्री श्री चौधरी ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क, NEP 2020 में स्किल्स के एकीकरण, पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत नए जॉब रोल्स तथा Skilling for AI Readiness (SOAR) पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत को “भविष्य की स्किल राजधानी” बनाने के लिए हर युवा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा योग्य कौशल से लैस करना आवश्यक है।

श्री विनीता अग्रवाल, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी ने कहा कि एनसीवीईटी राष्ट्रीय रेगुलेटर के रूप में गुणवत्ता मानकों की सुरक्षा और पहचान ढांचे की मजबूती पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को न केवल रोजगारपरक बल्कि युवाओं के लिए आकर्षक बनाने की आवश्यकता है। श्री नीना पाहुजा, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, जीवन कौशल, उद्योग सहयोग और एआई जैसी नई स्किल्स के एकीकरण पर बल दिया।

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार प्रमुख सचिव श्री मनीष सिंह ने कहा कि कौशल विकास, कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण ही भारत की विकास यात्रा की वास्तविक आधारशिला है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सशक्त करना न केवल देश की कार्यशक्ति को मजबूत बनाता है, बल्कि नवाचार, उत्पादकता और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करता है।

तकनीकी सत्रों में एनसीवीईटी, एमएसडीई और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रक्रियागत सुधार, सामान्य लागत मानक, और केंद्र-राज्य स्किलिंग पहलों के समन्वय पर विस्तृत विचार साझा किए। पैनल चर्चाओं में शिक्षा और उद्योग के विशेषज्ञों ने वोकेशनल एजुकेशन को उच्च शिक्षा और सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ने, नवाचार अपनाने और युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने की दिशा में विचार प्रस्तुत किए। वर्कशॉप में सभी प्रतिभागियों ने इस संकल्प को दोहराया कि सरकार, नियामक संस्थाएं, उद्योग और शिक्षा जगत मिलकर केंद्रीय क्षेत्र में एक भविष्य कार्यबल तैयार करेंगे और भारत को वैश्विक कौशल शक्ति बनाने में सहयोग करेंगे।

 

India Edge News Desk

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