हमास की कैद से 2 साल बाद रिहा हुए 7 इजरायली, तेल अवीव में जश्न; क्या अब टकराव फिर बढ़ेगा?

तेल अवीव

अपने घर, धरती और लोगों के दूर, दुश्मनों के साये में रहना क्या होता है, ये हम और आप सिर्फ सोच ही सकते हैं. इस खौफ को महसूस करके 24 महीनों बाद इजरायल के उन बंधकों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है, जिनका इंतजार हर पल उनके परिवार ने किया. उनका ये इंतजार आखिरकार रंग लाया और अब तक उन बंधकों की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है, जो दो साल के इस घातक युद्ध के बाद भी हमास की कैद में जिंदा बच गए.

गाज़ा में इजरायली बंधकों की रिहाई आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है, जिसमें करीब 20 लोगों को आजाद किया जाना है. हमास ने पहले 7 बंधकों को छोड़ दिया है, जिनमें – एतान मोर, गली और जिव बर्मन, मतान अंगरेस्ट, ओमरी मिरान, गाइ गिलबोआ-दलाल, और अलोन ओहेल शामिल हैं. बंधकों को बंदूकों के साये में लेकर हमास के लड़ाके आए और उत्तर गाजा से अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस के हवाले किया है. दूसरा समूह जिसमें 13 बंधक हैं, उनके भी जल्द ही रिहा होने की उम्मीद है.

संघर्ष विराम का पहला चरण
इजरायल ने पुष्टि की है कि यह रिहाई हमास और इजरायल के बीच अमेरिकी समर्थन वाले युद्धविराम समझौते में एक महत्वपूर्ण कदम है. समझौते के पहले चरण के तहत बंधकों की रिहाई की जानी थी, जिस पर काम शुरू हो चुका है. हमास जहां इजरायल के बचे हुए बंधकों को जिंदा या मृत हालत में वापस करेगा. माना जा रहा है कि हमास की कैद में मौजूद सिर्फ 20 इजरायली बंधक ही जीवित हैं, जिनमें से 7 को उसने अभी वापस भेजा है. इसके बदले इजरायल फिलिस्तीन के 1966 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने वाला है. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.

इजरायल और हमास ने बंधकों को छोड़ने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. इसका मकसद इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करना और शांति को मजबूत बनाना है. इजरायली सरकार की प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन ने बताया कि सोमवार सुबह तीन अलग-अलग समूहों में 20 जिंदा बंधकों को आजाद किया जाएगा. साथ ही 28 मरे हुए बंधकों के शव भी वापस मिलेंगे. बदले में इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा.

हमास की कैद से छूटने वाले लोगों में जिव बर्मन, मातन अंगरेस्ट, एलन हेल, ओमरी मिरान, एटान मोर शामिल हैं। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली है कि रिहा हुए लोगों की क्या स्थिति है। उनकी तबीयत कैसी है या फिर अस्पताल में एडमिट कराने की जरूरत है या नहीं। इन लोगों की हमास की कैद से रिहाई को तेल अवीव पर लोगों ने बड़ी स्क्रीन्स पर देखा और जश्न मनाते नजर आए। इन लोगों को हमास ने रेड क्रॉस सोसायटी को सौंपा। इनके बदले में इजरायल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके दखल से यह सीजफायर डील हुई है। बता दें कि अब तक वह 8 जंगों को रुकवाने का क्रेडिट ले चुके हैं।

अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप खुद इजरायल पहुंच चुके हैं। इस दौरान वह कई नेताओं के साथ गाजा शांति प्रस्ताव पर बात करेंगे। इसके अलावा भुखमरी के शिकार गाजा के लिए मानवीय मदद बढ़ाने का भी प्रस्ताव है, जहां लाखों लोग फिलहाल बेघर हैं और खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत है। फिलहाल सवाल यह भी है कि बंधकों की रिहाई और सीजफायर लागू होने के बाद हमास का भविष्य क्या होगा।
क्यों बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी जरूरी यह सीजफायर

दरअसल इजरायल की यह मांग रही है कि हमास को गाजा से बाहर किया जाए, तभी सीजफायर रह पाएगा। दरअसल यह सीजफायर बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी जरूरी है क्योंकि बंधकों की रिहाई को लेकर वे भी घिरे रहे हैं। बंधकों के परिजन सवाल उठाते रहे हैं कि अपने राजनीतिक फायदे की वजह से हमास के साथ किसी समझौते से नेतन्याहू बच रहे हैं। अब सीजफायर पर तो सहमति बन गई है, लेकिन नेतन्याहू चाहेंगे कि यह इजरायल की शर्तों पर ही लागू रहे।

यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था जब हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था. तब से दोनों तरफ बहुत नुकसान हुआ है. यह शांति समझौता अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की की मदद से हुआ है. 

– डोनाल्ड ट्रंप इजरायल की संसद में गए और वहां उन्होंने गेस्टबुक में अपना संदेश लिखा. उन्होंने इस दिन को 'महान और खूबसूरत' बताया क्योंकि उनकी शांति योजना सफल हो रही है और बंधक रिहा हो रहे हैं.

– ओफर जेल वेस्ट बैंक में एक बड़ी इजरायली जेल है जहां फिलिस्तीनी कैदी रखे जाते हैं. आज गाजा शांति समझौते के तहत इजरायल लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ रहा है, बदले में हमास ने 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया है. इन कैदियों को लेकर बसें अब जेल से बाहर निकल रही हैं. इनमें से 250 कैदियों को वेस्ट बैंक, जेरूसलम और दूसरे देशों में भेजा जाएगा, जबकि 1,716 कैदियों को गाजा के नासिर अस्पताल में छोड़ा जाएगा.

– हमास के पास जो 13 बंधक और बचे थे, उन्हें अब रेड क्रॉस को दे दिया गया है. ये रेड क्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो युद्ध में फंसे लोगों की मदद करती है. अब रेड क्रॉस इन 13 लोगों को सुरक्षित तरीके से इजरायली सेना को सौंप देगी. पहले 7 बंधकों को सुबह छोड़ा गया था, और अब बाकी के 13 भी छोड़ दिए गए हैं. इस तरह कुल 20 जिंदा बंधक आज रिहा हो गए.

24 महीने का इंतजार …

आपको बता दें कि इजरायल के नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर 7 अक्तूबर, 2023 की सुबह हमास के लड़ाकों ने एक भीषण हमला किया था, जो इजरायल के इतिहास पर एक काला धब्बा बन गया. इस दौरान हजारों यहूदियों के नरसंहार के अलावा हमास अपने साथ 251 लोगों को किडनैप करके भी ले गया था. इसके बदले इजरायल ने गाजा पट्टी पर बम बरसाने शुरू कर दिए थे. शुरू में शांति के जो प्रयास हुए, उसमें इजरायली बंधकों को हमास ने छोड़ा भी था लेकिन उसकी कैद में करीब 50-60 बंधक बाकी रह गए थे. इनमें से बहुत से बंधकों को हमास ने मौत के घाट उतार दिया और अब सिर्फ 20 ही बंधक जीवित बचे हैं. समझौते के तहत इजरायल अपने नागरिकों की जीवित या मृत वापस चाहता है, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

– अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल के संसद पहुंच गए हैं. वह थोड़ी देर में संबोधित करेंगे. 

– यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति प्रमुख काजा कल्लास ने कहा कि आज मध्य पूर्व में उम्मीद का एक दुर्लभ पल है. बंधकों की रिहाई कूटनीति की बड़ी कामयाबी है और शांति की दिशा में एक अहम कदम है. राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सफलता को मुमकिन बनाया. गाजा में शांति लाना बेहद मुश्किल काम होगा.

– ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि आज मध्य पूर्व में युद्ध खत्म करने का पहला और सबसे अहम चरण है. अब हमें पूरे इलाके के लिए स्थायी शांति और सुरक्षित भविष्य बनाना होगा. यूके गाजा में रह रहे आम नागरिकों के लिए और मानवीय सहायता दे रहा है. साथ ही गाजा के दोबारा निर्माण को तेज करने के लिए हम आगे बढ़कर काम करेंगे.

– यूएन सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर ने बताया कि राहत कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गाजा के उत्तर और दक्षिण में गर्म खाना और रोटी बांटना शुरू कर दिया है. साथ ही इलाके में खाना पकाने की गैस की सप्लाई भी पहुंचने लगी है. गाजा में मानवीय सहायता का काम पूरी तेजी से चल रहा है. यह तो बस शुरुआत है. युद्धविराम के पहले 60 दिनों की हमारी योजना के हिसाब से, यूएन और हमारे साथी संगठन अपने काम का दायरा बढ़ाएंगे ताकि गाजा के हर कोने में लोगों तक सहायता और सेवाएं पहुंच सकें.

 यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेर लेयेन ने कहा कि इजरायली बंधकों की वापसी उन परिवारों के लिए खुशी का पल है और पूरी दुनिया के लिए राहत की बात है. इसका मतलब है कि अब एक नया अध्याय शुरू हो सकता है. पुराना पेज पलट दिया जा सकता है. यूरोप अमेरिका, कतर, मिस्र और तुर्की द्वारा बनाई गई शांति योजना का पूरा समर्थन करता है. आज शर्म अल-शेख में युद्ध खत्म करने के समझौते को अंतिम रूप देना एक ऐतिहासिक पड़ाव होगा.

– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठकर जेरूसलम में नेसेट (इजरायली संसद) की तरफ जा रहे हैं. उनके साथ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा भी हैं. रवाना होने से पहले ट्रंप ने अपनी बेटी इवांका को बधाई दी और अपने दामाद जेरेड कुशनर और विशेष राजदूत स्टीव विटकॉफ से थोड़ी बातचीत की, जिन्होंने उनके आगमन पर उनका स्वागत किया था.

– अरबी चैनल अल-अरबी ने रिपोर्ट किया है कि हमास जल्द ही बाकी बचे 13 जिंदा बंधकों को रिहा कर देगा, जिसके बाद उसके पास कोई भी जिंदा इजरायली बंधक नहीं रह जाएगा. हमास के शेहाब चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक यह ट्रांसफर दक्षिणी गाजा पट्टी में होगा.

India Edge News Desk

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