जीएसटी रिफॉर्म देशवासियों के लिए मोदी जी का दीवाली गिफ्ट : मुख्यमंत्री

जीएसटी रिफॉर्म देशवासियों के लिए मोदी जी का दीवाली गिफ्ट : मुख्यमंत्री

22 सितंबर से लागू हो रही नई जीएसटी दरों को लेकर सीएम योगी ने की प्रेस वार्ता 

जीएसटी रिफॉर्म्स के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जताया आभार 

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के निर्णय को महंगाई से राहत और व्यापार को गति देने वाला बताया 

सीएम बोले- जीएसटी रिफॉर्म्स रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा

उपभोक्ताओं, किसानों, कारोबारियों और आम परिवारों तक सभी को मिलेगी राहतः मुख्यमंत्री 

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने की टैक्स रिफॉर्म की घोषणा और 20 दिनों में आ गए उसके परिणामः सीएम 

2017 से पहले थे कई जटिल कर, जीएसटी ने इन्हें समाहित कर वन नेशन, वन टैक्स की व्यवस्था दीः योगी आदित्यनाथ 

देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के नाते उत्तर प्रदेश को जीएसटी सुधारों का मिलेगा सबसे ज्यादा लाभः मुख्यमंत्री

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रेस वार्ता करते हुए हालिया जीएसटी रिफॉर्म्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों के लिए एक बड़ा दीवाली गिफ्ट करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का यह निर्णय देशवासियों को महंगाई से राहत और व्यापार को गति देने वाला है। यह केवल टैक्स सुधार नहीं बल्कि हर नागरिक के जीवन को सरल बनाने वाला दीपावली का उपहार है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं, किसानों, कारोबारियों और आम परिवारों तक सभी को राहत देने वाले इन सुधारों का लाभ 22 सितम्बर से, यानी शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन से मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया।

घोषणा के 20 दिनों के अंदर सामने आए परिणाम 
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री जी ने जिस टैक्स रिफॉर्म की घोषणा की थी, उसके परिणाम महज 20 दिनों में सामने आ गए। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 3 सितम्बर को लिए गए फैसले अब लागू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक टैक्स सुधार नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देने वाला व्यापक अभियान है।

जीएसटी में अब तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म
मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले देश में अलग-अलग कर लागू थे जिनमें वैट, सेल टैक्स, सेवा कर, उत्पाद शुल्क, एंट्री टैक्स और मनोरंजन कर जैसे जटिल कर उपभोक्ताओं और कारोबारियों पर भारी पड़ते थे। जीएसटी ने इन्हें समाहित कर देश को वन नेशन, वन टैक्स की व्यवस्था दी। अब जीएसटी में सबसे बड़ा सुधार किया गया है। पहले चार स्लैब—5%, 12%, 18% और 28% लागू थे। लेकिन अब सिर्फ दो स्लैब—5% और 18%—को रखा गया है। 12% और 28% की दरें समाप्त कर दी गई हैं। कुछ विलासिता की वस्तुओं पर 40% टैक्स यथावत रहेगा। इससे आम उपभोक्ता को सीधी राहत मिलेगी। रसोई से लेकर कृषि, मकान निर्माण से लेकर बड़े हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, उद्योग और व्यापार—हर क्षेत्र को लाभ मिलेगा।

घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सामान्य गृहस्थ परिवार को अब घरेलू खर्चों में सीधी राहत मिलेगी। दूध, दही, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों से जुड़े सामान पर केवल 5% या 0% टैक्स लगेगा। इससे न सिर्फ रोज़मर्रा के खर्च कम होंगे बल्कि उपभोक्ता की क्रय क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति ज्यादा खरीद सकेगा तो खपत बढ़ेगी और बाजार में मांग बढ़ने से उत्पादन में तेजी आएगी।

किसानों और ग्रामीण भारत को फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार किसानों और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी ऐतिहासिक है। ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल किसानों को राहत देगा बल्कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

बीमा और इलाज होगा सस्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाला जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर भी टैक्स घटाया गया है। इससे इलाज सस्ता होगा और हर सामान्य नागरिक को राहत मिलेगी। सरकार ने वाहनों की खरीद-फरोख्त पर भी राहत दी है। पहले कार और बाइक पर 28% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर 18% कर दिया गया है। यानी सीधे 10% की कटौती। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से न केवल आम नागरिक की गाड़ी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा, नए रोजगार उत्पन्न होंगे और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

शिक्षा क्षेत्र को भी फायदा
मुख्यमंत्री ने बताया क नोटबुक, पेंसिल और अन्य शिक्षण सामग्री पर टैक्स पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर आम उपभोक्ताओं और विद्यार्थियों को छूट दी है, वहीं तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ाकर 40% कर दी गई है।

टैक्स प्रणाली हुई और पारदर्शी
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार में आसानी (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन ऑटो-अप्रूव कर दिया गया है। टैक्स रिफंड की प्रक्रिया भी तेज की गई है। साथ ही रिस्क-आधारित कंप्लायंस और श्रम सुधार भी लागू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी से पहले देश का टैक्स संग्रह केवल 7 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। टैक्स पेयर्स की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।

टैक्स सुधार से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में टैक्स संग्रह की ऐतिहासिक वृद्धि से देश के हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट और रक्षा उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। 2014 के पहले देश में केवल 74 एयरपोर्ट थे, अब 160 हैं। मेट्रो नेटवर्क 248 किमी से बढ़कर 1,013 किमी हो गया। वंदे भारत ट्रेनों की संख्या 144 तक पहुंची है। रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ से बढ़कर 1,27,000 करोड़ रुपये हो गया। रक्षा निर्यात 686 करोड़ से बढ़कर 23,600 करोड़ रुपये तक पहुंचा।

गरीब कल्याणकारी योजनाओं तक सीधा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स सुधारों का लाभ गरीब कल्याणकारी योजनाओं में भी साफ दिखता है। 2014 में केवल 7,000 करोड़ रुपये की डीबीटी होती थी, आज 6.83 लाख करोड़ रुपये की डायरेक्ट ट्रांसफर गरीबों तक पहुंच रही है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से 4 करोड़ परिवारों को घर मिले हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन मिल रहा है।

यूपी को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के नाते उत्तर प्रदेश को जीएसटी सुधारों का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहले यूपी में वैट और सेल टैक्स से केवल 49,000 करोड़ रुपये का राजस्व आता था। 2017 के बाद यह बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया। केंद्र से जो शेयर मिलता है वो अलग। यही नहीं, प्रदेश में एक्सप्रेसवे, मेट्रो और एयरपोर्ट नेटवर्क का विस्तार भी टैक्स सुधार से संभव हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी को खासतौर पर पिपरमेंट, फुटवियर, रेडीमेड वस्त्र और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) उद्योगों से लाभ होगा। सिंथेटिक मेंथॉल पर 18% टैक्स और ऑर्गेनिक मेंथॉल पर केवल 5% टैक्स लगाया गया है, जिससे यूपी के किसान और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

मांग बढ़ने से यूपी में बड़े पैमाने पर सृजित होंगे रोजगार 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक सुधार के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। 2017 के बाद से आज सात एक्सप्रेसवे बन चुके हैं और छह पर कार्य जारी है। 2017 से पहले किसी भी शहर में मेट्रो नहीं चलती थी, जबकि आज छह शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। 2017 से पहले केवल दो एयरपोर्ट क्रियाशील और दो आंशिक थे, वहीं आज 16 एयरपोर्ट संचालित हैं और गौतम बुद्ध नगर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट इस वर्ष के अंत तक चालू हो जाएगा। प्रदेश के परंपरागत उद्योगों और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहन मिला है। अब उनके उत्पादों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा, जिससे बनारसी साड़ी, लखनऊ की चिकनकारी, बरेली का जरदोजी, जालौन का कागज उद्योग और फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग जैसे क्षेत्र फलेंगे-फूलेंगे। इससे न केवल उत्पादन और मांग बढ़ेगी, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि व्यापारी कल्याण बोर्ड के माध्यम से प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहित किया है और टैक्स देने वाले व्यापारियों को ₹1 लाख का सुरक्षा बीमा कवर भी उपलब्ध कराया है। अब तक 1063 परिवारों को ₹152 करोड़ से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है। इसके साथ ही हर वर्ष 29 जून को ईमानदारी से टैक्स देने वाले व्यापारियों को सम्मानित भी किया जाता है। 

 

 

India Edge News Desk

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