UPI पेमेंट में व्यापारियों से ठगी, फर्जी रसीद दिखाकर कर रहे ठगी

बिलासपुर

ऑनलाइन पेमेंट लेने वाले दुकानदारों को अब और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ठगों ने ऑनआइन ठगी का एक नया तरीका इजात कर लिया है। जिसमें ठग ऑनलाइन पेमेंट की नकली रसीद दिखाकर व्यापारियों को ठग रहे हैं। बिलासपुर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद व्यापारियों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी है।

बिलासपुर में दुकान में खरीदी के बाद फोन पे से फर्जी पेमेंट की रसीद दिखाकर कई व्यापारियों से ठगी का मामला सामने आया है। एक ही व्यापारी के तीन रिश्तेदारों की दुकान से इस तरह की ठगी का मामला सामाने आने के बाद व्यापारियों को इसकी जानकारी हुई। जब व्यापारियों ने अन्य व्यापारियों से बातचीत की तब पता चला कि मेडिकल स्टोर, किराने की दुकान समेत अन्य दुकानों में इस तरह ठगी की जा रही है। व्यापारियों ने ठगी की शिकायत सरकंडा थाने में की है। साथ ही संदेही की तस्वीर पुलिस को सौंप दी है। इसके आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

व्यापारियों को बना रहे शिकार
सरकंडा क्षेत्र के मोपका स्थित राधा विहार में रहने वाले संतराम साहू व्यवसायी हैं। उनकी बहतराई रोड प्रथम अस्पताल के पास किराने की दुकान है। व्यवसायी ने बताया कि 9 जून की रात करीब 8 बजे उनकी दुकान पर एक व्यक्ति पर आया। उसने घरेलू सामान की खरीदारी की। इसका बिल एक हजार 639 रुपये बना।

उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। साथ ही उसने दुकान में लगे पेटीएम के स्कैनर को अपने मोबाइल से स्कैन किया। स्कैन करते ही उनके संस्थान का नाम आ गया। इसके बाद उसने बिल की रकम डालकर पेमेंट किया। कुछ देर बाद उसने पेमेंट की रसीद दुकान संचालक को दिखाया।

उनके साउंड बाक्स में पेमेंट का एनाउंस नहीं हुआ था। दुकान संचालक ने बैंक सर्वर डाउन होने की बात सोचकर उसे जाने दिया। रकम बड़ा होने के कारण उन्होंने रात में स्टेटमेंट चेक किया। दूसरे दिन भी उनके एकाउंट में पेमेंट नहीं आया। तब उन्होंने अपने परिचित से बात की। इसमें पता चला कि कई दुकानों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। व्यापारी ने इसकी शिकायत सरकंडा थाने में की है।

ऑनलाइन पेमेंट लेते समय रहे सावधान

पुलिस ने बताया कि मोबाइल पर किसी दुकान पर फर्जी पेमेंट की स्क्रीनशाट दिखाकर ठगी के मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले में सावधानी जरूरी है। इस तरह के मामले में व्यापारियों के पास किसी तरह के ट्रांजेक्शन का कोई रसीद नहीं रहती। इसके कारण ठगी करने वालों तक पहुंचना कठिन होता है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्कता रखना जरूरी है।

जब तक उनके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन की रसीद नहीं आती, तब तक सामान नहीं देना चाहिए। अगर बैंक की कोई समस्या या अन्य परेशानी हो तो व्यक्ति दूसरे दिन दुकान आकर सामान ले जा सकता है। वहीं, अगर ठगी हो जाए तो व्यापारी उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकते। व्यापारियों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान सावधान रहने की जरूरत है।

 

India Edge News Desk

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