सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में मध्यप्रदेश की बड़ी उपलब्धि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने अधिकारियों को दी बधाई

भोपाल 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अभिनव पहल “संपदा 2.0” को शनिवार नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में प्रतिष्ठित SKOCH गोल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में मध्यप्रदेश की बड़ी उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संपदा 2.0 से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी है।

उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि "संपदा 2.0" ने सुशासन और पारदर्शिता के नये आयाम स्थापित किये हैं। यह सम्मान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में हो रहे निरंतर नवाचारी प्रयासों का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि तकनीक को जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाया गया है। भविष्य में इस पहल को और व्यापक बनाकर लोगों तक अधिक सेवाएँ पहुँचाई जाएँगी। यह पुरस्कार राज्य सरकार की पारदर्शिता, सुशासन एवं तकनीकी नवाचार की दिशा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की सराहना के रूप में प्रदान किया गया।

राजधानी नई दिल्ली में एक गरिमामय कार्यक्रम में प्रोफेसर महेंद्र एस देव चेयरमैन, प्रधानमंत्री इकोनॉमिक एडवाइजरी कॉउंसिल एवं प्रोफेसर आर. कविता राव, संचालक नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी तथा स्कॉच ग्रुप द्वारा "संपदा 2.0" के क्रियान्वयन के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश शासन को राष्ट्रीय स्कॉच स्वर्ण पुरस्कार 2025 प्रदान किया गया। परियोजना प्रभारी अधिकारी वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री स्वप्नेश शर्मा ने पुरस्कार प्राप्त किया।

"संपदा 2.0" के माध्यम से सेवाओं को तेज़, सरल और पारदर्शी बनाने में सफलता मिली है। इस प्लेटफ़ॉर्म ने न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में दक्षता बढ़ाई है, बल्कि आम नागरिकों को त्वरित एवं सुविधाजनक सेवाएँ उपलब्ध कराने में भी बड़ी भूमिका निभाई है। भविष्य की दृष्टि से "संपदा 2.0" को और व्यापक बनाने तथा अधिक सेवाएँ इससे जोड़ने की योजना है। इससे प्रदेश में डिजिटल सुशासन को नई गति मिलेगी और नागरिकों को और अधिक सरलता से सेवाएँ मिल सकेंगी। यह उपलब्धि मध्यप्रदेश के लिए गर्व का क्षण है और यह दर्शाती है कि राज्य राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार और सुशासन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को ई-पंजीयन एवं ई- स्टैंपिंग की परिष्कृत प्रणाली को उत्कृष्टता के आधार पर राष्ट्रीय ई – गवर्नेंस पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश देश का एक मात्र राज्य है जहाँ 75 दस्तावेज़ बिना उप पंजीयक कार्यालय आए वीडियो केवाईसी के माध्यम से पंजीकृत किए जा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी कभी भी स्वयं के उपयोग हेतु ई-स्टाम्प सृजित कर सकता है। यह प्रक्रिया स्थापित करने वाला मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है। प्रदेश में ई-पंजीयन के माध्यम से दस्तावेज के पंजीयन की पेपरलेस व्यवस्था संचालित है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा सराहा गया है। इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार को कैपिटल इंसेंटिव स्कीम में 200 करोड़ रूपये प्राप्त हुए हैं। "संपदा 2.0" साफटवेयर को 2025 का राष्ट्रीय ई गवर्नेन्स पुरस्कार भी 22 एवं 23 सितंबर को आन्ध्रप्रदेश, विशाखापट्टनम में राष्ट्रीय ई-गवर्नेन्स कॉन्फ़्रेंस में प्रदाय किया जाना है।

संपदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब कोई भी व्यक्ति कहीं से भी, कभी भी, www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल के माध्यम से ई-स्टांप प्राप्त कर सकता है। इसके मोबाइल ऐप से राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देखी जा सकती हैं।

India Edge News Desk

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