पिता से बगावत कर सुधाकर सिंह ने लड़ा था विधानसभा का चुनाव

पिता से बगावत कर सुधाकर सिंह ने लड़ा था विधानसभा का चुनाव

राजनीति में कुंदन बनकरे चमके विवेक ठाकुर

 विवेक ठाकुर ने भाजपा को सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में स्वयं को कुंदन की तरह तपाया

पटना
कारोबार की दुनिया में शोहरत की बुलंदियों को छूने के बाद सुधाकर सिंह ने पिता जगदानंद सिंह की इच्छा के विरुद्ध जाते हुये राजनीति में कदम रखा और सियासी रणभूमि में सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुये विधायक, मंत्री और अब सांसद बन न सिर्फ अपने सपने को पूरा किया, साथ ही अपने पिता की राजनीतिक विरासत भी संभाल ली है।

सुधाकर सिंह का जन्म 02 जनवरी 1976 को हुआ और उनका पैतृक निवास स्थान कैमूर जिले के रामगढ़ थाना अंतर्गत साहूका गांव में है। वर्ष 1990 में सुधाकर सिंह मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1995 में दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। सिंह को राजनीति विरासत में मिली। वह अपने पिता जगदानंद सिंह के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी रुचि हमेशा राजनीति में आने की रही थी। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुधाकर सिंह का झुकाव नौकरी की ओर हुआ लेकिन जिंदगी ने अचानक मोड़ लिया और उन्होंने गांव का रुख किया। सुधाकर सिंह राइस मिल के व्यवसाय से जुड़े। गांव-गांव घुमकर किसानों से धान की खरीद शुरू की। सफलता सुधाकर सिंह के कदमो को चूमती गई और उनकी युवा उद्यमियों की टीम बनती गई। इस क्रम में सुधाकर बिहार राइस मिलर संघ के अध्यक्ष भी रहे। इसी दौर में सुधाकर ने राजनीति में भी दांव आजमाना शुरू कर दिया।

सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह रामगढ़ से लगतार छह बार विधायक रहे थे। वर्ष 2009 में जगदानंद सिंह बक्सर के सांसद बने। वर्ष 2010 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सुधाकर सिंह को रामगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ने को न्यौता दिया। जगदानंद सिंह इसके पक्ष में नहीं थे, उन्होंने कहा कि इससे वंशवाद बढ़ेगा, लिहाजा उन्होंने अंबिका सिंह को राजद का टिकट दिलाया। सुधाकर सिह ने पिता से बगावत कर दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये। भाजपा ने रामगढ़ से सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बना दिया। राजद के दिग्गज नेता जगदानंद सिंह ने अपने पुत्र भाजपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह के विपक्ष में प्रचार किया। इस चुनाव में राजद के अंबिका सिंह ने जीत हासिल की। भाजपा के सुधाकर सिंह तीसरे नंबर पर रहे। सुधाकर की हार से ज्यादा चर्चा पिता जगदानंद सिंह के पार्टी के पक्ष में मजबूती से खड़े रहने की हुई।

सुधाकर सिंह का नाता बाद में भाजपा से टूट गया।वह राजद में सक्रिय हो गए। वर्ष 2020 में उन्होंने रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस बार राजद के सुधाकर सिंह ने बाजी मार ली। कांटे के मुकाबले में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी अंबिका सिंह को महज 189 मतों के अंतर से शिकस्त दी। सुधाकर सिंह बिहार सरकार में कृषि मंत्री बनाये गये। हालांकि उन्होंने बाद में कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

इस बार के आम चुनाव में बक्सर में लगातार दो बार वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में जीत का परचम लहरा चुके केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का टिकट काटकर भाजपा ने उनकी जगह पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, राजद ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया। राजद प्रत्याशी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी को कड़े मुकाबले में 30 हजार 91 मतों के अंतर से पराजित किया। इस जीत के साथ ही सिंह पहली बार सांसद तो बने ही साथ ही विधानसभा के बाद लोकसभा मे भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल ली है।
बक्सर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के बाद सुधाकर सिंह ने कहा, "मैं भारतीय संसद का सदस्य हूं। इसलिए मेरा पहला काम सभी भारतीय कानूनों को बदलने का होगा, जो किसानों के खिलाफ है। चाहे भूमि अधिग्रहण हो या मंडी कानून का हो या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मामला हो। नई शिक्षा की नीति हो जिसमें ये सरकार उच्च शिक्षा के लिए पैसा नहीं देना चाहती। ये जो बड़े मसले हैं सरकार के जरिए सुलझेंगे। जो छोटे-छोटे काम है मेडिकल कॉलेज का मसला है, नहरों की सफाई का मसाला है इस सभी चीजों को हम अपने व्यक्तिगत प्रयास से हल कराएंगे।"

 

राजनीति में कुंदन बनकरे चमके विवेक ठाकुर

 अपने पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री पद्मभूषण डॉ. सी.पी. ठाकुर से सियासत का दांवपेंच सीखने वाले विवेक ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में स्वयं को कुंदन की तरह तपाया और राज्यसभा सांसद के बाद देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल किया।

विवेक ठाकुर का जन्म 27 नवंबर 1969 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। उनके पिता सी. पी. ठाकुर और मां उमा ठाकुर हैं। विवेक ठाकुर ने राजधानी पटना के संत माइकल स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने वर्ष 1985 में संत माइकल स्कूल से मैट्रिक और वर्ष 1987 में इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद विवेक ठाकुर उच्च शिक्षा के लिये दिल्ली चले गये।उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित किरोड़ीमल कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह वापस बिहार आ गए और वर्ष 1990 में मगध विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की है। इसके अलावा, उन्होंने वर्ष 1998 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फारेन ट्रेड से एक्स मास्टर इन इन्टरनेशनल ट्रेड भी किया है। विवेक ठाकुर की पत्नी मीनाक्षी ठाकुर है, जो गवर्नमेंट जॉब करती हैं। उनकी दो बेटियां वैष्णवी ठाकुर और आहाना ठाकुर है।

महज चौबीस साल की उम्र में विवेक ठाकुर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बन गए। उन्होंने पटना महानगर से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। दिग्गज नेता रहे डॉ. सीपी ठाकुर ने विवेक ठाकुर को राजनीतिक ‘ककहरा’ तो सिखाया ही और साथ में सिखाया सार्वजनिक जीवन में शुचिता रखते हुए सादगी और सभी के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार कैसे किया जाता है। विवेक ठाकुर भारतीय जनता दल युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे और बाद में राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने पिता डॉ. सीपी ठाकुर से राजनीतिक पृष्ठभूमि पाई जरूर, लेकिन जनसेवा के मैदान में अपनी विरासत, अपनी पहचान खुद बनाई है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए विवेक ठाकुर गुजरात, बंगाल और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी भी रहे।

वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में विवेक ठाकुर ने बक्सर के ब्रह्मपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाये। वर्ष 2020 में विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद बनाये गये।उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में विवेक ठाकुर ने सह प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।राज्यसभा सासंद विवेक ठाकुर संसद में अपनी बातों को तथ्यपरक, गंभीरता और पुरज़ोर तरीक़े से रखने की कला में पारंगत हैं। बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके विवेक वर्तमान में राज्यसभा सांसद के रूप में शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष की जिम्मेवारी भी निभा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कई प्रदेशों में विधान सभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कई तरह की संगठनात्मक जिम्मदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर अपनी काबिलियत साबित की है। वे भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने इस पद पर रहते हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भी संगठन की ओर से दी गई जिम्मेदारी निभाते हुए कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में अपना लोहा मनवाया था। विवेक ठाकुर अब तक के अपने राजनीतिक जीवन में भाजपा में विभिन्‍न पदों पर रह चुके हैं। विवेक ठाकुर की पहचान प्रबुद्ध नेता, बेदाग छवि वाले प्रखर वक्ता के तौर पर होती है। विवेक विशिष्ट बौद्धिक चौतुर्य रखते हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर चंदन सिंह निर्वाचित हुये थे।इस बार के चुनाव में राजग में सीटो में तालमेल के तहत लोजपा के कोटे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिस्से में आई नवादा सीट पर राज्यसभा सासंद विवेक ठाकुर उम्मीदवार बनाये गये।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी विवेक ठाकुर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी श्रवण कुमार को 67 हजार 670 मतों के अंतर से शिकस्त दी और पहली बार लोकसभा सांसद बनें।

विवेक ठाकुर ने कहा है कि जब मैंने नामांकन किया उस समय ही संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत की कल्पना की है। उनकी परिकल्पनाओं से जोड़ते हुए मेरी कल्पना विकसित नवादा की थी। इसे हर कीमत पर साकार करूंगा। नवादा के मतदाताओं ने उन्हें कृपा पूर्वक वोट देकर सांसद बनाया है।इसके लिए मैं जीवन भर आभारी रहूंगा। नवादा में विकास के साथही रोजगार के अवसर दिलाए जाएंगे, जिससे हमारे युवा खुशहाली का जिंदगी जी सकें।उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भी कई योजनाएं लाई जाएगी, जिससे कृषि प्रधान इलाके में बेहतर खेती हो सके और किसानों में समृद्धि फैले।

 

 

जदयू ने राजद पर परिवारवाद को लेकर कसा तंज, कहा- मीसा भारती को संसदीय दल की नेता बनाने में देरी क्यों

लोकसभा चुनाव समाप्त हो गया है, लेकिन नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जदयू ) ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर परिवारवाद को लेकर जोरदार तंज कसा।

जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू यादव से विनम्र अनुरोध करते हुए कहा कि जगजाहिर है कि आपकी पार्टी के लिए प्रथम पद आपके परिवार के लिए आरक्षित है। पार्टी की नीति ही 'फर्स्ट पोस्ट, फर्स्ट परिवार' की रही है। ऐसे में मीसा भारती को लोकसभा में संसदीय दल का नेता नियुक्त करने में विलंब क्यों कर रहे हैं? उन्होंने आगे कटाक्ष करते हुए कहा कि आज बेटियां बेटों से कम कहां हैं।

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से भाजपा के रामकृपाल यादव को पराजित कर मीसा भारती पहली बार लोकसभा पहुंची है। पिछले चुनाव में मीसा भारती को रामकृपाल यादव ने हरा दिया था।

इस चुनाव में लालू यादव की एक अन्य बेटी रोहिणी आचार्य को हालांकि सारण से हार का मुंह देखना पड़ा है।

राजद के केवल चार प्रत्याशी ही जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। चुनाव प्रचार में जदयू और भाजपा परिवारवाद को लेकर राजद को घेरता रही है। लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button