योगगुरु रामदेव की कंपनी आईटी सेक्टर की दिवालिया फर्म रोल्टा इंडिया को खरीदने की रेस में पिछड़ गई

नई दिल्ली
योगगुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद आईटी सेक्टर की दिवालिया फर्म रोल्टा इंडिया को खरीदने की रेस में पिछड़ गई है। इस रेस में पुणे स्थित एशडन प्रॉपर्टीज सबसे आगे है। बता दें कि कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने में पतंजलि आयुर्वेद के अलावा वेलस्पन समूह की एमजीएन एग्रो प्रॉपर्टीज ने दिलचस्पी दिखाई थी।

850 करोड़ रुपये का ऑफर
रिपोर्ट के मुताबिक रोल्टा इंडिया के लिए एशडन प्रॉपर्टीज ने 850 करोड़ रुपये के ऑफर की पेशकश की है। इस ऑफर के बाद रोल्टा के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने बोली के दूसरे दौर को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। फरवरी में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के बाद रोल्टा इंडिया को खरीदने के लिए नए बोलीदाताओं को मौका दिया गया था। एनसीएलएटी में सुनवाई चल रही थी, उसी दौरान एशडन ने अपने ऑफर को बढ़ा दिया। इसके बाद सीओसी ने अदालत में एक हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि अब किसी भी नई योजना पर विचार नहीं किया जाएगा।

बता दें कि शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) के आधार पर एशडन प्रॉपर्टीज की 760 करोड़ रुपये की बोली को बैंकों द्वारा उच्चतम बोली लगाने वाला घोषित किया गया। इसके कुछ ही दिनों बाद पतंजलि ने जनवरी के अंत में 830 करोड़ रुपये की नकद पेशकश की थी। एशडन प्रॉपर्टीज ने इस बोली को चुनौती भी दी थी।

रोल्टा के बारे में
कमल सिंह प्रमोटेड कंपनी रोल्टा एक सॉफ्टवेयर कंपनी है जो दिवाला प्रक्रिया में है। इस पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों का 7100 करोड़ रुपये और सिटीग्रुप के नेतृत्व वाले अनसिक्योर विदेशी बांड धारकों का 6699 करोड़ रुपये बकाया है। कंपनी पर कुल मिलाकर करीब 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। साल 2022 में केवल एक बोली प्राप्त होने के बाद रोल्टा की बिक्री का यह दूसरा प्रयास है।

India Edge News Desk

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