वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर छात्रावासों का निरीक्षण अवश्य करें : राज्य मंत्री गौर

भोपाल
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्व.प्र.) श्रीमती कृष्णा गौर ने विमुक्त जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों का समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि छात्रावासों की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं छात्रावासों का निरीक्षण करें। उन्होंने विमुक्त जाति विभाग के 24 छात्रावास पुराने भवन में संचालित करने को लेकर कहा कि इन भवनों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि यह भवन छात्रावास के लिए उपयुक्त है, साथ ही पुराने भवनों के स्थान पर नवीन भवन निर्माण के प्रस्ताव रखें। विमुक्त जाति विभाग में 116 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इनमें 38 छात्रावास निजी भवनों में और 24 छात्रावास पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं। विभाग द्वारा बताया गया कि 62 नवीन छात्रावास भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है।

राज्यमंत्री (स्व.प्र.) श्रीमती गौर ने कहा कि विमुक्त, घुमंतु अर्द्धघुमन्तु समुदायों के कल्याण के लिए छात्रावास सहित अन्य इन्फ्रास्ट्रकचर जुटाने में व्यवसायिक संस्थानों से सी.एस.आर. मद के माध्यम से सहयोग प्राप्त करें। संचालक विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय श्री नीरज वशिष्ठ ने ने बताया कि सशक्तिकरण फाउण्डेशन के समन्वय से विभाग 05 जिलों के आश्रम शाला और सामुदायिक कल्याण केन्द्र में अंक ज्ञान और अक्षर ज्ञान के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कटनी में पारदी समुदाय को छात्रावास संचालन के लिए एक निजी सीमेंट फेक्ट्री से समन्वयन का प्रकरण विचाराधीन है। भोपाल जिले के बैरसिया की बर्री घाटी में निवासरत् पारदी समुदाय के लिए सी.एस.आर. मद से मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की पहल की गई है। विवेकानन्द केन्द्र के साथ संस्कार शाला का संचालन भी प्रक्रियाधीन है। संचालक ने बताया कि अभी विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के छात्र-छात्राओं को अभी मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की फ्री-कोचिंग देने की सुविधा के संबंध में भी कार्यवाही की जा रही है।

बैठक में बताया गया कि विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के बस्ती विकास योजना में मंगल भवन निर्माण की अधिकतम राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 20.00 लाख रूपये किया गया है। इसी प्रकार विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के छात्र-छात्राओं की शिष्यवृत्ति में भी जुलाई 2024 से बढ़ोतरी की गई है। विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के लिए जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने की कार्यवाही की जा रही है विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के परिवारों का डाटा भी संकलित किया जा रहा है। जन अभियान परिषद् के माध्यम से विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के परिवारों का चिन्हांकन करने के बाद पंजीकरण के पहले चरण में देवास, कटनी, धार, सीहोर, विदिशा, भोपाल, उज्जैन, मंदसौर, रायसेन, शाजापुर, राजगढ़ और इंदौर का चयन किया गया है। इन्दौर जिले में कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा।

संचालक ने बताया कि पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के पिछले 03 वर्षो में कुल सत्यापित 19.99 लाख विद्यार्थियों में से 19.12 लाख विद्यार्थियों को राशि रू. 24.87 करोड़ का वितरण किया गया है इसमें से पिछले 01 वर्ष में 09.59 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा छात्रवृत्ति वितरण के बैकलॉग को समाप्त करने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही की गई है। पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में पिछले 01 वर्ष में राशि रू. 07.75 करोड़ का भुगतान किया गया है।

संचालक ने बताया कि भोपाल में 516 लाख लागत से शासकीय यूनानी महाविद्यालय में 180 सीटर पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। पॉलीटेक्निक महाविद्यालय खण्डवा में 21 लाख की लागत से स्मार्ट क्लास का निर्माण कराया गया है। इन्दौर जिले के मऊ में निर्माणाधीन 100 सीटर कन्या छात्रावास का निर्माण शीघ्र पूरा किया जायेगा। पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास निर्माण योजना में पिछले 01 वर्ष में उज्जैन में 100 सीटर पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास का निर्माण पूर्ण कराया गया। मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण उद्यम योजना में वर्ष 2024-25 में 282 हितग्राहियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया।

संचालक ने बताया कि पिछड़ा वर्ग के कन्या छात्रावासों में मेस सुविधा जल्द शुरू भी जायेगी। मेस संचालन के लिए 3550 कन्याओं के लिए 1590 रू. प्रतिमाह प्रतिबालिका के मान से 680 लाख रू. की शासन से मांग की गई है। इसके साथ ही दिल्ली छात्रगृह योजना में वर्तमान में विद्यार्थियों की संख्या 50 से बढ़ाकर 150 करने और प्रतिविद्यार्थी प्रतिमाह दी जाने वाली सहायता राशि 1550 रू. से बढ़ाकर अनुसूचित जाति के समान करने पर 10000 हजार रूपये प्रतिमाह किये जाने के लिए शासन से 120 लाख रूपये की मांग की गई है। विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संचालित विभागीय प्रशिक्षण योजना में और अधिक विद्यार्थियों को लाभांवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

बैठक में अन्य विभागीय कार्यक्रम एवं योजनाओं पर भी समीक्षा की गई। आयुक्त पिछड़ा वर्ग श्री सौरभ सुमन, अपर सचिव, पिछड़ा वर्ग श्री अनुराग चौधरी, संचालक विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु समुदाय श्री नीरज वशिष्ठ सहित विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

 

India Edge News Desk

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