संयुक्त राष्ट्र में भारत ने बूचा हत्याकांड के लिए रूस को आड़े हाथों लिया, बिना नाम लिए जताई नाराजगी!

यूक्रेन-रूस विवाद पर शुरू से ही तटस्थ रहने की अपनी नीति को जारी रखते हुए भारत ने यूक्रेन के बूचा में बड़ी संख्या में आम नागरिकों के मारे जाने की घटना पर रूस को आड़े हाथों लिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में यूक्रेन पर बुलाई गई बैठक में भारत ने बूचा में नागरिकों के मारे जाने की घटना को काफी परेशान करने वाला बताया और इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।

रूस के खिलाफ भारत की तल्ख टिप्पणी

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने अपने बयान में सीधे तौर पर रूस का नाम नहीं लिया फिर भी 22 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर हमले के बाद उसके खिलाफ भारत की तरफ से की गई यह सबसे तल्ख टिप्पणी है। यूएनएससी की इस बैठक को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी संबोधित किया। जेलेंस्की ने रूस की तरफ से किए जा रहे नरसंहार की तुलना आतंकी संगठनों से किया और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से आह्वान किया कि या तो वो कार्रवाई करें या संयुक्त राष्ट्र को भंग कर दे।

यूक्रेन की स्थिति में कोई सुधार नहीं

तिरुमूर्ति ने कहा कि यूएनएससी में यूक्रेन विवाद पर पिछली बार चर्चा किए जाने के बाद हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। वहां सुरक्षा की स्थिति न सिर्फ खराब हुई है बल्कि मानवीय स्थिति भी बिगड़ी है। हाल ही में बूचा में नागरिकों के मारे जाने की जो रिपोर्ट आई हैं वह काफी व्यथित करने वाली है। हम इस घटना की निंदा करते हैं और इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ज्यादा सकारात्मक रवैया अपनाएगी। भारत ने वहां मानवीय आधार पर मदद पहुंचाने के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित कराने की भी मांग की है। साथ ही भारत की तरफ से ज्यादा मदद देने का भी प्रस्ताव रखा है। तिरुमूर्ति ने भारत की तरफ से पूरे हालात पर गंभीर चिंता जताते हुए पुरानी मांग दोहराई कि हालात सुधारने के लिए कूटनीति और वार्ता ही एकमात्र रास्ता है। भारतीय राजदूत ने पूरे घटनाक्रम से दुनिया के दूसरे हिस्सों पर हो रहे असर और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों का भी उल्लेख किया।

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