एमपी में 11 हजार करोड़ का होगा निवेश, इन 6 जिलों की जमीन चिह्नित

भोपाल

 सीएम डॉ. मोहन यादव को उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा में प्रदेश को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 11 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। वे ग्लोबल रिन्युएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो में गांधीनगर पहुंचे थे। विंड पावर एसोसिएशन ने सोलर पार्क की तर्ज पर विंड पार्क विकसित करने का अनुरोध किया।

 सीएम ने कहा, प्रदेश में 2025 तक सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगेंगे। अभी प्रदेश में कुल ऊर्जा में नवकरणीय का 21 प्रतिशत योगदान है। आगर, धार, अशोकनगर, शिवपुरी, भिंड और सागर में 15 हजार हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है, जहां 7500 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी।

इन कंपनियों ने प्रदेश में रुचि जताई
● अवाडा ग्रुप ने 5000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया।
● रिन्यू पावर ने प्रदेश में 6000 करोड़ रुपए के निवेश में रुचि व्यक्त की है।

● सैम्ब्कार्प ग्रुप ने मुरैना तथा नीमच सौर परियोजना में निवेश रुचि जताई।

● सुजलॉन एनर्जी ने प्रदेश में स्थापित ब्लेड उत्पादन इकाई लगाने का प्रस्ताव दिया।
● स्प्रिंग एनर्जी ने विंड ऊर्जा पार्क विकसित करने का अनुरोध किया।

● बोरोसिल ग्रुप ने सोलर पैनल ग्लास उत्पादन इकाई लगाने में रुचि जताई।

इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 12 सालों में 14 गुना बढ़ी है और अब राज्य 7 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि रीवा सौर परियोजना ने देश में कोयला आधारित ऊर्जा से सस्ती सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई है, जिसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट का सोलर पार्क निर्माणाधीन है और ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार 2025 तक सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। इसके अलावा, 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जहां 7500 मेगावाट सौर ऊर्जा और 3000 मेगावाट पवन ऊर्जा की स्थापना की जाएगी।

निवेशकों के साथ सीधी चर्चा, बड़े निवेश की उम्मीद

मीट के दौरान मुख्यमंत्री ने देशी-विदेशी निवेशकों के साथ वन-टू-वन बैठक कर प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा में निवेश को लेकर चर्चा की। प्रमुख कंपनियों जैसे विंड पावर एसोसिएशन, हीरो फ्यूचर एनर्जी, टॉरेंट पॉवर और रिन्यू पावर ने मध्यप्रदेश में निवेश की रुचि दिखाई।

विंड पावर एसोसिएशन ने सोलर पार्क की तर्ज पर विंड पार्क विकसित करने का प्रस्ताव दिया, जबकि अवाडा ग्रुप ने 5000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना प्रस्तुत की। टॉरेंट पॉवर ने पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं पर नीति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। रिन्यू पावर ने भी 6000 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि जताई।

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने निवेशकों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

नर्मदापुरम् में 464 करोड़ की लागत में 227 एकड़ में अत्याधुनिक मेन्यूफैक्चरिंग झोन भी स्थापित किया जा रहा है और एक रुपए टोकन राशि पर जमीन का आबंटन किया जाएगा और लीज रेंट की वार्षिक दर भी एक रुपए प्रति वर्गमीटर रहेगी, तो बिजली दर में 4 रुपए 36 पैसे प्रति यूनिट पहले 5 सालों तक छूट रहेगी। उसके अलावा भी कई अन्य रियायतें भी प्रदेश सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश असंभव को संभव करने की शक्ति रखता है।

वर्ष 2012 में प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 500 मेगावॉट से भी कम थी, लेकिन प्रदेश में अलग से विभाग का गठन कर तथा नीतियों और विभिन्न प्रोत्साहन के फलस्वरूप ही पिछले 12 सालों में राज्य की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में 14 गुना से अधिक वृद्धि हुई और आज राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता में 21 प्रतिशत नवकरणीय ऊर्जा का योगदान है। मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में भी अग्रणी राज्य है। रीवा सौर परियोजना के अंतर्गत बड़े-बड़े सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किए। जहां से पहली बार देश में कोयला उत्पादित ऊर्जा से भी सस्ती सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई गई है। रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को बिजली दी गई और इसे विश्व स्तर पर एक आदर्श परियोजना के रूप में मान्यता मिली है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी रीवा सौर परियोजना को केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है।

आगर-शाजापुर-नीमच सौर परियोजना के नीमच सौर पार्क में देश का न्यूतनम टैरिफ 2.14 रूपए प्रति यूनिट है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क निर्माणाधीन है। माँ नर्मदा पर ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है। इसमें 200 मेगावाट परियोजना के पैनल लगाए जा चुके हैं। इस परियोजना से वाष्पीकरण से होने वाली जल की हानि भी कम होगी। मिशन मोड में 2025 तक सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य है। आगर, धार, अशोकनगर, भिंड, शिवपुरी और सागर जिलों में 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जहां 7 हजार 500 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी। उज्जैन, आगर, धार, मंदसौर और रतलाम में 3 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार पंप हाइड्रो ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के सुगम विकास के लिए राज्य की मौजूदा पंप हाईड्रो कार्य योजना में जरूरी बदलाव करने पर विचार कर रही है।

India Edge News Desk

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