12 दिवसीय नर्मदा पुष्कर महोत्सव ओंकारेश्वर में शुरु, दक्षिण भारत से आठ लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना

खंडवा
 तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में बारह दिनों तक नर्मदा पुष्कर महोत्सव का उल्लास रहेगा। इसके लिए दक्षिण भारत से सात से आठ लाख श्रद्धालु ओंकारेश्वर आकर नर्मदा स्नान, तर्पण और पूजन करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन और नगर परिषद द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है। भीड़ बढ़ने पर नगर में छोटे वाहनों की आवाजाही भी प्रतिबंधित रहेगी।

ये है मान्यता

ओंकारेश्वर के अचंल दुबे ने बताया कि बारह साल में आने वाले कुंभ की तरह दक्षिण भारत के प्रांतों में पुष्कर महोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि सभी नदियां भगवान ब्रह्मा की रचना है। पुराण और उपनिषद नदियों को पवित्र मानते हैं और वह पूजनीय भी है। कुछ प्रसिद्ध नदियों को पुष्कर का दर्जा दिया गया है। बृहस्पति के नए घर में स्थानांतरित होने के बाद 12 दिनों के लिए पुष्कर भगवान जो भगवान ब्रह्मा के कमंडल में रहते हैं। वह इन पवित्र नदियों में मौजूद रहेंगे। और हमें आशीर्वाद देते हैं।

ऐसा माना जाता है उस पवित्र समय के दौरान सभी देवता ऋषि मुनि और यहां तक की त्रिमूर्ति भी इन नदियों का भ्रमण करते हैं और पवित्र स्नान का आनंद लेते हैं। इसलिए पुष्कर त्योहारों के दौरान इन नदियों में यदि कोई स्नान करता है और उन नदियों के तट पर अपने पितरों के निमित्त तर्पण करता है तो वह अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
प्रणिता नदी में पुष्कर मनाया जाता है

श्री स्कंद पुराण और नारद पुराण के अनुसार जब बृहस्पति मेष राशि में होते हैं तो गंगा वृषभ राशि में नर्मदा मिथुन में, सरस्वती कर्क में, यमुना सिंह में, गोदावरी कन्या में, कृष्णा नदी तुला में, कावेरी वृश्चिक में, तमरावेणी मकर में ,तुंगभद्र कुंभ में,सिंधु तथा मीन राशि में जब गुरु होते हैं तो प्रणिता नदी में पुष्कर मनाया जाता है। इस वर्ष भगवान भवन भास्कर एक मई को वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। अतः इस वर्ष पूर्ण सलिल मां नर्मदा में पुष्कर रहेगा। इसी के अंतर्गत चतुर्थ ज्योतिर्लिंग श्री ओंकारेश्वर के चरण कमल में स्थित पुण्य से लीला मां नर्मदा के तट पर महालक्ष्मी चैरिटेबल ट्रस्ट चेन्नई तमिलनाडु द्वारा पुष्कर महोत्सव मनाया जा रहा है।

ओंकारेश्वर में नर्मदा पुष्कर महोत्सव में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों से आने की जानकारी आयोजकों द्वारा दी गई है। इसे देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है। यह आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष में यहां मनाया जाता है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button