मारे गए माओवादियों में 18 की हुई पहचान, 93 लाख का था इनाम

बीजापुर
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के जंगलों में गुरुवार को हुई मुठभेड़ में 14 महिला माओवादियों सहित कुल 26 वर्दीधारी माओवादी मारे गए. इस मुठभेड़ में डीआरजी बीजापुर के एक आरक्षक राजूराम ओयाम भी शहीद हो गए. मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और माओवादी सामग्री बरामद की गई. वहीं आज नक्सलियों के शव को लेकर जवान बीजापुर जिला मुख्यालय पहुंचे. मारे गए 18 माओवादियों की शिनाख्त हो गई है, इन सभी पर 93 लाख रुपये का इनाम घोषित था. शेष मारे गये माओवादियों की पहचान की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर पश्चिम बस्तर डिवीजन के कोय 2, प्लाटून नंबर 13 और दरभा डिवीजन के सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इसके बाद बीजापुर डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ, सुकमा डीआरजी, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया. 20 मार्च को सुबह करीब 7 बजे अंडरी के जंगल में माओवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई, जो रुक-रुक कर शाम तक चली.
मारे गए माओवादियों की पहचान
मुठभेड़ में मारे गए 26 माओवादियों में से 18 की प्रारंभिक पहचान कर ली गई है, जबकि शेष की शिनाख्त जारी है. मृतकों में डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी मेंबर) सीतो कड़ती (8 लाख का इनाम), पांच एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और तीन पीपीसीएम (प्लाटून पार्टी कमेटी मेंबर) शामिल हैं. इसके अलावा नौ पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) प्लाटून मेंबर भी मारे गए, जिनमें से प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम था.
बरामद हथियार और सामग्री
घटनास्थल से एके-47, स्नाइपर एसएलआर, इंसास राइफल, 303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लॉन्चर सहित बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए. इसके साथ ही माओवादी वर्दी, साहित्य, दवाइयां, बैटरी, रेडियो और दैनिक उपयोग की सामग्री भी जब्त की गई.
मुठभेड़ में मारे गए 18 माओवादियों की जानकारी
सीतो कड़ती – निवासी मुण्डेर, थाना मिरतुर; पदनाम – DVCM, पश्चिम बस्तर डिवीजन, इनाम – ₹8 लाख
सुकई हपका – निवासी काकेकोरमा, थाना बीजापुर; पदनाम – ACM, इनाम – ₹5 लाख
सुक्की पूनेम – निवासी पुसनार, थाना गंगालूर, पदनाम – ACM, पश्चिम बस्तर डिवीजन, इनाम – ₹5 लाख
कांती लेकाम – निवासी पेद्दापाल, पदनाम – ACM, पश्चिम बस्तर डिवीजन, इनाम – ₹5 लाख
मधु कुंजाम – निवासी रामपुर, थाना गंगालूर, पदनाम – ACM, पश्चिम बस्तर डिवीजन, इनाम – ₹5 लाख
सुखराम ओयाम – निवासी मिरतुर, थाना मिरतुर, पदनाम – ACM, पश्चिम बस्तर डिवीजन, इनाम – ₹5 लाख
कोसी पूनेम – निवासी कोकरा, थाना बीजापुर, पदनाम – PPCM, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
वागा – निवासी बेचापाल, थाना मिरतुर, पदनाम – PPCM, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
बुधरू पूनेम – निवासी मुनगा, थाना गंगालूर, पदनाम – PPCM, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
आयते हेमला – निवासी कोकरा, थाना बीजापुर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
लच्छी पूनेम – निवासी डोडीतुमनार, थाना गंगालूर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
जुगनी – निवासी भैरमगढ़; पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
सरिता – निवासी बेलमनेण्ड्रा, थाना आवापल्ली, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
नंदा – निवासी मुतवेंडी, थाना गंगालूर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
जितेंद्र – निवासी फरसेगढ़ क्षेत्र, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
मोटू पोड़ियामी – निवासी हकवा, थाना मिरतुर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
लखमा ओयाम – निवासी पीड़िया, थाना गंगालूर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
मंगू ओयाम – निवासी पीड़िया, थाना गंगालूर, पदनाम – PLGA प्लाटून मेंबर, प्लाटून नंबर-13, इनाम – ₹5 लाख
शहीद जवान को श्रद्धांजलि
मुठभेड़ में डीआरजी का जवान राजूराम ओयाम वीरगति को प्राप्त हुआ. उनके पार्थिव शरीर को जिला मुख्यालय बीजापुर लाया गया, जहां 21 मार्च को सुबह 10 बजे नई पुलिस लाइन स्थित शहीद वाटिका में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
80 दिनों में 97 माओवादी ढेर
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास के लिए सुरक्षा बल मजबूत मनोबल के साथ कार्य कर रहे हैं. इस साल के पहले 80 दिनों में बस्तर संभाग में 97 हार्डकोर माओवादी मारे गए हैं, जिनमें से 82 बीजापुर जिले से हैं. उन्होंने माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की अपील की.
माओवादी संगठन में बढ़ रही अंदरूनी कलह
अधिकारियों ने बताया कि माओवादी संगठन में आपसी अविश्वास और कलह बढ़ रही है, जिसके चलते सदस्य एक-दूसरे की हत्या भी कर रहे हैं. इलाके में सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों और विकास कार्यों से माओवादियों का प्रभाव कम हो रहा है.