भोपाल फैमिली सुसाइड केस के 5 आरोपी अरेस्ट
दो बेटों को जहर देकर दंपती ने की थी खुदकुशी; आरोपियों में बैंक कर्मचारी 5 आरोपी अरेस्ट

भोपाल : भोपाल में दो बेटों को जहर देकर मारने के बाद दम्पति की आत्महत्या के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आत्महत्या करने वाले बीमा एजेंट भूपेन्द्र विश्वकर्मा के बैंक ऑफ बड़ौदा खाते से 95,700 रुपये भोपाल के यस बैंक के एक खाते में ट्रांसफर किये गये थे. इसी आधार पर पुलिस ने गिरफ्तारी की. यस बैंक के खाताधारक और कर्मचारी समेत 5 लोगों को 1.80 लाख रुपये का कमीशन मिला. पुलिस अब कमीशन देने वाले आरोपी की तलाश कर रही है। एक टीम दिल्ली भी भेजी जा रही है।
पुलिस ने 38 दिन की कड़ी मेहनत के बाद भोपाल के रहने वाले इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें एक कारोबारी और एक बैंककर्मी शामिल हैं। इस मामले में खलील को 23 दिन पहले राजस्थान के टोंक से गिरफ्तार किया गया था. खलील जालसाजों को फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराता था। उसने अपना खाता 40 हजार रुपये में जालसाजों को किराए पर दे दिया था।भूपेंद्र अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ भोपाल के रातीबड़ में रहता था। वह मूल रूप से रीवा के अंबा का रहने वाला था। उनके माता-पिता रीवा में ही रहते हैं। वह पेशे से किसान हैं।
भोपाल से ये आरोपी पकड़े गए :
- शारिक बेग (25) पुत्र मुश्ताक, अरवलिया, थाना ईंटखेड़ी
- मोहम्मद उबेज खान (27) पुत्र शफीक खान, जुमेराती
- अरशद बेग (29) पुत्र जहिर बेग, इस्लामपुरा तलैया
- शाहजहां उर्फ शाजी खान (31) पुत्र नासिर खान, कमला पार्क
- फरहान रहमान (30) पुत्र रिजवान रहमान, सब्जी मंडी के पास, न्यू अशोका गार्डन
आरोपियों में किसका-क्या किरदार :
शारिक की फर्म अमायरा ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर हुई रकम
साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि भूपेंद्र के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से रुपए हमीदिया रोड स्थित यस बैंक की ब्रांच में अमायरा ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस खाते में 95,700 रुपए ट्रांसफर किए गए। अमायरा ट्रेडर्स का प्रॉपराइटर शारिक है। शारिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चार और आरोपियों के नाम सामने आए थे।
शाजी ने शारिक से अकाउंट खोलने के लिए कहा
शारिक से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि शाजी उसका परिचित है। उसने बताया था कि टेलीग्राम पर एक ग्रुप से वह जुड़ा है। यहां कुछ लोग ऑनलाइन कारोबार में इंवेस्ट कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इस ग्रुप से जुड़ने के लिए करंट अकाउंट होना जरूरी है। शारिक ने शाजी के कहने पर अपनी फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने की सहमति दी।
उबेज ने बैंककर्मी फरहान से कराई शाजी की पहचान
शाजी का दोस्त उबेज है। उबेज ने ही यस बैंक के कर्मचारी फरहान से शाजी की पहचान कराई थी। फरहान ने अमायरा फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने से पहले फील्ड इंवेस्टिगेशन (FI) फर्जी तरीके से की। जब इंवेस्टिगेशन की गई, तब शारिक की दुकान पर सिर्फ टेबल रखी थी। बाहर एक पोस्टर लगा था। जांच के दौरान शारिक वहां मौजूद भी नहीं था। इसके बाद भी बैंककर्मी फरहान ने करीब 10 हजार रुपए की रकम को लेकर पॉजिटिव FI कर दी। इससे यस बैंक में खाता खुल गया।
उबेज ने बैंककर्मी फरहान से कराई शाजी की पहचान
शाजी का दोस्त उबेज है। उबेज ने ही यस बैंक के कर्मचारी फरहान से शाजी की पहचान कराई थी। फरहान ने अमायरा फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने से पहले फील्ड इंवेस्टिगेशन (FI) फर्जी तरीके से की। जब इंवेस्टिगेशन की गई, तब शारिक की दुकान पर सिर्फ टेबल रखी थी। बाहर एक पोस्टर लगा था। जांच के दौरान शारिक वहां मौजूद भी नहीं था। इसके बाद भी बैंककर्मी फरहान ने करीब 10 हजार रुपए की रकम को लेकर पॉजिटिव FI कर दी। इससे यस बैंक में खाता खुल गया।
अरशद ने खाते से निकाली थी रकम
अरशद बेग आरोपी शारिक का रिश्तेदार है। दोनों दोस्त भी हैं। भूपेंद्र के अकाउंट से शारिक के करंट अकाउंट में आई रकम को अरशद ने निकाला था। अमायरा ट्रेडर्स की दुकान में लगाए बैनर और टेबल को उसी ने FI से पहले अरेंज किया था। इस फर्जीवाड़े में शाजी मीडिएटर था। वही टेलीग्राम ग्रुप पर आरोपियों के संपर्क में रहता था। उनके दिशा-निर्देशों को दूसरे आरोपियों तक पहुंचाता था।
पूरा मामला समझे :
नीलबड़ के शिव विहार कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने 12-13 जुलाई की रात को अपने दो बच्चों ऋतुराज (8) और ऋषिराज (3) को कोल्ड ड्रिंक में जहर देने के बाद पत्नी ऋतु के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भूपेन्द्र टाटा एआईजी कंपनी में काम करते थे. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. अतिरिक्त आय और अतिरिक्त काम के लिए भूपेन्द्र ऑनलाइन जॉब भी कर रहा था। इसी बीच उसने ऑनलाइन लोन ले लिया था. लोन ऐप कंपनी के एजेंटों ने 17 लाख रुपये की वसूली के लिए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।