मुख्य समाचारहिमाचल प्रदेश
Trending

सोलन में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई

हिमाचल प्रदेश में दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटों में भूस्खलन, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 31 लोगों की जान चली गई है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में दो दिन से भारी बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटों में भूस्खलन, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 31 लोगों की जान चली गई है. मौसम विभाग ने 16 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है |

सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें शिमला के समरहिल में भूस्खलन की घटना…शिमला के समरहिल इलाके में स्थित शिव बावड़ी मंदिर भारी बारिश के कारण भूस्खलन की चपेट में आ गया. मलबे में 25 से ज्यादा लोग दब गए. अब तक 2 बच्चों समेत 6 शव बरामद किए जा चुके हैं. बाकी की तलाश जारी है |

बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत

भारी बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. पहाड़ी से अभी भी पत्थर गिर रहे हैं. मलबे के साथ चार से पांच पेड़ मंदिर के ऊपर गिर गए। इससे ज्यादा नुकसान हुआ है. एसडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू में लगे हुए हैं. जेसीबी मशीन से मलबा हटाया जा रहा है |

अभी कई लोग मलबे में दबे हुए हैं

फोन कर मदद की गुहार लगा रहे हैं।4 भतीजे मंदिर में खीर बनाने गए थे: स्थानीय निवासी किशोर ठाकुर ने बताया कि उनके 4 भतीजे भी मंदिर के अंदर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मंदिर के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए फोन आए हैं. ये बात सच है या अफवाह ये तो पता नहीं. उन्होंने कहा कि हर साल 15 अगस्त को मंदिर में भंडारा होता है और आज सावन का आखिरी सोमवार है. तभी मंदिर में खीर बनाने के लिए उनके भतीजे समेत छह-सात लोग मौजूद थे |

घर में चीजें भूलने से बची जान

शिव मंदिर में खीर बनाने आये नरेश ने बताया कि सुबह जब वह मंदिर आये तो यहां सब कुछ ठीक था. वह घर पर कुछ चीजें भूल गया। इसलिए मंदिर से वापस घर चला गया। जैसे ही वह घर से दोबारा मंदिर पहुंचे तो भूस्खलन शुरू हो चुका था और उन्होंने अपनी आंखों के सामने तबाही का यह मंजर देखा. उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मंदिर में दो बढ़ई, एक नेपाली और कुछ लोग मौजूद थे. स्थानीय लोगों ने उसी समय मलबे से नेपाली को बाहर निकाल लिया। लेकिन कुछ लोग मंदिर के अंदर फंसे हुए हैं

सीएम सुखविंदर सिंह ने किया घटनास्थल का दौरा

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन मलबा हटाने का काम कर रहा है. फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है. उधर, सीएम के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा- 10 से 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है।]

पहाड़ों की वर्टिकल कटिंग, ज्यादा बारिश से तबाही

उद्योग विभाग के भूवैज्ञानिक अतुल शर्मा ने बताया कि सड़कों के लिए पहाड़ों की वर्टिकल कटिंग की जा रही है. इससे भी ज्यादा विनाश हो रहा है. चंडीगढ़-शिमला, चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर ज्यादा नुकसान हुआ है। इस बार भारी बारिश के कारण हालात खराब हो गए हैं। राज्य में अप्रैल से लगातार बारिश हो रही है. इससे जमीन में नमी बढ़ गयी है. ऐसे में जब ताजा बारिश होती है तो नुकसान होता है.अतुल शर्मा ने बताया कि शिमला और सोलन में चिकनी मिट्टी ज्यादा है, जो ज्यादा बारिश से फूल जाती है और तबाही का कारण बन रही है।

सीएम का ऐलान, स्वतंत्रता दिवस पर नहीं होंगे

सांस्कृतिक कार्यक्रमसीएम सुखविंदर ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे. इस दौरान सिर्फ ध्वजारोहण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.हिमाचल में पिछले 55 घंटों से भारी बारिश हो रही है. शिमला के अलावा सोलन में भी भूस्खलन के कारण हादसा हुआ. जादोन गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई. देर रात हुई इस घटना में दो घर बह गए, जिसमें 3 लोगों के लापता होने की भी खबर है. उधर, मंडी जिले की बल्ह घाटी में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ब्यास नदी उफान पर है. अधिकारियों के मुताबिक यहां कई पर्यटक फंसे हुए हैं. पिछले दो दिनों में राज्य में 30 से अधिक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये और 180 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये |

हिमाचल में बारिश के कारण अन्य हादसे

मंडी में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 6 लोगों की मौत हो गई है. वहीं कई इलाकों में बड़ी गाड़ियां, ट्रक और बसें मलबे में दब गईं. फागली में भी कई लोग भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं. चार लोगों की मौत हो गई. पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. वहीं, सिरमौर में 4, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button