दिव्यांग नागरिकों की जिन्दगी संवार रही है स्कूटी योजना

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
सामाजिक सरोकारों के निर्वहन में अग्रणी प्रदेश की राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग नागरिकों की जिन्दगी संवार रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है- मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना। इस योजना के द्वारा दिव्यांगजनों को स्कूटी उपलब्ध करवा कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित कर उनके जीवन को आसान बनाने के लिए लगातर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023- 24 के बजट में दिव्यांगजनों को दी जाने वाली स्कूटी की संख्या को बढ़ाकर 5 हजार कर दिया है।
दिव्यांग दम्पती को मिली स्कूटी की सौगात
अलवर के डेहरा, शाहपुरा निवासी दिव्यांग दम्पती संजय गुर्जर एवं राधा देवी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। संजय ने बीएड व राधा ने बीएसटीसी कर रखी है। उन्होंने बताया कि रीट परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग आने- जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। राज्य सरकार ने नि:शुल्क स्कूटी प्रदान कर उन्हें बेहतरीन सौगात दी है। अब कोचिंग एवं अन्य स्थानों पर आने- जाने में उन्हें समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है। अब वे अपने सपने पूरे कर पाएंगे। इस दंपति ने मुख्यमंत्री का तहेदिल से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा उन्हें नियमित दिव्यांग पेंशन का भी लाभ दिया जा रहा है।
सगे भाइयों ने कहा सरकार ने हर कदम पर की मदद
अलवर के एमआईए देसूला निवासी स्वर्ण सिंह जांगिड़ के दो दिव्यांग बेटे राहुल जांगिड़ व संजय जांगिड़ हैं। संजय दुकान के माध्यम से स्वरोजगार करता है तथा राहुल बीए-बीएड का छात्र है। उन्होंने नि:शुल्क स्कूटी मिलने पर राज्य सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अब जरूरी कार्यों के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। स्कूटी के माध्यम से दैनिक कार्य आसानी से पूर्ण कर सकेंगे। लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं की खुले मन से सराहना की है।
स्कूटी मिलने से होगी समय और पैसे की बचत
अलवर शहर निवासी दिव्यांग तनु मनोचा ने बताया कि उन्हें सरस डेयरी में जॉब मिली है। दिव्यांग होने के कारण नियमित रूप से कार्य क्षेत्र से आने- जाने में अधिक समय व ऑटो किराया 3 हजार रूपए प्रतिमाह लगता था। राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क स्कूटी मिलने पर उन्होंने कहा कि अब समय और पैसे दोनों की बचत हो सकेगी। उन्होंने बताया कि वे सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त कर रही हैं। लाभार्थी तनु मनोचा ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया है। इसी प्रकार रामगढ़ के गांव जातपुर निवासी हेमलता चौधरी ने बताया कि वे बीए की पढ़ाई पूरी कर सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए कोचिंग करने प्रतिदिन शहर आती हैं। दिव्यांग होने के कारण गांव से शहर आना- जाना उनके लिए मुश्किल था। अब स्कूटी मिलने पर सारे कार्य समय पर पूरे हो पाएंगे। बानसूर के किसान कॉलोनी निवासी दिव्यांग निर्मला यादव ने बताया कि वे पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई का कार्य कर अपना जीवन यापन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कोटपूतली में दुकान है तथा स्कूटी मिलने के बाद अब घर से दुकान आना- जाना उनके लिए आसान हो गया है। उन्होंने स्कूटी मिलने पर राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब जीवन जीने की राह काफी हद तक आसान होगी।
स्कूटी पाकर जीवन में आई उमंग
अलवर की दिवाकरी निवासी सरिता ने बताया कि वे कॉस्मेटिक व सिलाई का कार्य करती हैं तथा पति मजदूरी करते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। सरिता ने बताया कि दिव्यांग होने के कारण दैनिक कार्य व दुकान पर आना-जाना उनके लिए आसान नहीं था। वे कहती हैं कि राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क स्कूटी मिलने पर हमारे जीवन में उमंग भर आई है व काम करना भी आसान हो गया हैं। लाभार्थी सरिता ने सरकार का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया है।