मोदी अब मंगलसूत्र, भैंस से मुजरा पर उतर गए, तेजस्वी यादव ने दो पन्नों का खुला पत्र लिख कर जमकर भड़ास निकाली

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण करीब है। 1 जून को बिहार के आठ लोकसभा क्षेत्रों में मतदान है। दूसरी ओर जुबानी जंग भी सातवें आसमान पर है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में कहा कि नौकरी के लिए जमीन लेने वाले चुनाव बाद जेल भेजे जाएंगे। उनका काउंट डाउन शुरू हो गया है। रविवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव के पूत्रऔर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को दो पन्नों का खुला पत्र लिख कर जमकर भड़ास निकाली। पीएम मोदी को पिछड़ा और दलित विरोधी बताते हुए कहा कि पद की गरीमा के अनुसार बात नहीं कर रहे। तेजस्वी के पत्र में मंडल कमीशन,आरक्षण, संविधान, मंगलसूत्र, भैंस और मुजरा का मुद्दा छाया हुआ है।

तेजस्वी यादव ने अपना पत्र सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट भी किया है। कहा है कि प्रधानमंत्री अब लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के बजाय एक संघर्षरत 34 वर्षीय युवा को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।  वह ऐसी धमकियाँ देकर संविधान का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। तेजस्वी ने पीएम को संबोधित करते हुए कहा है कि चुनाव आते-जाते रहेंगे लेकिन संविधान, देश की सामाजिक संरचना और उसके ढाँचे पर अब और हमला मत कीजिए।  आप बिहार आए और यहां आकर आप ने बहुत ही झूठी, आधारहीन और तथ्यहीन बातें कही। आपसे अब उंचे विमर्श की अपेक्षा नहीं बची है। उन्होंने ये भी लिखा कि एक विशाल ह्रदय वाले देश के प्रधानमत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए, आप खुद ही सोचिए।  आगे लिखा कि आपके चुनावी भाषणों का गिरता पैमाना ही आपकी राजनैतिक सोच का सही प्रतिबिम्ब है। प्रधानमंत्री जी, आपके नाम खुला ख़त है। जरा समय निकाल जातिगत जनगणना, आरक्षण, मंडल कमीशन और संविधान पर अवश्य ही अपना ज्ञानवर्धन कर लीजिएगा।

पीएम के नाम अपने खत में तेजस्वी यादव ने नरेंद्र मोदी पर जमकर भड़ास निकाली है। पत्र में कहा है कि जब हम बिहार में सरकार में आए तो हमने सरकार में आते ही राज्य के खर्चे पर जातिगत सर्वेक्षण कराया। आपने तो उसके लिए मना कर दिया था। तेजस्वी ने पीएम को संवेदनहीन भी कहा है।  आगे लिखा कि  हमने अपने खर्चे से सर्वेक्षण कराया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर  आरक्षण का दायरा 75% तक बढ़ा दिया।  अब आपसे बार-बार गुजारिश करते रहे और हाथ जोड़कर मांग करते रहे कि इसको संविधान की नौंवी अनुसूची में डाल दीजिए।  लेकिन प्रधानमंत्री  मूल रूप से  आप पिछड़ा और दलित विरोधी मानसिकता के हैं। कौन भूल सकता है कि 1990 में जब मंडल कमीशन लागू हुआ था तब मंडल कमीशन के विरोध में मोदी जी आडवाणी जी के साथ आरक्षण विरोधी रथ के सारथी थे।

अपने पत्र में तेजस्वी यादव ने कहा है कि बाबा साहेब द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त करने के लिए मोदी जी ने नया और नायाब तरीका ढूंढ लिया है। संविधान की धारा 15 और धारा 16 के तहत आरक्षण सरकारी नौकरियों में मिलता है। अपने रेलवे, सेना और अन्य विभागों से सरकारी नौकरियां ही खत्म कर दी है फिर आरक्षण की अवधारणा कहां जाएगी। लेकिन यह गंभीर चिंता की बात है कि आपकी प्राथमिकताओं में ये चीजें है ही नहीं।  हम आपसे कई बार आग्रह कर चुके हैं कि आप प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की व्यवस्था कीजिए ताकि व्यापक बहुजन आबादी, दलित समुदाय और अन्य वंचित समूह को उसका संवैधानिक हक मिल सके।  

 

India Edge News Desk

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