मोक्षदायिनी मां शिप्रा के तट पर मनेगा गंगा दशहरा, महोत्सव हुआ शुरू

उज्जैन

धार्मिक नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर गंगा दशहरा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। भागसीपुरा से निकलकर रथ पर सवार मां गंगा रामघाट पधारी। जहां पर पिशाच मुक्तेश्वर तीर्थ के सामने विधिवत पूजन अर्चन के साथ विराजित किया गया। अब 16 जून तक मां यहां पर विराजित रहेंगी। इस दौरान प्रतिदिन विभिन्न तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन यहां पर किया जाएगा।

मोक्षदायिनी मां शिप्रा के तट पर गंगा दशहरा मनाने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। उज्जैन में शुरू हुए गंगा दशहरा महोत्सव के अलावा माता गंगा भागसीपुरा में विराजित रहती हैं और यही से धूमधाम से सवारी निकालकर उन्हें रामघाट तक ले जाया जाता है। इस बार भी ढोल ढमाके के साथ रथ पर सवार सजी-धजी मां गंगा अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। यहां पहुंचने के बाद विधि विधान से उनका पूजन अर्चन किया गया। पंचामृत पूजन अभिषेक के बाद माता का दिव्य श्रृंगार कर शाम को महाआरती का आयोजन भी किया गया है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तक गंगा दशहरा उत्सव कार्यक्रम जारी रहेगा और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुचेंगे।

धर्माधिकारी एवं तीर्थ पुरोहित पंडित गौरव उपाध्याय ने बताया कि गंगा दशहरा पर्व से एक और परंपरा 20-22 सालों से जुड़ी हुई है, जिसका निर्वहन इस बार भी किया जाएगा। शिप्रा लोक संस्कृति समिति उज्जैन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन द्वारा 15 जून से दो दिवसीय शिप्रा परिक्रमा यात्रा शुरू की जाएगी। 55 किलोमीटर की इस यात्रा में जल, नदी, वायु और पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए जन जागरूकता फैलाई जाती है। 16 जून को इस यात्रा का समापन होगा और पंचामृत पूजन अभिषेक कर मां शिप्रा को 400 मीटर लंबी चुनरी अर्पित की जाएगी। वहीं, इसके साथ ही उज्जैन के नीलगंगा सरोवर पर भी गंगा दशहरा उत्सव 16 जून को मनाया जाएगा। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु संत, सिंहस्थ की तरह यहां पर पेशवाई निकालते हुए शाही स्नान करेंगे। शाम के समय माता गंगा को चुनरी अर्पण कर महाआरती का आयोजन किया जाएगा।

प्रथम दिवस 15 जून 2024 शनिवार को मां शिप्रा तीर्थ परिक्रमा प्रातः आठ बजे रामघाट से आरम्भ होगी, जो रामघाट से नृसिंहघाट, आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट, जंतर-मंतर (वेद्यशाला), वरूणेश्वर महोदव (शीतल गेस्ट हाऊस) से इन्दौर रोड, सीएचएल अस्पताल, प्रशांतिधाम सांई मंदिर, गुरूकुल (त्रिवेणी) दोपहर 12 बजे गुरुकूल विद्यालय पर भोजन विश्राम हेतू प्रथम पड़ाव) यात्रा दोपहर तीन बजे गुरुकुल त्रिवेणी से प्रस्थान, जो नवग्रह शनि मंदिर, गोठडा, सिकन्दरी, दाउदखेडी, चांदमुख, चिंतामण, मंगरोला फन्टा, लालपुल होते हुए भुखीमाता मंदिर, गुरुद्वारा नानक देव (रात्रि भोजन), नानक घाट से दतअखाड़ा। (भजन संध्या व रात्रि विश्राम पड़ाव दत्त अखाड़ा।) रात्रि विश्राम होगा। जिसके बाद 16 जून 2024 रविवार को प्रातः 7.30 पर यात्रा प्रस्थान दत्तअखाड़ा से रणजीत हनुमान, कालभैरव, भैरवगढ़ सिद्धनाथ, अंगारेश्वर, कमेड, मंगलनाथ, सान्दीपनी आश्रम, राम मंदिर, गढ़कालिका, यात्रा दोपहर तीन बजे से भृतहरीगुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकी धाम (भोजन विश्राम), दुर्गादास राठौर की छत्री चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढ़ाबारोड, गोपालमंदिर, पटनीबाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मंदिर, बडेगणेश मंदिर, सिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धी मंदिर होते हुए रामघाट पहुंचेगी। सांयकाल 6.30 शिप्रा-गंगा पूजन, चुनरी अर्पण के पश्चात भजन संध्या से कार्यक्रम का समापन होगा। शिप्रा लोक संस्कृति समिति उज्जैन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन कार्यक्रम के आयोजक रहेंगे।

ग्वालियर के संत ढोली बुआ कर रहे नारदीय संकीर्तन
धर्मधानी उज्जैन में ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा से 15 दिवसीय गंगा दशहरा उत्सव का शुभारंभ हुआ। सुबह भागसीपुरा स्थित गंगा माता मंदिर से माता गंगा की सवारी निकली। वहीं, अब प्रतिदिन रात आठ बजे से रामघाट पर ग्वालियर के संत ढोली बुआ नारदीय संकीर्तन से हरि कथा सुना रहे हैं। धर्माधिकारी तीर्थ पुरोहित पंडित गौरव उपाध्याय ने बताया, प्राचीन परंपरा अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा तक मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर गंगा दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है। घाट के समीप स्थित श्री शिप्रा गंगा माता मंदिर में प्रतिदिन शिप्रा गंगा माता का अभिषेक पूजन कर महाआरती की जाती है।

गंगा दशहरा को लेकर शासन स्तर पर हो रही यह तैयारियां
पावन नगरी उज्जैन में गंगा दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का आयोजन 15 एवं 16 जून को किया जाएगा। परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। इसीलिए कलेक्टर सिंह ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर निर्देश दिए कि मुख्य कार्यक्रम स्थल रामघाट पर नगर निगम द्वारा साफ सफाई और सौंदर्यीकरण कराया जाए। रामघाट पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था और आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था रहे। घाट पर पेंटिंग और कलाकृतियां भी कराएं। इसी प्रकार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग विभाग द्वारा पेयजल के लिए शिप्रा तीर्थ मार्ग पर पानी के टैंकर्स लगाए जाएं। जो यात्रा के साथ आगे बढ़ें। शीतल पेयजल के लिए सांची के पानी के टैंकर भी लगाएं। चुनरी अर्पण की तैयारी उज्जैन शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा की जाए।

कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग अवरुद्ध न हो। इंजीनियर यात्रा मार्ग के रूट का अवलोकन करें। आवश्यक मरम्मत के कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाएं। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि 16 जून को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाए। जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वालों सम्मानित करें। निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ श्रीराम तिवारी ने 15 एवं 16 जून की शाम रामघाट, दत्त अखाड़ा क्षेत्र में होने वाले सांस्कृतिक आयोजन के स्वरूप के संबंध में बताया कि विभिन्न लोकप्रिय कलाकारों द्वारा भजन संध्या एवं भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी जाएगी।

कार्यक्रम महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ की तरफ से होगा। इस अवसर पर शिप्रा नदी के महत्व और उसके सांस्कृतिक वैभव की जानकारी देने वाली विशेष पुस्तिका का लोकार्पण भी होगा। सदानीरा केंद्रित ऑडियो वीडियो सीडी का लोकार्पण भी किया जाएगा। आयोजन के दौरान मां शिप्रा सहित अन्य प्रमुख नदियों, जल संरचनाओं और जो पारंपरिक जल स्रोत रहे हैं (वर्तमान में विलुप्त हो चले हैं) सभी की सेटेलाइट मैपिंग करवा कर प्राचीन वांग्मय, परंपरा के संदर्भों के साथ सर्वे आधारित डाक्यूमेंटेशन का प्रकाशन किया जाएगा।

India Edge News Desk

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