सड़कों पर बैठे मवेशी, हादसों का अंदेशा, जिम्मेदार नहीं दे रहें ध्यान

चिरमिरी

नगर पालिक निगम चिरमिरी के द्वारा लगभग चार वर्ष पूर्व लाखों रूपयों की लागत से डोमनहिल में कांजी हाउस का निर्माण पालतू पशु पालकों के द्वारा छोड़े गए जानवरों से सड़कों से मुक्ति दिलाने हेतु कराया गया था परंतु निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण न तो सर्वसुविधा युक्त कांजी हाउस का उपयोग न होने के कारण कचरा वाहन पूरी तरह जर्जर अवस्था में बगैर उपयोग के ही हो गया। नगर पालिक निगम चिरमिरी क्षेत्र के अंतर्गत भारी संख्या में आस पास से लगे गांव क्षेत्र से पशु पालकों के द्वारा पशुओं को हांक कर बरसात के समय में हजारों की संख्या में नगर में चरने और विचरण करने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। जिस पर आज तक निगम के अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालक सहित शहर के रात भर डटे रहते हैं। मवेशी शहर के मेन रोड पर हर जगह बड़ी संख्या में मवेशियों का जमावड़ा है।

खासकर चौराहों पर तो रात भर मवेशी डटे रहते हैं। गेल्हापानी कोरिया चौक आऊट एरिया है किन्तु बीच शहर के दादु लाहिड़ी चीक, पं. श्यामा प्रस्तद मुखर्जी केन्द्रीय विद्यालय डोमनहिल बाजार, सोना वानी काली मंदिर, बड़ा बाजार बस स्टैण्ड, मेन मार्केट हल्दीबाड़ी स्वर संगम चौक, टैक्सी स्टैण्ड, मोहन कॉलोनी अमर जवान चौक सहित पं. दीनदयाल उपाध्याय चौक, पोड़ी गुरुनानक चौक, गोदरीपारा पुराना गोदरीपारा मेन रोड कन्या विद्यालय और सभी चौक-चौराहों एवं सभी कॉलोनीयो की गली मोहल्ले वाली सड़कों पर भी मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। लोग शौक से पशुपालन कर रहे हैं दूध पशुपालकों ने अब सारी हदें पार कर दी हैं।

पशुपालकों ने शौकिया तौर पर घरों में दुधारू पशु रखने की परंपरा तो शुरू कर दी है पर जब तक ये गाय दूध देती हैं, तब तक तो घर में बांधकर रखते हैं, किन्तु जैसे ही गाय दूध देना बंद करती है उन्हें सड़क पर विचरण करने छोड़ देते हैं। पूर्व में कई बार निगम ने पशुओं के खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई की, किन्तु कांजी हाउस की अव्यवस्था से पशुओं को पकड़कर रखना भी निगम के लिए मुसीबत बन गया। लिहाजा निगम ने कार्रवाई छोड़ दी तो पशुपालकों ने सारी सीमाएं पार कर दी। पहले  मवेशी ही शहर के चौक-चौराहों और सड़क पर विचरण करते बहुत कम नजर आते थे। किन्तु अब तो इनकी संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। शहर का कोई ऐसा मार्ग और चौराहा नहीं है, जहां एक- एक स्थान पर 100 से 200 मवेशियों का जमावड़ा न हो। बीच सड़क पर मवेशियों के जमायड़े ने शहर के नागरिकों को मुसीबत में डाल दिया है। दोपहिया, चारपहिया वाहन चालकों की जान का खतरा हो गया है।

बड़े वाहनों से ती मवेशी ही टकराकर मौत के शिकार हो रहे हैं। अब शहर के हालत देख नगर निगम चड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। एक-दो दिन में अभियान चलाकर स्वछंद विचरण कर रहे मवेशियों को धरपकड़ नहीं की जा रही हैं। जबकि कांजी हाउस डोमनहिल में नया भवन पशुओं को रखने के लिए बनाया गया था पर अभी तक उसमें पशुओं को डालने की तैयारी भी नहीं हुई हैं। विचरण के लिए छोड़ देते हैं। बारिश शुरू होते ही शहर में स्वछंद विचरण करने वाले मवेशियों की संख्या एकाएक सड़कों में बढ़ गई है। शहर का कोई चौक-चौराहा शेष नहीं, जहां मवेशियों का जमावड़ा न हो। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और दुर्घटना की आशंकाएं बढ़ गई हैं। निगम द्वारा अब इन पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की औपचारिक्ता भी नहीं निभाई जा रही हैं। जुर्माना वसूली के साथ इन पशुपालकों की पहचान कर शहर की शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कराई जानी चाहिए थी।

India Edge News Desk

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