बांग्लादेश हिंसा मामला: हिंदुओं के खात्मे की खतरनाक साजिश का पर्दाफाश, रौंगटे खड़े कर देगी सच्चाई

ढाका
बांग्लादेश में हाल ही में कट्टरपंथी ताकतों ने हिंसा और आतंक का एक नया अध्याय लिख दिया है। बांग्लादेश में हाल ही में हिंदुओं पर हमले और आतंकवादियों को छुड़ाने के लिए कट्टरपंथी ताकतों द्वारा एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। सतखीरा, शेरपुर और गाजीपुर जैसी जगहों पर जेलों पर हमले कर आतंकवादियों को रिहा किया गया, जिससे देश में अराजकता और हिंसा का माहौल पैदा हो गया । जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से ISI प्रशिक्षित कैडरों ने देश की कई जेलों पर सुनियोजित हमले किए, जिनका उद्देश्य जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हरकतुल जिहाद अल इस्लामी (हूजी) जैसे आतंकी संगठनों के आतंकवादियों को रिहा करना था। अंतरिम सरकार के गठन से पहले, सैन्य शासकों ने आधिकारिक तौर पर 2,200 से अधिक कैदियों को रिहा किया, जिनमें कई कट्टरपंथी और उनके समर्थक भी शामिल थे। लेकिन जेल पर हमलों के पीछे एक गहरी साजिश थी। साजिशकर्ताओं ने आतंकवादियों की रिहाई को अंतरराष्ट्रीय जगत की नजरों से छिपाने के लिए हमलों का सहारा लिया, ताकि उनकी छवि को नुकसान न पहुंचे।

इन कट्टरपंथियों का उद्देश्य केवल अंतरिम सरकार के गठन तक सीमित नहीं है। वे बांग्लादेश में इस्लामी शासन स्थापित करना चाहते हैं और इसी मकसद से हिंदुओं पर हमले बढ़ाए जा रहे हैं। मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है और हिंदुओं को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुष्प्रचार से दबाने की कोशिश की जा रही है ताकि विदेशी सहायता बंद न हो। अल्पसंख्यकों को हमलों की सूचना न देने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की इस अराजकता ने देश को एक गंभीर संकट में डाल दिया है। जेल से रिहा किए गए उग्रवादियों का इस्तेमाल मानवाधिकारों के हनन के लिए किया जा रहा है, और वे अपने समर्थकों और सहयोगियों के साथ मिलकर देश में अशांति और हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

नरसिंगडी जेल पर बड़ा हमला
23 जुलाई को नरसिंगडी जिला जेल पर किए गए हमले में 826 कैदियों को छुड़ा लिया गया, जिनमें नौ खतरनाक आतंकवादी शामिल थे। हमलावरों ने जेल के शस्त्रागार से 85 आग्नेयास्त्र और 8,000 गोलियां भी लूट लीं। इसके बाद जेल के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जला दिया गया। यह हमला जमात-ए-इस्लामी और ISI के साथ मिलकर रची गई साजिश का हिस्सा था। हमले के बाद देश में हिंसा और आगजनी की घटनाएं बढ़ गईं, जिनका मुख्य निशाना हिंदू समुदाय बना।

सतखीरा और शेरपुर जेलों पर भी हमले
सतखीरा और शेरपुर जिलों की जेलों पर भी इसी तरह के हमले किए गए। सतखीरा में, शाम होते ही जेल की लाइटें बंद कर दी गईं और आतंकवादियों को छुड़ाने के लिए कैदियों को रिहा कर दिया गया। सतखीरा के पुलिस अधीक्षक मतिउर रहमान सिद्दीकी के अनुसार, हमलावरों ने जेल के साथ-साथ सतखीरा सदर पुलिस स्टेशन, पुलिस अधीक्षक के आवास और जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संसद पर भी हमला किया और आग लगा दी। शेरपुर में भी दिन के उजाले में जेल पर हमला किया गया, जहां जमात और उसके समर्थकों ने लाठी-डंडों और देसी हथियारों के साथ मार्च किया और 500 से अधिक कैदियों को भागने में मदद की।

पुलिस और सेना की मिलीभगत का आरोप
इन हमलों के दौरान पुलिस और सेना की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि आवामी लीग के नेताओं द्वारा दी गई जानकारी के बावजूद, सेना ने जेलों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस बीच, कट्टरपंथियों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया और पुलिस स्टेशन में घुसकर कई पुलिसकर्मियों की हत्या की। कई स्थानों पर पुलिस की इमारतों को जला दिया गया। यह संदेह है कि पुलिस बल के कुछ हिस्से ने उकसावे के जरिए स्थिति को और अधिक बिगाड़ा।

गाजीपुर जेल से कैदियों को छुड़ाने की कोशिशें
गाजीपुर के काशिमपुर जेल में भी कई बार कैदियों को छुड़ाने की कोशिशें हो चुकी हैं। इस जेल में कई खतरनाक उग्रवादी बंद हैं, और कट्टरपंथियों ने जेल पर कई हमले किए, जिसमें कई आतंकवादी भागने में सफल रहे। पुलिस ने इसे स्वीकार किया है कि जेल की सुरक्षा का जिम्मा सेना के पास होने के बावजूद, हमलावरों ने कई बार सफलतापूर्वक हमले किए और जेल से आतंकियों को छुड़ा लिया।

जेलब्रेक के बाद हिंदुओं पर बढ़े हमले
जेलब्रेक की इन घटनाओं के बाद हिंदू समुदाय पर हमले और तेज हो गए। आतंकवादियों ने जेल से लूटे गए हथियारों का इस्तेमाल कर हिंदुओं को निशाना बनाया। ये हमले बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में फैले और व्यापक हिंसा और अराजकता का कारण बने।हालांकि सरकार ने नरसिंगडी जेल के अधीक्षक अब्दुल कलाम आजाद और जेलर कमरुल इस्लाम को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, लेकिन जमात समर्थक सरकार के हाथों में उन्हें फिर से बड़ी जिम्मेदारियां मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस तरह की साजिशों से बांग्लादेश में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जमात और आईएसआई द्वारा प्रायोजित इस हिंसा ने बांग्लादेश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button