प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना छोटे कारीगरों को हुनरमंद बनाने की कारगर पहल है

भोपाल

प्रबल मान्यता है कि इस संसार को भगवान विश्वकर्मा ने यह सुन्दर स्वरूप दिया है। वे इस सृष्टि के पहले वास्तुकार एवं शिल्पज्ञ थे। केन्द्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना' के नाम से एक अभिनव योजना प्रारंभ की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितम्बर 2023 को योजना का शुभारंभ किया था। योजना में अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले पारम्परिक कारीगरों एवं शिल्पकारों को सभी प्रकार की सहायता दी जायेगी। योजना में 18 प्रकार के परम्परागत व्यवसायों जैसे बढ़ई, नाव-निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल-किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार व पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाले, मोची (चर्मकार)/जूते बनाने वाले, राज-मिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौने निर्माता (पारम्परिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले कारीगरों को शामिल किया गया है। इच्छुक आवेदकों को योजना में पंजीयन कराने के लिये 'पीएम विश्वकर्मा पोर्टल' भी बनाया गया है।

इस पोर्टल में मध्यप्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में एक सितम्बर 2024 तक कुल 29 लाख 40 हजार 426 से अधिक कारीगरों ने अपने पंजीयन करा लिया है। कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा इन पंजीयन आवेदनों में से पात्र कारीगरों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा और उनके उत्पादों को बेचने के लिये 'सेल प्लेटफार्म' भी मुहैया कराया जायेगा।

आयुक्त, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प ने बताया कि मूलत: केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की "पीएम विश्वकर्मा योजना" में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग 'ट्रेनिंग पार्टनर' के रूप में काम करेगा। योजना के घटकों में पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र एवं आईडी कार्ड के जरिये कारीगरों और शिल्पकारों का पात्रता पंजीयन किया जाएगा। इन पात्र कारीगरों को 5 से 7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या इससे अधिक दिन का उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन की दर से शिष्यवृत्ति (Styfund) भी दी जाएगी। इसके अलावा बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरूआत में ई-वाऊचर के रूप में 15 हजार रूपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। योजना में कारीगरों एवं शिल्पकारों को व्यवसाय/दुकान/आऊटलेट स्थापित करने के लिये बैंक लिंकेज व पात्रतानुसार स्व-रोजगार के लिये लोन लिंकेज, डिजिटल लेन-देन के लिये प्रोत्साहन और विपणन सहायता भी दी जाएगी।

आयुक्त, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प ने जानकारी दी कि कारीगरों से प्राप्त कुल पंजीयन आवेदनों में से अब तक 12 लाख 76 हजार 646 कारीगरों के आवेदन प्रशिक्षण के लिये मान्य कर लिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 37 जिलों में 15 ट्रेड्स में 39 ट्रेनिंग प्रोवाईडर्स के माध्यम से कौशल विकास की प्री-बेसिक ट्रेनिंग देकर 128 प्रशिक्षण केन्द्रों में कारीगरों को टूल-किट प्रदाय के लिये चयनित कर लिया गया है। इसी प्रकार 38 जिलों में 15 ट्रेड्स में 107 ट्रेनिंग प्रोवाईडर्स के जरिये 80 बैचेस में कारीगरों को कौशल विकास की बेसिक ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 31 हजार 612 कारीगरों को प्री-बेसिक ट्रेनिंग दी जा चुकी है और वर्तमान में 2 हजार 941 कारीगरों की ट्रेनिंग जारी है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button