भारत-चीन सीमा पर निगरानी की दिशा में सेना को एक बड़ी कामयाबी मिली, LAC की निगरानी भी हुई आसान

नई दिल्ली
भारत-चीन सीमा पर निगरानी की दिशा में सेना को एक बड़ी कामयाबी मिली है। लद्दाख में भारत का सबसे ऊंची हवाई पट्टी जल्द शुरू हो जाएगी। इससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा तो बेहतर होगी ही, एलएसी से कनेक्टिविटी भी अच्छी हो जाएगी। यह एयरफील्ड पूर्वी लद्दाख में मुढ़-न्योमा पर है। एडवांस लैंडिंग ग्राउंड करीब 13 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर है जो चीन की सीमा एलएसी के काफी करीब है। इसके पूरा होने के बाद सेना के तेजी से मूवमेंट में आसानी होगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में भारतीय सेना को रणनीतिक फायदा भी मिलेगा।

न्यौमा एएलजी पर तीन किलोमीटर का रनवे भी है। यह इमरजेंसी ऑपरेशन के दौरान काम आएगा। साल 2021 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का बजट 214 करोड़ रुपए का था। एलएसी के करीब एयरस्ट्रिप बन जाने से सेना के लिए यह सामरिक रूप से बेहद अहम हो गया है। भारतीय सेना उत्तरी सीमा से भी पहले यहां पर जवानों और हथियारों की तैनाती कर सकती है। अगर चीन की तरफ से कोई खतरा महसूस होता है तो ऐसी स्थिति में न्यौमा बहुत ज्यादा अहम होगा। आमतौर पर इन जगहों पर ग्राउंड ट्रांसपोर्ट बहुत चैलेंजिंग होता है। लेकिन अब एयरफोर्स दूर-दराज और पहाड़ी इलाकों में सीधे अपने मिशन को अंजाम दे सकती है।

तनाव के बीच अहम
मुढ़-न्यौमा एएलजी के पूरे होने का समय भी काफी अहम है। चार साल पहले एलएसी पर गलवान घाटी में तनाव के बाद भारतीय सेना पूरी तरह चौकन्नी है। इसके बाद से लद्दाख और अन्य सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का काम बहुत तेजी से चल रहा है। इस कड़ी में न्यौमा एक नया जुड़ा है। नए बने रास्तों, टनल्स और पुलों से मुश्किल इलाकों में भारत के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचाना बहुत आसान हो गया है।

हाल ही में डेमचौक और डेपसैंग में सैनिकों के पीछे हटने के बाद से इस एयरफील्ड की अहमियत और बढ़ गई है। डिसएंगेजमेंट के बाद अब गश्त शुरू होगी। ऐसे में न्यौमा के बन जाने से इन इलाकों की देखरेख में काफी आसानी होगी। बता दें कि भारत ने संवेदनशील सीमाई इलाकों में बुनियादी ढांचों के विकास में तेजी दिखाई है। इससे संकेत मिलता है कि वह इन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए किस कदर प्रतिबद्ध है।

भारत ने इन बुनियादी प्रोजेक्ट्स को बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में पूरा किया है। सरकार का पूरा ध्यान लद्दाख जैसे इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने का है ताकि सेना के साथ आम लोगों को भी सहूलियत मिल सके। न्यौमा से सेना के साथ-साथ सिविलियन फ्लाइट्स को भी फायदा मिलेगा। यहां तक एयर कनेक्टिवटी बढ़ने से दूर-दराज के समुदायों तक पहुंच भी बढ़ेगी।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button