इंदौर : छत्रीपुरा की घटना पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- ‘कोई कानून हाथ में लेगा तो बर्दाश्त नहीं करेंगे’

 इंदौर
 हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन कोई कानून व्यवस्था हाथ में लेगा तो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। दीपावली के दिन हिंदू समाज पटाखे फोड़ता है तो कोई कैसे रोक सकता है और रोकेगा तो यह प्रदेश सरकार को बर्दाश्त नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को इंदौर प्रवास के दौरान कही। मीडिया से चर्चा में उन्होंने छत्रीपुरा की घटना को लेकर कहा कि हम सभी को साथ लेकर विकास चाहते हैं, लेकिन कोई कानून हाथ में लेगा तो पीछे नहीं हटेंगे।

कानून सबसे निपटने में सक्षम है। सरकार सक्षम है। कनाडा की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इसकी निंदा करता हूं और सिख बंधुओं का अभिवादन करता हूं कि उन्होंने सामने आकर इस तरह की घटनाओं का विरोध किया है। हाथियों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मप्र की आबोहवा उन्हें रास आ रही है।

सीएम ने कहा- हम प्रदेश के अधिकारियों को कर्नाटक, केरल जैसे प्रदेश ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे ताकि ऐसा योजना बन सके कि जन हानि भी न हो और पशु हानि भी न हो। मुख्यमंत्री ने कुक्षी के परिवार के साथ गुजरात में हुए हादसे को लेकर दुख प्रकट करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की राहत राशि दी है। मुख्यमंत्री पश्चिम क्षेत्र में आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में भी पहुंचे।
‘मातृ-शिशु मृत्युदर कम करने में मददगार होंगे प्रसव प्रतीक्षालय’

श्री अरबिंदो अस्पताल में होने वाले नवाचार मरीजों के लिए हमेशा अच्छे होते हैं लेकिन मुझे लगता है कि गर्भवती महिलाओं और उनकी शिशुओं की अनमोल जान बचाने में प्रसव प्रतीक्षालय का नवाचार विशेष रूप से मददगार साबित होगा। इससे हाई रिस्क प्रसूताओं और ट्रायबल बेल्ट की गर्भवती महिलाओं की मदद होगी। इस अनूठी पहल से शिशु-मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

अच्छी बात यह है कि प्रतीक्षालय में मरीजों के साथ-साथ स्वजन की छोटी से छोटी सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। यह बात मंगलवार को श्री अरबिंदो अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू किए गए प्रसव प्रतीक्षालय के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही।

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे

साथ ही कहा कि इस तरह के नवाचार इंदौर समेत मध्य प्रदेश को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करते हैं। इस मौके पर फाउंडर चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि हम पीएससी, सीएससी आदि के साथ मिलकर सिविल अस्पतालों में शिशु-मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।

सरकार के एनआरएचएम के साथ ट्रेनिंग प्रोटोकाल का विस्तृत माडल प्रोजेक्ट तैयार कर सबसे पहले इंदौर और उज्जैन में शुरू किया जाएगा। डॉ. महक भंडारी ने बताया कि प्रसव प्रतीक्षालय में जैसे ही कोई महिला प्रसव के लिए भर्ती होगी, उसकी 24 घंटे निगरानी के साथ सभी तरह की सावधानियां रखनी शुरू कर दी जाएंगी।

India Edge News Desk

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