इजरायली सेना का गाजा में रिफ्यूजी कैंप पर हमला, 27 लोगों की मौत, 150 घायल

गाजा

गाजा में इजरायली हमले लगातार जारी हैं. आईडीएफ के ताजा हमले में 27 फिलिस्तिनियों की मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है. इससे पहले रविवार को हमास के नाम पर फिर से एक अस्पताल को निशाना बनाया गया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई. वहीं एक जुड़वा नवजात की भी बिना इलाज के मौत हो गई.

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के बाद से इजराली अटैक लगातार जारी हैं. इन हमलों में अबतक 45 हज़ार 500 से ज़्यादा फिलिस्तीन मारे जा चुके हैं. करीब एक लाख लोग घायल हैं. वहीं हमलों की वजह से गाज़ा की करीब 90 फीसदी आबादी को कई बार विस्थापित होना पड़ा है. बताया जा रहा है कि आईडीएफ ने वफा अस्पताल पर हमला किया, जिसमें अस्पताल मलबे में ढ़ेर हो गया.

फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस सदस्य महमूद बसल ने कहा, "इजरायली सेना ने गाजा शहर में अल-वफ़ा मेडिकल अस्पताल को निशाना बनाया. इसमें कई लोगों की मौत हो गई. अस्पताल के कर्मचारियों ने सात मृतकों के शव बरामद किए हैं. कई घायलों को बचाकर अल-अहली अस्पताल में पहुंचाया गया है. ये सभी लोग अस्पताल के बगल में स्थित एक रिफ्यूजी कैंप में शरण लिए हुए थे.''

इन हमले के बाद इजरायल की रटी रटाई प्रतिक्रिया सामने आई है. इसमें कहा गया है कि उसने इमारत के अंदर हमास के लड़ाकों को निशाना बनाकर हमला किया है. वहीं दो मासूम जुड़वा बच्चों की मौत के बाद मातम छाया है. ये जुड़वा बच्चे जन्म के महज़ 20 दिन बाद ही दुनिया से रुख्सत हो गए. उनकी मौत की वजह हाइपोथर्मिया बीमारी बताया जा रहा है. इसका इलाज चल रहा था.

बताया जा रहा है कि शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर ये बीमारी होती है. इन जुड़वा बच्चों का जन्म वक्त से एक महीना पहले हुआ था. लिहाज़ा पर्याप्त इलाज ना मिलने से और ठंड की वजह से दोनों ने दम तोड़ दिया. ऐसे ही कई अन्य बच्चों ने भी टेंट में रहने की वजह से ठंड लगने से मौत का शिकार हो चुके हैं. पूरे गाजा में हाहाकार मचा हुआ है. सीजफायर की मांग हो रही है.

उधर, इजरायल की राजधानी तेल अवीव में लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहां की सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस्तीफा भी मांगा. देश में आम चुनाव कराए जाने की भी मांग की है. उनका दावा है कि पीएम नेतन्याहू बंधकों को छुड़ाने में अबतक असमर्थन रहे हैं. ऐसे में उन्हे पद छोड़ देना चाहिए. इस वक्त 100 से अधिक बंधक हमास के पास हैं.

हजारों की संख्या में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में बमबारी रोकने और हमास से तुरंत समझौते की मांग की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि अगर हमास के साथ जल्द समझौता नहीं होता तो और ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. ये प्रदर्शन ऐसे समय हुआ जब गाजा में युद्धविराम के लिए बातचीत अंतिम दौर में हैं.

 

India Edge News Desk

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