आज भोपाल से पीथमपुर तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर, 337 मिट्रिक टन रासायनिक कचरे का होगा निपटान

भोपाल

 यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में रखा 40 साल से रखा 337 मिट्रिक टन कचरे का का निपटान पीथमपुर में किया जाएगा। इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक 250 किमी तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। कचरे को 12 कंटेनरों से पशिष्ट की पैकिंग, लोडिंग और परिवहन सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ किया जाएगा। कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड तथा क्विक रिस्पॉस टीम रहेगी। यह कंटेनर लीक प्रूफ फायर रेजिस्टेंट हैं। प्रति कंटेनर में दो प्रशिक्षित ड्राइवर नियुक्त हैं। इन कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस से मॉनिटर किया जाएगा। ग्रीन कॉरिडोर भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर से धार होते हुए पीथमपुर के बीच बनेगा।  

यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को भरने का काम रविवार को शुरू हुआ। इसको कंटेनरों में पैक करने के लिए दो सौ से ज्यादा मजदूरों की ड्यूटी लगाई गई। इनकी तीस-तीस मिनट की शिफ्ट लगाई गई,जिससे उनको किसी प्रकार का नुकसान ना हो यह सुनिश्चित किया जा सके। मजदूरों को पीपीई किट दी गई और उनका बल्ड प्रेशर नापने की मशीन भी रखी गई।

2015 में किया 10 मीट्रिक टन कचरे का निपटान
सीपीसीबी की कॉनिटरिंग में सभी निर्धारित पैरामीटर अनुसार सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 10 मीट्रिक टन अपशिष्ट विनिष्टिकरण का ट्रॉयल रन-2015 में किया गया। शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का निष्पादन सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों के अनुक्रम में तथा उच्च न्यायालय द्वारा गठित ओवर साइट कमेटी/टास्क फोर्स कमेटी के निर्णय 19 जून 2023 के अनुक्रम में किया जा रहा है।  
 

पीथमपुर में रासायनिक कचरे के निपटान के बनाया प्लांट
मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों में निकलने वाले रासायनिक तथा अन्य अपशिष्ट निष्पादन के लिए धार जिले के पीथमपुर में प्लांट लगाया गया है। यहां पर भस्मीकरण से अपशिष्ट पदार्थाें का निपटान किया जाता है। यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा जनित खतरनाक एवं रासायनिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिए स्थापित किया गया है। यह प्लांट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशो निर्देेशानुसार संंचालित हैं। देश में पीथमपुर जैसे 42 संयंत्र क्रियाशील हैं, जिसमें ऐसे रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का उपचार उपरांत निपटान किया जाता है। पीथमपुर में स्थापित यह कॉमन हैज़र्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोज़ल फैसिलिटी (CHW-TSDF) एक अत्याधुनिक सुविधा है, जिसमें ख़तरनाक कचरे को सटीकता और सुरक्षा के साथ निष्पादन करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।

मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है
काफिले के साथ पुलिस की गाड़ियां और एम्बुलेंस रहेगी जिससे आपात स्थिति में काफिले के साथ मौजूद स्टाफ को ज़रूरत पड़ने पर त्वरित मेडिकल सहायता उपलब्ध हो सकेगी. सभी केमिकल को विशेष तरह के बैग्स में भरा जा रहा है, जिसमें लीकेज नहीं होता. कचरा हटाने के लिए जो मजदूर लगाए गए हैं, उन सब का हेल्थ चेकअप किया गया है।

एक मजदूर को सिर्फ 30 मिनट काम करना होगा, जिसके बाद दोबारा काम शुरू करने से पहले उसे आराम करने का समय दिया जाएगा. एक ट्रक में 30 टन कचरा डाला जाएगा. हर मजदूर को सुरक्षा किट और मास्क के साथ ही फैक्ट्री में प्रवेश दिया जा रहा है।

पीथमपुर में रासायनिक कचरे के निपटान के बनाया प्लांट 
मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों में निकलने वाले रासायनिक तथा अन्य अपशिष्ट निष्पादन के लिए धार जिले के पीथमपुर में प्लांट लगाया गया है। यहां पर भस्मीकरण से अपशिष्ट पदार्थाें का निपटान किया जाता है। यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा जनित खतरनाक एवं रासायनिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिए स्थापित किया गया है। यह प्लांट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशो निर्देेशानुसार संंचालित हैं। देश में पीथमपुर जैसे 42 संयंत्र क्रियाशील हैं, जिसमें ऐसे रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का उपचार उपरांत निपटान किया जाता है। पीथमपुर में स्थापित यह कॉमन हैज़र्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोज़ल फैसिलिटी (CHW-TSDF) एक अत्याधुनिक सुविधा है, जिसमें ख़तरनाक कचरे को सटीकता और सुरक्षा के साथ निष्पादन करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। 

 

India Edge News Desk

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